कहा- फीस बढ़ने से किसानों और व्यापारियों पर पड़ेगा विपरीत असर
पेट्रोल-डीजल की भारी बढ़ोतरी व बढ़ती महंगाई के बाद महामारी से जूझते किसानों ,व्यापारियों पर डाला एक और बोझ- हुड्डा
हमारी सरकार ने फल-सब्जियों पर मंडी फीस को किया था जीरो, मौजूदा सरकार ने किया 2 प्रतिशत- हुड्डा

25 जून, चंडीगढ़ः पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने मंडी और HRDF फीस में की गई बढ़ोत्तरी का विरोध जताते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार के समय फल-सब्जियों पर मंडी फीस को शून्य कर दिया गया था। लेकिन मौजूदा सरकार ने पिछले लॉकडाउन के दौरान इसे बढ़ाकर 2 प्रतिशत कर दिया। किसानों और व्यापारियों पर एक और मार मारते हुए अब सरकार ने मंडी और एचआरडीएफ फीस को 1% से बढ़ाकर सीधे 4% कर दिया। हुड्डा ने कहा कि मंडी फीस का आखिरकार अप्रत्यक्ष तौर पर असर किसानों पर ही पड़ता है। क्योंकि व्यापारियों से फीस ज्यादा वसूली जाएगी तो वो इसकी वसूली किसानों से करेगा और उनको कम भाव देगा। स्पष्ट है कि सरकार ने पेट्रोल-डीजल की भारी बढ़ोतरी व बढ़ी महंगाई , के बाद कॉरोना महामारी के बीच किसानों पर एक और बोझ डालने का काम किया है। हरियाणा सरकार द्वारा धान पर लगाई गई फीस पड़ोसी राज्यों की तुलना में कहीं ज्यादा है। ऐसे में व्यापारी हरियाणा की बजाय दूसरे प्रदेशों में व्यापार करना पसंद करेंगे। इसका सीधा नुकसान प्रदेश की मंडी व्यवस्था और किसानों को होगा।

हुड्डा ने आगे कहा कि हमारी सरकार के दौरान मंडी से होने वाली आय से गांवों व ग्रामीण सड़कों का खूब विकास करवाया गया था। साथ ही, कांग्रेस कार्यकाल में मंडियों के विस्तार पर खास जोर दिया गया था। हर 10 किलोमीटर में मंडी स्थापित की गई। कई शहरों कस्बों में बड़ी-बड़ी आधुनिक मंडियां स्थापित की गई थी। लेकिन बीजेपी सरकार के दौरान आधारभूत ढांचे को सुधारने के लिए ऐसी कोई पहल नहीं हुई। ऐसे में मंडी फीस में बढ़ोत्तरी का औचित्य समझ से परे है। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार की तरफ से की गई फीस बढ़ोत्तरी को वापिस लिए जाना चाहिए।

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