करनाल के साथ लगती यूपी की सीमा पर 20 स्थानों पर पिल्लर लगाने का कार्य आगामी 15 जुलाई तक पूरा होगा

चंडीगढ़,12 जून – हरियाणा के वित्त आयुक्त और राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री संजीव कौशल ने कहा है कि पूरे हरियाणा राज्य में स्वामित्व योजना का कार्य आगामी 90 दिनों में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है ताकि जल्द से जल्द इस कार्य को पूरा करके गाँवों को लाल डोरा मुक्त किया जा सके।

श्री कौशल आज यहां वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राज्य के सभी जिलों के उपायुक्तों के साथ विभिन्न योजनाओं के संबंध में समीक्षा बैठक कर रहे थे। उन्होंने अधिकारियों को इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए निर्देश भी दिये और कहा कि पूरी लगन व समर्पित भाव से इस योजना को सिरे चढ़ाने का काम किया जाए।

उन्होंने बताया कि इस योजना को सबसे पहले हरियाणा राज्य में लागू किया था तथा उसके बाद केंद्र सरकार ने इस योजना की खूबी को देखते हुए पूरे देश में लागू किया। उन्होंने बताया कि यह योजना अब पूरे देश में लागू की जा चुकी है और उन्हें पूरी उम्मीद है कि इस योजना को सबसे पहले हरियाणा राज्य अपने यहां पूरा करेगा।

श्री कौशल ने अधिकारियों से बातचीत करते हुए कहा कि राज्य में अब कोविड-19 का प्रकोप काफी हद तक कम हो चुका है और हरियाणा का पॉजिटिविटी रेट 1.24 प्रतिशत रह गया है इसलिए इस योजना को पूरा करने के कार्य में तेजी लाई जाए।  

श्री कौशल ने हरियाणा के साथ लगती उत्तर प्रदेश सीमा पर सीमांकन के संबंध में बताया कि करनाल के साथ लगती यूपी की सीमा पर 20 स्थानों पर पिल्लर लगाने का कार्य आगामी 15 जुलाई तक पूरा कर लिया जाएगा। इसके अलावा, पानीपत, सोनीपत, पलवल, फरीदाबाद और करनाल के उपायुक्तों की एक बैठक आगामी 16 जून,2021 को करनाल में आयोजित की जाएगी, जिसमें इन सभी अधिकारियों को करनाल में यूपी की सीमा के साथ लगते सीमांकन क्षेत्र का दौरा भी कराया जाएगा ताकि वह अपने-अपने जिले में उत्तर प्रदेश की सीमा के साथ लगते क्षेत्र में इस कार्य को करने में सक्षम हो सकें। इसी प्रकार, उन्होंने सर्वे ऑफ इंडिया के अधिकारियों को भी निर्देश दिए कि वे उत्तर प्रदेश एवं दिल्ली के साथ लगती हरियाणा की सीमा के क्षेत्र का स्ट्रिप मैप भी तैयार करें ताकि जल्द से जल्द विवादों को निपटाया जा सके।

उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा जल्द ही 10 ड्रोन भी खरीदे जाएंगे ताकि स्वामित्व परियोजना को निर्धारित समयसीमा के भीतर पूरा किया जा सके। इसी प्रकार, श्री कौशल ने हर जिलों में तैयार होने वाले मॉडर्न रेवेन्यू रिकॉर्ड  के लिए भी उपायुक्तों को निर्देश दिए और कहा कि इस परियोजना को पूरा करने के संबंध में हर सप्ताह क्षेत्रीय स्तर पर समीक्षा भी की जाएगी।

देश के सभी गांवों की संपत्ति की ड्रोन से मैपिंग, गांव के लोगों को मिलेगा मालिकाना प्रमाणपत्र

उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय पंचायत दिवस के दिन ही स्वामित्व योजना की शुरुआत की गई है, जिसके तहत गांव की जमीन की वैज्ञानिक तरीके से ड्रोन का इस्तेमाल करते हुए माप या पैमाइश की जाएगी। वास्तव में, स्वामित्व योजना गांव की संपत्तियों के सही आकलन करने का प्रयास है, जिसके तहत देश के सभी गांवों की संपत्ति की ड्रोन से मैपिंग की जाएगी और गांव के लोगों को एक मालिकाना प्रमाणपत्र दिया जाएगा। इससे संपत्ति को लेकर जो भ्रम की स्थिति बनी रहती है वो एक हद तक दूर हो जाएगी। इससे गांव में विकास योजनाओं की प्लानिंग सही तरीके से होगी। अब शहरों की तरह ही गांवों में भी ग्रामीण बैंकों से ऋण ले सकते हैं क्योंकि जब ग्रामीणों के पास स्वामित्व होगा तो उस संपत्ति के आधार पर वे बैंक से ऋण ले सकेंगे।

वहीं वैज्ञानिक तकनीक के जरिए मालिकाना हक से गांवों के निवासी अपनी संपत्ति का वित्तीय उपयोग भी सुनिश्चित कर पाएंगे। इससे गांवों के आवासीय क्षेत्र का रिकॉर्ड भी पंचायतों को प्रदान कर सकेंगे। इससे संपत्तियों को कर संग्रह के दायरे में भी लाया जा सकेगा और इससे आसानी से कर संग्रह संभव हो पाएगा। इस आमदनी से पंचायतें अपने ग्रामीण क्षेत्र में बेहतर और कारगर सुविधाएं भी दे पाएंगी। स्वाभाविक है कि संपत्ति के स्पष्ट आकलन और मालिकाना हक का निर्धारण होने से उनकी कीमतों में भी तेजी आएगी। देखा जाए तो ड्रोन सर्वेक्षण तकनीक के उपयोग से ग्राम पंचायत के पास गांव का सटीक रिकॉर्ड और मानचित्र होगा, जिसका उपयोग कर वसूली, भवन निर्माण के लिए परमिट जारी करने और अवैध कब्जा समाप्त करने आदि के लिए किया जा सकता है।

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