-25 जून तक करना होगा पंजीकरण चण्डीगढ़, 14 जून-‘रहिमन पानी राखिये, बिन पानी सब सून…।’ ये पंक्तियां इस बात का अंदाजा लगाने के लिए काफी हैं कि पानी की गैर-मौजूदगी में हालात कितने भयावह हो सकते हैं। इसलिए जल संरक्षण न केवल मानवता के अस्तित्व के लिए जरूरी है बल्कि मजबूरी भी है। हरियाणा में बड़े पैमाने पर बोई जाने वाली धान की फसल पानी की अत्यधिक खपत और इसमें कीटनाशकों के होने वाले अन्धाधुंध इस्तेमाल के चलते यह फसल न केवल किसान के लिए घाटे का सौदा बनकर रह गई है बल्कि पर्यावरण व जल संरक्षण के लिहाज से भी बड़ी कीमत चुकानी पड़ रही है। राज्य सरकार ने स्थिति की गम्भीरता को समझते हुए फसल विविधिकरण को बढ़ावा देने के लिए कई तरह की योजनाएं शुरू की हैं। इसी कड़ी में, पिछले साल शुरू की गई ‘मेरा पानी-मेरी विरासत’ योजना ने आमजन को एक नई राह दिखाने का काम किया है। यह योजना अपनाने पर किसान को प्रति एकड़ 7 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाती है। कृषि मंत्री जेपी दलाल ने बताया कि योजना के तहत जिन किसानों ने पिछले साल अपने खेत में धान की रोपाई की थी और इस वर्ष उसी खेत में वैकल्पिक फसल जैसे-मोठ, उड़द, सोयाबीन, ग्वार, तिल, मूंगफली, अरंडी, खरीफ प्याज, खरीफ सीजन की चारा फसलें, कपास, मक्का, अरहर, मूंग व विभिन्न सब्जियां, पशुचारा उगाने या फिर खेत को खाली रखने पर किसान को प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी। उन्होंने बताया कि प्रोत्साहन राशि दो किस्तों में दी जाएगी। दो हजार रुपए प्रति एकड़ की पहली किस्त संबंधित कमेटी द्वारा खेत का भौतिक सत्यापन करने के बाद तथा पांच हजार रुपए प्रति एकड़ की दूसरी किस्त ‘मेरी फसल-मेरा ब्यौरा’ पोर्टल के माध्यम से फसल की बिक्री के दौरान सत्यापन होने पर दी जाएगी। उन्होंने बताया कि इस बार ‘मेरा पानी-मेरी विरासत’ योजना से बाजरा फसल को बाहर कर दिया गया है। कृषि मंत्री जेपी दलाल ने बताया कि इस योजना के तहत जिन किसानों ने पिछले वर्ष अपने धान के खेत में वैकल्पिक फसल बोई थी, चालू खरीफ सीजन में भी यदि वे उस खेत में वैकल्पिक फसलों की बिजाई करते हैं तो उन्हें भी प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। इस योजना के अंतर्गत जो किसान पिछले वर्ष धान वाले खेत में चारे की फसल लेते हैं या अपने खेत को खाली रखते हैं तो उन्हें भी प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। इस योजना के तहत सभी वैकल्पिक फसलों को सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदा जाएगा। फसल विविधिकरण योजना के अंतर्गत सभी वैकल्पिक फसलों का बीमा भी विभाग द्वारा करवाया जाएगा, जिसके प्रीमियम की अदायगी प्रोत्साहन राशि से की जाएगी। उन्होंने बताया कि इस योजना को क्रियान्वित करने और फसल विविधिकरण को बढ़ावा देने तथा तकनीकी जानकारी हेतु किसानों को गांव स्तर पर कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा वैकल्पिक फसलों की बिजाई करने की पूरी जानकारी दी जाएगी। योजना का लाभ लेने के लिए इच्छुक किसानों को ‘मेरा पानी-मेरी विरासत’ व ‘मेरी फसल-मेरा ब्यौरा’ पोर्टल पर आगामी 25 जून, 2021 तक पंजीकरण करना होगा। अधिक जानकारी के लिए किसान विभाग के टोल फ्री नंबर 1800-180-2117 पर सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक कि सी भी कार्य दिवस को सपंर्क कर जानकारी ले सकते हैं। Post navigation एयरोस्पेस उद्योग में होगी तरक्की की उड़ान, 7 हजार करोड़ के निवेश से मिलेगा 31 हजार को रोजगार अनिल विज ने कॉमिक पुस्तिका ‘‘बच्चे, वायु और कोरोना 6- कोविड वेरिएंट बनाम वैक्सीन योद्धा’’ का किया विमोचन