बिना एसएलसी के सरकारी स्कूलों द्वारा बच्चो को दाखिला देना निजी स्कूलों के हितों का हनन :~ नरेंद्र सेठी ,सर्व हरियाणा प्राइवेट स्कूल संघ प्रदेशाध्यक्ष

शिक्षा विभाग द्वारा जारी नई शिक्षा नियमावली 2003 संशोधित को पूरा करने के लिए निजी स्कूलों ने की समय देने की मांग

हिसार : ~ हरियाणा में निजी स्कूलों की समस्याएं कम नही हो रही हैं आये दिन शिक्षा विभाग द्वारा कुछ न कुछ नियम थोप दिया जाता हैं जिसके कारण हरियाणा के प्राइवेट स्कूलों को समस्याओं का सामना करना पड़ता हैं

बिना एसएलसी के सरकारी स्कूलों द्वारा दाखिला करने का मामला अभी ठंडा भी नही हुआ था कि शिक्षा विभाग द्वारा नई शिक्षा नियमावली 2003 संशोधित का गजट नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया

पहले से ही चला आ रहा एसएलसी मामला जो प्राइवेट स्कूलों के लिए खतरनाक साबित हो रहा था जिसमे बिना स्कूल एसएलसी छात्रों का नामांकन निजी से सरकारी स्कूल में करने के मामले में हाइकोर्ट ने हरियाणा सरकार को नोटिस जारी किया हुआ हैं जिसमे हरियाणा शिक्षा विभाग के सरकारी स्कूलों द्वारा बिना एसएलसी के सरकारी स्कूलों में प्रवेश लेने वाले छात्रों के नामांकन एमआईएस पोर्टल पर जाकर निजी से सरकारी स्कूल में कर सकता हैं इस मामले में सर्व हरियाणा प्राइवेट स्कूल संघ द्वारा कोर्ट में याचिका दाखिल की हुई हैं

सर्व हरियाणा प्राइवेट स्कूल संघ के प्रदेश अध्यक्ष नरेंद्र सेठी ने बताया कि लॉक डाउन के दौरान कई छात्रों ने निजी स्कूलों को छोड़कर सरकारी स्कूलों में जाने का फैसला लिया | इन छात्रों ने पिछले सत्र में शिक्षा ग्रहण कर निजी स्कूलों की लंबित राशि का भुगतान नही किया ओर सरकारी स्कूल में दाखिला ले लिया | सरकारी स्कूल के मुख्याध्यापको या इंचार्ज द्वारा निजी स्कूलों के अधिकारों का हनन करते हुए निजी स्कूलों के एम आई एस पोर्टल पर जाकर उस बच्चे का निजी स्कूल से नाम हटाकर सरकारी स्कूल में बिना एसएलसी के ही दाखिल कर लिया जिससे ऐसा करना सीधे तौर पर कानून के खिलाफ ओर निजी स्कूल के रिकॉर्ड के साथ छेड़छाड़ हैं और ऐसा कोई कानून प्रावधान भी नही हैं जो शिक्षा विभाग को ऐसा अधिकार देता हो |

नरेन्द्र सेठी ने बताया कि शिक्षा विभाग द्वारा कोरोनकाल में ही नई शिक्षा नियमावली 2003 संशोधित का गजट नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया हैं जबकि हरियाणा में अप्रैल से ही लोकडाउन चल रहा हैं इस तरह निजी अस्थाई मान्यता प्राप्त स्कूल नई शिक्षा नियमावली 2003 संशोधित का विरोध कर रहे हैं और साथ ही स्थाई मान्यता लेने के लिए सरकार से नई शिक्षा नियमावली को पूरा करने के लिए कुछ समय की राहत देने की मांग कर रहे हैं

निजी स्कूल संचालको का कहना हैं कि नई शिक्षा नियमावली को पूरा करने के लिए कम से कम 5 से 10 साल का समय दिया जाए क्योकि कोरोनकाल के दौरान हरियाणा के प्राइवेट स्कूल पहले ही आर्थिक तौर पर टूट चुके हैं और बंद होने की कगार पर खड़े हैं अगर सरकार द्वारा उन्हें कुछ राहत नही मिलती हैं तो सरकार का ये रवैया तानाशाही होगा इसके साथ साथ प्राइवेट स्कूलों का अस्तित्व बचाये रखने के लिए सरकार से प्राइवेट स्कूलों की जमा प्लेज मनी वापिस देने की मांग के साथ साथ 50 लाख रु तक का लोन सस्ती ब्याज दरो के साथ उपलब्ध कराने की मांग की |

इस अवसर पर जिला अध्यक्ष सत्यवीर गढ़वाल, ईश्वर ईसा, सुशील नागपाल, शशि सहगल, शिव कुमार शर्मा, रामफल, रविन्द्र जांगड़ा, विनोद चौहान, सुशील बिश्नोई, रोहतक से एडवोकेट सुनील पसरिजा , बंटी शर्मा उपस्थित रहे

You May Have Missed

error: Content is protected !!