सरकारी काम

मनोहर सरकार कई तरह के कामों में खुद को व्यस्त रखने के नित नए नुस्खे खोजती रहती है। जैसे कि सरकार ने तीन श्रेणियों में हरियाणा के अफसरों को विभाजित किया है। एक वो जो सरकार की नीतियों को सिरे चढाने के लिए मेहनत करते हैं। दूसरे वो जो खुद के महिमामंडन में लगे रहते हैं। सरकार का काम कम करते हैं,लेकिन मीडिया में अपना प्रचार ज्यादा करते-करवाते हैं। तीसरी श्रेणी में वो लोग हैं जो एक नंबर के नकारा-निखटठू हैं, और सरकार के कामों को सिरे चढाने में तनिक भी दिलचस्पी नहीं लेते।

अब सरकार ने बड़े चाव से ये तीन श्रेणियां बना-बनवा तो ली हैं,पता नहीं कभी ये किसी काम आ पाएंगी या नहीं? इसके आधार पर कभी अफसरों के तबादले हो भी पाएंगे के नहीं?