कोरोना वायरस की आपदा में मानव अधिकार का भी ध्यान रखना जरूरी — यतीश शर्मा

पंचकूला —- आपदा कभी भी कही भी आ सकती है आपदा प्राकृतिक भी हो सकती है उसका कोई नाम नही होता जैसे पिछले एक साल से दुनिया कोरोना वायरस जैसी आपदा से जूझ रही है । लेकिन अभी तक कोई भी देश इस वायरस को लेकर प्रोपर समाधान नही निकाल पाया और अब तक इस वायरस के कारण करोड़ो लोग दुनिया के शिकार हो चुके हैं भारत देश भी इस वायरस से अछूता नही है आज भी देश मे इस वायरस को लेकर सरकार और देश की जनता जूझ रही है श्मसान घाट में इस वायरस के काल का शिकार परिवार जन अपने परिवार के सदस्य के शव को मुखाग्नि देने से महरूम है । सरकार की लाख कोशिशों के बावजूद इस वायरस की दहशत लोगो के दिमाग मे घर कर चुकी है । यह बात वर्ल्ड ह्यूमेन राइट ऑबजर्वर के वर्ल्ड निदेशक यतीश शर्मा ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कही ।

उन्होंने कहा कि सरकार ने इस कोरोना वायरस से बचाव के लिये लोकड़ाऊंन शुरू किया और लोगो को घर बैठने की हिदायत दी और अगर जरूरी हो घर से निकलना तो मास्क लगा कर निकलने का एलान किया । जिसके लिए पुलिस प्रशासन को इन आदेशों की पालना करवाने के सख्त निर्देश भी जारी किये । लेकिन कई जगह पर पुलिस प्रशासन का कानून से बाहर जा लोगो पर बेमतलब लाठी चार्ज करना व परेशान करने की शिकायतें भी बहुत आई जिसके लिये कई संस्थाओं ने प्रशासन व सरकार को अवगत भी करवाया लेकिन वर्दी का रोब के पुलिस कर्मचारियों व अधिकारियों का जनून ऐसा था कि उन्होंने मानव अधिकारों को साइड में रख अपनी वर्दी का पूरा रुतबा दिखाया जिसको देखते हुए कई पुलिस कर्मचारियों पर करवाई भी हुई ।लेकिन उनका ये रूप कई जगह पर इतना रुद्र था जोकि मानवता को शर्मसार कर गया । कई जगह तो हॉस्पिटल के डॉक्टर ओर स्टाफ का भी कोरोना मरीज पर रवैया भी ठीक नही रहा । प्राइवेट हॉस्पिटल वालों ने तो मरीज पर इतना बोझ डाल दिया कि उसे अपने इलाज के लिये घर तक बेचने की नोबत तक आ गई यहाँ तक कि कोरोना वायरस से पीड़ित मरीज की मौत हो जाने पर उसके परिजनों को बिना हॉस्पिटल की फीस ना दिए जाने पर शव तक देने से मना कर दिया जिसके लिए मृतक के मरीज को कर्ज लेकर हॉस्पिटल के बिल अदा करना पड़ा । भ्र्ष्टाचार का नंगा नाच खुले आम चलता रहा पर सरकार व प्रशासन अनदेखा कर अनजान बनी रही ।

यतीश शर्मा ने कहा कि जब वर्ल्ड ह्यूमेन राइट ऑबजर्वर की टीम ने अलग अलग स्टेट में कोरोना वायरस के कहर की रिपोर्ट तैयार की व प्रशासन , डॉक्टरों ओर सरकार से बात की तो दिल दहलाने वाले मामले सामने आये । पुलिस अधिकारी व प्रशासन ने बतलाया कि हम समय समय पर लोगो को इस वायरस के विषय मे जागरूक करते आये है । और लोगो को संयम रखने की बात भी कही लेकिन जनता सरकार द्वारा जारी कियेआदेशों की अवहेलना करती रही । पुलिस अधिकारियों ने बताया कि हमारे स्टाफ का जवान लोगो को इस वायरस से बचाने के लिये सुबह से शाम तक चिलमिलाती धूप में नाका लगा कर खड़ा हो जनता को इस वायरस से बचाने के लिए सचेत कर रहा है पर जनता उनकी बात नही मांन रही । पुलिस अधिकारियों ने माना कि कई जगह पर मानव हनन के मामले भी आये हैं जिनका उन्हें दुख भी है पर जब तक जनता का सहयोग नही मिलेगा तब तक हमारे पुलिस कर्मचारी लोगो की जान बचाने के लिये हर सम्भव प्रयास करती रहेगी । पुलिस कर्मचारियों को यह बात भी समझाई गई है कि मानव अधिकार का भी ध्यान भी रखा जाये ।

उन्होंने कहा कि डॉक्टर और हॉस्पिटल स्टाफ का भी यह मानना है कि जब तक जनता सहयोग नही करेगी तब तक हॉस्पिटल स्टाफ क्या करेगा ।स्टाफ कई कई घण्टे इस वायरस की चपेट में आये मरीजों की सेवा में लगा है लेकिन जब तक जनता सहयोग नही करेगी तब तक हर हॉस्पिटल स्टाफ कुछ नही कर सकता । इसलिए जनता हमारी मजबूरी को समझे और हॉस्पिटल में डॉक्टर व स्टाफ को अपना कार्य कर देने दे । डॉक्टर का फर्ज है कि जब एक मरीज उसके पास आता है तो उसकी जिंदगी बचाना डॉक्टर का ये पहला फर्ज है ।

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