भिवानी/मुकेश वत्स

स्वतंत्रता सेनानी पंडित नेकीराम शर्मा की 65 वीं पुण्यतिथि पर पंडित नेकीराम शर्मा की प्रतिमा पर श्रद्धासुमन पुष्पार्पित करके उन्हें याद किया। श्रद्धासुमन कार्यक्रम में समाजसेवी, विभिन्न सामाजिक व सांस्कृति संस्थाओं के संस्थापक एवं प्रसिद्ध उद्योपति नंदकिशोर अग्रवाल, पंडित नेकीराम शर्मा के प्रपौत्र पराग शर्मा, कवि धर्मबीर शर्मा मुसाफिर खरकिया, बृजेश आचार्य, एडवोकेट कपिल शर्मा, कमल कौशिक व प्रदीप मिश्रा ने भी श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए पं. नेकीराम शर्मा के जीवन पर प्रकाश डाला तथा उनके दिखाए हुए मार्ग पर चलने का संदेश भी दिया। कार्यक्रम के दौरान पौधा रोपण भी किया गया।

नंदकिशोर अग्रवाल ने बताया कि पंडित नेकीराम शर्मा ने देश को आजादी दिलाने के लिए कुर्बानियां दी और वें कई बार जेल भी गए। वेें एक सच्चे व ईमानदार देशभक्त  थे। उन्होंने बताया कि पंडित जी को एक अंग्रेज उपायुक्त ने 25 मुरब्बे यानी 625 एकड़ जमीन देने का लालच दिया था और शर्त रखी थी कि वे स्वतंत्रता संग्राम में भाग न ले, पं नेकीराम ने उस उपायुक्त को एक छोटी सी पंक्ति में जवाब देते हुए कहा कि ये जमीन तो मेरे अपने देश की है, जमीन देनी है तो इंग्लैंड की दो। उन्होंने होम रूल आंदोलन, असहयोग आंदोलन, नमक सत्याग्रह एवं सविनय अवज्ञा आंदोलन, व्यक्तिगत सत्याग्रह तथा भारत छोड़ो आंदोलन में भी बढ़चढ़ भाग लिया तथा 6 वर्ष 3 माह 20 दिन तक वे अलग-अलग जेलों में रहे। पं. नेकीराम शर्मा ने महान समाज सुधारक के तौर पर जीवन भर छुआछूत का विरोध किया, बाल विवाह, दहेज प्रथा आदि सामाजिक बुराइयों का विरोध किया।

इस दौरान लोक कला, साहित्य एवं संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए स्वतंत्रता सेनानी पंडित नेकीराम शर्मा स्मृति ट्रस्ट की ओर से रोहतक से सुरेश कुमार रोहिल्ला को श्रीफ्ल व अंगवस्त्र देकर सम्मानित भी किया।

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