गांव खुर्रमपुर में पिछले दो माह से बना पेयजल संकट. 24 घंटे में नहीं हल तो सड़क जाम कर मटका फोड़ेंगी

फतह सिंह उजाला
पटौदी।    गांव खुर्रमपुर में पिछले दो माह से पेयजल संकट की मार झेल रही ग्रामीण महिलाओं का आखिर गुस्सा फूट ही गया। गांव दो दर्जन से अधिक महिलाए पानी की सप्लाई सुचारु रुप से चलाने की मांग को लेकर शुक्रवार को फर्रुखनगर स्थित बुस्टर नंबर एक पर अपनी शिकायत लेकर पहुंची और जेई से मिली। जेई रामसिंह ने ग्रामीण महिलाओं को पीने के पानी की सप्लाई में आ रही बाधा को दूर करने का आश्वासन दिया। गुस्साई महिलाओं ने जेई व संबधित विभाग के कर्मचारियों को धमकी दे डाली की अगर 24 घंटे में उनकी समस्या का समाधान नहीं किया गया तो वह सड़क जाम करके मटका फोड प्रर्दशन के लिए मजबूर हो सकती है।

दी शिकायत में बिंदू, सुनील, भूपेंद्र सिंह, गीता देवी, रीना, कैलाश, लक्ष्मी, निर्मला, प्रवीन देवी, बिमला, मुकेश देवी, लाली देवी, देव, संतरा देवी, प्रेम, सीमा, सुनिता आदि का कहना है कि एक तरफ तो प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री घर घर तक पीने का पानी पहुंचाने की मुहिम में जुटे हुए है वहीं अधिकारियों और कर्मचारियों की लापरवाही के चलते ग्रामीण पानी की एक एक बूंद को तरस गए है। उन्होंने बताया कि गांव खुर्रमपुर में लगभग दो महीने से पीने के पानी की किल्लत हो रही है। जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग द्वारा लगाएं गए दो बौरवेल द्वारा गांव में पीने के पानी की सप्लाई की जाती है। दोनों बौरवेल गांव से करीब दो से तीन किलों मीटर की दूरी पर है। गांव में पानी की सप्लाई नाम मात्र हो रही है। जबकि गांव और टयूबैलों के बीच रास्ते में रहने वाले लोगों ने खेतों में पाईप लाईन से कनैक्सन किए हुए है। उनके घरों व खेतों में पानी की सप्लाई ठीक चल रही है। पीने के पानी से फसलों व पशुचारे ज्वार, बाजरे की सिंचाई की जाती है। जबकि उनके घरों तक पानी पहुंच ही नहीं रहा है। उनके घरों तक दबाई गई पानी की पाईप लाईन उंचाई पर है। जिसके कारण पानी पहुंता ही नहीं है।

पेयजल संकट के चलते गांव की महिलाओं की इस झुलस देने वाली गर्मी और तेज धूप में सिर पर मटका रख कर गांव के खेतों में बने टयूबलों  से पानी ढोहने पर मजबूर होना पड़ रहा है। जिससे घर में परिजनों और पशुओं को पानी पिलाने के उन्हें दिन रात पानी ढोहना पड़ रहा है। इस बारे में सम्बंधित विभाग के अधिकारियों को कई बार शिकायत कर चुके है। लेकिन पानी की समस्या का समाधान नहीं किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि अगर शिघ्र ही विभगीय अधिकारियों ने खेतों में पीने के पानी से फसलों की सिंचाई करने वाले लोगों के कनैक्सन नहीं काटे और उन्हें पीने का पानी नहीं मिला तो वह मटका फोड प्रर्दशन और मुख्यमंत्री को पत्र लिखने में गुरेज नहीं करेंगी। उन्होंने कहा कि विभागीय अधिकारी अपने दफ्तरों में आराम फरमाते है और हम पीने के पानी के लिए तरस रहे है। विभाग द्वारा गांव के प्रभावित घरों की सर्वे करानी चाहिए। उन्होंने बताया कि पटौदी विधानसभा क्षेत्र से विधायक द्वारा गांव की पेयजल संकट के समाधान के लिए चंदू बुढेडा वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से नहरी पानी लाने की घोषणा की हुई है। परंतू नहरी पानी तो दूर गांव के सरकारी टयूबैलों से ही ग्रामीणों को पीने का पानी नसीब नहीं हो रहा है।

जनस्वास्थ्य एंव अभियांत्रिकि विभाग फर्रुखनगर ईकाई के जेई रामसिंह व गांव खुर्रमपुर एरिया की पेयजल आपूर्ति का चार्ज संभाल रहे जेई अनिल कुमार ने ग्रामीण महिलाओं को आश्वासन दिया की जिन घरों में पानी की सप्लाई बाधित है और जो लोग पीने के पानी से पशुओं के चारों की खेतों में सिंचाई कर रहे है उनकी 24 घंटे में सर्वें करवाई जाएगी। जो व्यक्ति पीने के पानी से सिंचाई कर रहे है उनके पानी के कनैक्सन काटे जाएंगे और उनके खिलाफ उचित कार्रवाई के लिए उच्च अधिकारियों को रिर्पोट भेजी जाएगी। उन्होंने आश्वासन दिया की सरकार की योजना के तहत प्रत्येक घर में पीने के पानी की सप्लाई सुचारु रुप से करा दी जाएगी।

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