-कमलेश भारतीय यदि सरकार किसी पर मेहरबान हो तो कोई क्या कर सकता है ? कोई कानून , कोई नियम, कोई शर्त आड़े नहीं आती । पिछले दो चार माह से राम रहीम इसीलिए चर्चा में है । सुनारिया जेल से कभी उसे अपनी बीमार मां का हालचाल पूछने की इजाजत मिल जाती है और वह मुलाकांत किसी अस्पताल में नहीं बल्कि किसी फाॅर्म हाउस में होती है पुलिस व जेल प्रशासन की कृपा से । पहले राम रहीम की कृपा हुई थी सरकार बनाने के लिए । अब सरकार की कृपा हो रही है राम रहीम को बाहर की ताज़ा हवा खिलाने के लिए । अभी ताज़ा घटनाक्रम के अनुसार राम रहीम कोरोना संक्रमित हो गये हैं और उन्हें मेदांता जैसे वीआईपी अस्पताल में भर्ती करवाया गया है । किसी भी जेल में किसी भी रोगी को स्वास्थ्य सुविधा मिलना मौलिक अधिकार है । इसलिए यह सुविधा देने पर किसी को क्या एतराज? लेकिन जिस तरह राम रहीम को मिलने कोरोना के बावजूद उनकी मुंहबोली बेटी हनीप्रीत को मिलने की इजाजत दी गयी , वह एतराज योग्य है । वैसे भी कोरोना संक्रमित व्यक्ति को तो परिवारजन भी नहीं मिल सकते । फिर हनीप्रीत को मुलाकात का समय क्यों दिया गया ? क्या परिवार के लोग नहीं आए ? आए हैं और उनको भी चार पास काॅर्ड बनाकर दिये गये हैं । राम रहीम कोरोना संक्रमण से पहले भी किसी न किसी बहाने सुनारिया जेल से बाहर घूमते मिल जाते हैं। । कभी बिहार के माफिया गैंग के किस्से सुनने को मिलते थे और टीवी पर देखने को भी मिलते थे कि कैसे वे लोग जेल में सारी सुविधाएं पा रहे हैं। पार्टियां तक करते हैं और पूरा शासन चलाते हैं । अब हम कोई तुलना नहीं करते किसी के साथ लेकिन जेल को सुविधाजनक तो बनाया ही जा रहा है । जब जब जैसी सुविधा मांगी जाती है , दी जा रही है । क्या इतनी ही दरियादिली दूसरे कैदियों के प्रति दिखाई जाती है ? कभी राम रहीम को अपने बारे की खेती की बड़ी चिंता सताने लगती है और वह अर्जी लगा देते है कि मुझे अपनी खेती करने दो । कभी मां से मिलने का अवसर तो अब कोरोना संक्रमित होने की घटना । इसी बीच पत्रकार रामचंद्र छत्रपति के बेटे अंशुल का चिंतित होना स्वाभाविक है और वह लगातार मीडिया में अपनी शंका जाहिर करते सकते हैं कि इस सुविधा से हमारे परिवार पर खतरा मंडराने लगता है । क्या सरकार इस पहलू पर गौर करेगी ? या सिर्फ वोट बैंक के लिए ही चिंता करती रहेगी ? Post navigation युवाओं की आइकाॅन बन सकूं , यही तमन्ना : रीना भट्टी ये जीवन-मृत्यु का गंभीर समय है, आपसी रस्साकशी का नहीं