भिवानी/मुकेश वत्स

 परमहंस तपोभूमि योग आश्रम धाम के प्रांगण में सात दिवसीय रूद्र महायज्ञ का पूरे भक्ति भाव व श्रद्धा के साथ समापन हुआ। इस अवसर पर कार्यक्रम में सानिध्य महाराज कृष्णानंद सरस्वती का रहा।

भक्तों को दिए गए अपने संदेश में  महाराज कृष्णानंद सरस्वती ने कहा कि भगवान शिव का 11वां अवतार रूद्र अवतार हनुमान थे। उन्होंने कहा कि भगवान रूद्र की पूजा हमें शक्ति प्रदान करती है, बल्कि हमें कई तरह की बुराइयों से भी बचाती है। उन्होंने कहा कि रुद्र महायज्ञ में भाग लेने से हमारी शारीरिक शक्तियां प्रबल होती हैं। श्री महाराज ने कहा कि जिस प्रकार भगवान विष्णु के 24 अवतार हैं, उसी प्रकार भगवान शिव के भी 28 अवतार हैं।

उन्होंने कहा कि भगवान शिव के पूजन के लिए उचित समय प्रदोष काल में होता है। देवी लक्ष्मी, देवी इंद्राणी, देवी सरस्वती, देवी गायत्री, देवी सावित्री, देवी सीता, देवी पार्वती ने भी शिवरात्रि का व्रत करके भगवान शिव का पूजन किया था।

राम भक्त हनुमान को शिव का अवतार माना गया है, जिसका रामचरितमानस में भी जिक्र है। श्री महाराज ने बताया कि भगवान विष्णु ने धर्म की स्थापना और अपने जय विजय को जन्मों से मुक्त करने के लिए राम का अवतार लिया था। तब शिव ने अपने आराध्य भगवान विष्णु की मदद के लिए हनुमान अवतार लिया था।

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