योग ऋषि-मुनियों द्वारा विश्व को दिया गया अनमोल उपहार : प्रोफेसर बी.आर. काम्बोज

एचएयू में बी विद योग, बी एट होम थीम के साथ मनाया योग दिवस
एचएयू में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का आयोजन

हिसार : 21 जून – चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का आयोजन बी विद योग, बी एट होग के साथ किया गया। इस सीमित से कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर बी.आर. काम्बोज बतौर मुख्यातिथि उपस्थित हुए। उन्होंने कहा कि योग को हमें अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाना चाहिए ताकि हमें स्वस्थ रह सकें। योग 5000 साल पुराना भारतीय दर्शन शास्त्र है। योग का वर्णन विभिन्न ग्रंथों जैसे वेद, उपनिषद, श्रीमदभगवतगीता इत्यादि में मिलता है। योग अध्यात्मिक अनुशासन एवं अत्यंत सूक्ष्म विज्ञान पर आधारित ज्ञान है जो मन और शरीर के बीच में सामंजस्य स्थापित करता है। योग स्वस्थ जीवन की कला व विज्ञान है। योग भारत के ऋषि- मुनियों द्वारा विश्व को दिया गया एक अनमोल उपहार है। योग प्रात: काल में की जाने वाली क्रिया मात्र नहीं है बल्कि यह रोजमर्रा के कार्यों को कुशलतापूर्वक और पूरी सतर्कता के साथ करने की शक्ति भी है। योग हमारी सोच, कार्य, ज्ञान और समर्पण को बल देता है और हम बेहतर इंसान बनने में सहायक है। योग हमें अपने परिवार अपने समाज और समस्त संसार के साथ एक सूत्र में जुड़े होने की अनुभूति देता है। आज की भाग दौड़ भरी जिंदगी में व्यक्ति अनेक बीमारियों से ग्रस्त होता जा रहा है जैसे तनाव, डिप्रेशन (अवसाद) मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हृदय संबंधी इत्यादि बीमारियां धीरे-धीरे व्यक्ति को मार रही हैं, योग के द्वारा इन सभी समस्याओं का समाधान संभव है। योग उम्र, लिंग, जाति, पंथ, धर्म और राष्ट्र के बंधन और सीमाओं से परे है।

रोग से निरोग होने का मार्ग योग

योगाभ्यास तनाव से मुक्ति पाने और मन को प्रसन्न व शांत रखने में अत्यंत मददगार है। रोग से निरोग होने का मार्ग योग है। योग अभ्यास का उद्देश्य सभी प्रकार के दुखों से निवृत्ति प्राप्त करना है, जिससे प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में पूर्ण स्वतंत्रता तथा स्वास्थ्य प्रसन्नता एवं सामंजस्य का अनुभव कर सके। योग मन को शांति प्रदान करता है जो न केवल शारीरिक स्वास्थ्य बल्कि मानसिक, आध्यात्मिक व सामाजिक स्वास्थ्य भी प्रदान करता है। वर्तमान समय की इस महामारी के दौरान योग का महत्व ओर अधिक बढ़ गया क्योंकि नियमित रूप से योगाभ्यास शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में काफी कारगर साबित हुआ है। विश्वभर में लोगों ने घर रहकर योग का सहारा लिया और स्वयं इस संकट की घड़ी से निजात पाने में सफल हुए। उन्होंने कहा कि मेहनत करके इंसान धन, दौलत व प्रसिद्धी तो हासिल कर सकता है लेकिन मन की शांति स्वस्थ शरीर योग से ही संभव है। छात्र कल्याण निदेशक डॉ. देवेंद्र सिंह दहिया ने बताया कि विश्वविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का आयोजन के दौरान फिजिकली रूप से केवल विश्वविद्यालय के अधिष्ठाताओं और निदेशकों को ही आमंत्रित किया गया था। इसके अलावा विश्वविद्यालय के शिक्षकों, गैर शिक्षक कर्मचारियों व विद्यार्थियों ने घर रहकर आयुष विभाग की विभागीय वेबसाइट https://ayushharyana.gov.in से ऑनलाइन माध्यम से जुडक़र योगाभ्यास किया। योग प्रशिक्षक रोहताश ने इस दौरान विभिन्न योग क्रियाएं कराई। इस कार्यक्रम का आयोजन सह-छात्र कल्याण निदेशक(खेल) डॉ. सुशील लेगा, खेल प्रशिक्षक डॉ. बलजीत गिरधर व हकृवि योग क्लब के अध्यक्ष डॉ. संदीप आर्य के सहयोग से किया गया।

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