-कमलेश भारतीय

वैसे तो गाने की पंक्तियां हैं -यह देश है वीर जवानों का , इस देश का यारो क्या कहना,,,,पर आज मेरा इसे बदलने का मन हुआ है -यह देश है परम संतों का इस देश का यारो क्या कहना ,,,

यह कोई पहली बार नहीं है और न ही आखिरी बार । यह होता आया है और इस लचर व्यवस्था में यह होता रहेगा । याद करता हूं तो एक ब्रह्मचारी याद आते हैं । कितना रुतबा था उनका और चर्चा भी राजनीतिक गलियारों में । हैरानी पिछले दिनों हुई जब यह बात सामने आई कि एई समय राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत उनके कोपभाजन के शिकार हुए । बात कुछ भी नहीं थी । किसी फ्लाइट में वे एक भी जहाज पर सवारी कर रहे थे । अशोक गहलोत ने साष्टांग प्रणाम नहीं किया । ब्रह्मचारी को । बस । केंद्र में कुर्सी हिल गयी । आजकल भी संतों की महिमा न्यारी है सब जगह । हमारे संत राजनीति को दिशा दिशा देते रहते हैं और राजनेता भी इनकी शरण में जाते रहते हैं । खासतौर पर चुनाव के दिनों में । इनके श्रद्धालुओं के वोट पाने की चाह में । इन परम संतों की महिमा अपरंपार है । देखते देखते इनके आश्रम करोड़ों अरबों रुपये की सम्पत्तियों में बदल जाते हैं । फिर भी हमारे राजनेता इन्हीं आश्रमों को और अनुदान की घोषणा करते हैं । पिछली बार हमारे हरियाणा के पंडित जी मंत्री ने एक आश्रम को ऐसे ही अनुदान देने को घोषणा की थी और कुछ समय बाद ये चर्चा में आ गये ।

हमारे एक संत बुरी तरह छटपटा रहे हैं जेल से बाहर आने के लिए और कोर्ट कह रहा है कि यदि इनको जमानत मिली तो इनके अंधभक्तों को संभालना मुश्किल हो जायेगा। इतना खतरा रहता है । वैसे ये कुटिया में क्या गुल खिलाते हैं कि जेल जाने की नौबत आ जाती है ।हरियाणा इस मामले में सराहनीय है कि एक तथाकथित संत की गिरफ्तारी के लिए इनके अंधभक्तों की परवाह नहीं की और गिरफ्तार कर लिया । बेशक करोड़ों अरबों रुपये को सम्पत्ति नष्ट हो गयी और एकखूबसूरत शहर को बदसूरती की मिसाल बना दिया गया। तथाकथित संत अनगिनत कारों का काफिला लेकर गिरफ्तारी देने आया बड़ी शान से । मीडिया पूरे राह में क्यों की भागती और धूल उड़ाती कवरेज करता रहा । धन्य है इनकी महिमा । फिर भी हिम्मत की दाद देते हैं कि गिरफ्तार करके दिखा दिया । अब ये तथाकथित संत बीमार हैं । जेल प्रशासन इन पर मेहरबान है । इनकी सेवा में तत्पर । हरियाणा के बड़े अस्पताल में भर्ती करवा दिया । अटेंडेंट भी मनचाही बुलवा दी । अब तो महिमा समझो । दूसरी ओर इन संत महोदय को जेल की सलाखों के पीछे पहुंचाने वाला युवक पूछ रहा है कि क्या किसी और कैदी पर भी जेल प्रशासन इतना मेहरबान है ? यदि गंभीर बीमारी हो तो पीजीआई ले जाते हैं । ऐसा वीआईपी इलाज क्या किसी दूसरे कैदी को मिलता है ?
वैसे यह भी पुराना चलन है । जेल से बाहर आने या जेल की तकलीफों से बचने का । जरा सा किसी बड़े नेता की गिरफ्तारी की नौबत आती है तो वे किसी गंभीर रोग से पीड़ित बताये जाते हैं और उन्हें जेल की बजाय अस्पताल के आरामदायक बिस्तर तक पहुंचा दिया जाता है । ऐसे कितने उदाहरण हैं ।

यह देश सचमुच परम संतों का देश है। हिमाचल से मुश्किल से दक्षिण के एक संत को पकड़ा जाता है । कसूर था कि एक एक्ट्रेस के साथ उनका अंतरंग वीडियो । फिर वह संत जमानत पाकर संत का संत । यह हमारे देश मे ही संभव है । ये कहानियां अनंत हैं और अनंत ही रहेंगीं । हमें अंधविश्वास के काले अंधेरे से बाहर निकलना होगा । कितने ही किस्से हैं और कितनी ही कहानियां ,,,
जहां डाल डाल पर संतों का है डेरा
वो भारत देश है मेरा
जय भारती,,,जय भारती,,,

इन तथाकथित संतों के चलते जो शुद्ध मंगल भावना वाले संत हैं उनकी छवि भी संकट में पड़ रही है ,,,

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