चण्डीगढ़, 06 जून – कोरोना महामारी के चलते मौत का आंकड़ा बढ़ा तो कई मामले ऐसे भी आए जब माता-पिता, दोनों को इस महामारी ने लील लिया और उनके बच्चे बेसहारा हो गए। इस तरह के मामले संज्ञान में आने पर, हरियाणा सरकार ने ऐसे बच्चों को सहारा देने की खातिर मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना शुरू की है।

एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि इस योजना के तहत विभिन्न आयु वर्ग के बच्चों के लिए स्कूली शिक्षा व उच्च शिक्षा के लिए सहायता, स्वास्थ्य बीमा, सावधि जमा (फिक्स डिपोजिट) आदि की सुविधा प्रदान करने का प्रावधान है। योजना के तहत 10 वर्ष से कम आयु के अनाश्रित बच्चों की स्कूली शिक्षा के लिए नजदीकी केंद्रीय विद्यालय या निजी स्कूल में डे स्कॉलर के रूप में दाखिले की व्यवस्था की गई है। निजी स्कूल में दाखिले पर पीएम केयर्स से आरटीई (शिक्षा का अधिकार) के तहत फीस, वर्दी, पाठ्य पुस्तकें व नोटबुक मुहैया करवाई जाएंगी।

उन्होंने बताया कि 11 से 18 वर्ष की आयु के अनाश्रित बच्चों के लिए सैनिक स्कूल व नवोदय विद्यालय जैसे आवासीय विद्यालय में भी दाखिले की सुविधा दी गई है। निजी स्कूलों में दाखिले के लिए पीएम केयर्स से आरटीई (शिक्षा का अधिकार) के तहत फीस, वर्दी, पाठ्य पुस्तकें व नोटबुक उपलब्ध करवाने का प्रावधान है। दादा-दादी या परिवार की देखरेख में रहने वाले बच्चे के लिए निकटतम केंद्रीय विद्यालय या निजी स्कूल में डे-स्कॉलर के रूप में दाखिले का प्रावधान किया गया है।

उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत उच्च शिक्षा के लिए भी सहायता प्रदान की जाएगी। देश में व्यावसायिक पाठ्यक्रमों या उच्च शिक्षा के लिए शिक्षा ऋण दिलाने मेंं बच्चे की मदद करने के साथ-साथ ऋण के ब्याज का भुगतान का भी पीएम केयर्स फंड से किया जाएगा। ऐसे बच्चों को स्नातक या व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के लिए विभिन्न योजनाओं के तहत शिक्षा शुल्क या पाठ्यक्रम शुल्क के बराबर छात्रवृत्ति दी जाएगी। जो बच्चे मौजूदा छात्रवृत्ति योजनाओं के तहत पात्र नहीं हैं, उनके लिए पीएम केयर्स के तहत समान छात्रवृत्ति सुविधा दी जाएगी।            

प्रवक्ता ने बताया कि स्वास्थ्य बीमा सुविधा के तहत ऐसे सभी बच्चों को आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत 5 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा कवर दिया जाएगा तथा 18 वर्ष तक की आयु के इन बच्चों की प्रीमियम की राशि का भुगतान पीएम केयर्स द्वारा किया जाएगा।  इसके अलावा, 18 वर्ष की आयु से अगले 5 वर्षों तक उच्च शिक्षा की अवधि के दौरान मासिक वित्तीय सहायता या छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी तथा 23 वर्ष की आयु पूरी करने पर व्यक्तिगत एवं व्यावसायिक उपयोग के लिए एकमुश्त राशि प्रदान की जाएगी।

इस बारे में हरियाणा सरकार की घोषणाएं :

राज्य सरकार द्वारा ऐसे हरेक बच्चे को 18 वर्ष की आयु तक 2500 रुपये प्रतिमाह की आर्थिक सहायता दी जाएगी। बेसहारा बच्चोंं की देखभाल करने वाले बाल देखभाल संस्थान को, बच्चे की 18 वर्ष तक की आयु तक प्रति बच्चा 1500 रुपये प्रतिमाह की दर से सहायता राशि प्रदान की जाएगी। अन्य पूरा खर्चा बाल देखभाल संस्थान द्वारा वहन किया जाएगा। सरकार द्वारा 18 वर्ष की आयु तक पढ़ाई के दौरान अन्य खर्चों के लिए भी 12 हजार रुपये प्रति वर्ष की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। 8वीं से 12वीं या व्यावसायिक पाठ्यक्रम में किसी भी कक्षा में पढऩे वाले बच्चोंं को टैबलेट दिए जाएंगे।

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