कमलेश भारतीय

शुद्ध भाषा का ज्ञान आकाशवाणी व दूरदर्शन केंद्र से ही मिला। यह कहना है डाॅ निशा का जो दिल्ली के महाराजा अग्रसेन इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट में एसिस्टेंट प्रोफेसर हैं । मूल रूप से रोहतक निवासी निशा का ननिहाल है हिसार में । मां सुशीला सैनी हैं यहां से ।

पढ़ाई लिखाई कहां कहां से ?
-सोनीपत के जीवीएम काॅलेज से ग्रेजुएशन व गुरु जम्भेश्वर विश्वविद्यालय के जनसंचार विभाग से दो वर्ष की डिग्री । फिर एम फिल सिरसा से और पीएचडी प्रो मनोज दयाल के निर्देशन में ।

-हिसार सिटी चैनल से कैसे जुड़ी?
-न्यूज रीडर यानी समाचार वाचक । फिर दूरदर्शन हिसार और आकाशवाणी हिसार पर भी जुड़ी ।

-आकाशवाणी में क्या?
-युवा कार्यक्रम का संचालन ।

-क्या सीखा ?
-शुद्ध भाषा बोलना सीखा इन दोनों केंद्रों से । शुद्ध भाषा सीखने का इनसे बेहतर कोई माध्यम नहीं ।

-हिसार का क्या अनुभव या याद ?
-हिसार बल्कि गुरु जम्भेश्वर विश्वविद्यालय मुझे मेरे मायके जैसा लगता है । सन् 2002 से 2013 तक इससे लगाव और जुड़ाव रहा । पीएचडी करने तक । छह साल पढ़ाया भी जनसंचार में । अब भी दिल करता है कि उड़ कर पहुंच जाऊं ।

-कोई और जगह भी काम किया ?
-लोकसभा चैनल में चयन हो गया था लेकिन इसी बीच महाराजा अग्रसेन इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट में जाॅब मिली गयी तो ज्वाइन नहीं किया ।
-क्या करना चाहोगी गुजवि के लिए ?
-अपनी छात्राओं को मार्गदर्शन । वे दिल्ली में किसी भी प्रतियोगिता में पिछड़ न जायें । वे किस तरह प्रतियोगी परीक्षाओं में पिछड़ न जाएं ।

-कोई किताब?
-विज्ञापन पर पुस्तक तैयार कर रही हूं ।

-कोई पुरस्कार/सम्मान?
-काॅलेज में मिस फेयरवेल चुनी गयी थी ।

हमारी शुभकामनाएं डाॅ निशा को ।

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