किसानों ने मनाया ‘संपूर्ण क्रांति दिवस”. तीनों काले क़ानूनों की जलाई प्रतियाँ

गुरुग्राम। दिनांक 05.06.2021 – संयुक्त किसान मोर्चा गुरुग्राम ने आज ‘संपूर्ण क्रांति दिवस” मनाया तथा तीन काले कृषि कानूनों की कॉपी जलाई।तीन काले कृषि कानूनों को अध्यादेश के रूप में एक साल हो रहा है इसलिए आज पूरे देश में किसान तीनों काले कृषि कानूनों की प्रतियां जला रहे हैं

गुरुग्राम में आज किसान संयुक्त किसान मोर्चा गुरुग्राम के अध्यक्ष चौधरी संतोख सिंह के नेतृत्व में सिविल हॉस्पिटल गुरुग्राम के प्रांगण में इकट्ठे हुए और तीन काले कृषि क़ानूनों और सरकार विरोधी नारे लगाए।सभी ने अपने हाथों में तिरंगे झण्डे,किसान संगठनों के झंडे, तथा कृषि क़ानून विरोधी नारों से लिखी हुई तख्तियां लिए हुए थे।

किसान लगभग 12 बजे अपने हाथों में तिरंगे झंडे,किसान संगठनों के झंडे तथा कृषि क़ानून विरोधी नारों से लिखी हुई तख्तियां लेकर किसान मोर्चा के अध्यक्ष चौधरी संतोख सिंह के नेतृत्व में गुरुग्राम से भाजपा विधायक के कार्यालय की तरफ़ तीन काले कृषि क़ानूनों और सरकार विरोधी नारे लगाते हुए बढ़ें।इस अवसर पर सरकार ने भारी मात्रा में पुलिस बल तैनात किया हुआ था तथा भाजपा विधायक के कार्यालय के चारों तरफ़ बैरिकेडिंग की हुई थी।

पुलिस प्रशासन ने सरकार के इशारे पर किसानों को गुरुग्राम से भाजपा के विधायक के कार्यालय से 10-12 मीटर दूर सड़क पर ही किसानों को भारी पुलिस बल लगाकर रोक लिया।किसान इसके विरोध स्वरूप सड़क के बीचों-बीच धरने पर बैठ गए और पुलिस प्रशासन से माँग की कि उनका कार्यक्रम शांतिपूर्वक है और संविधान शांतिपूर्वक धरना प्रदर्शन की इजाज़त देता है और सुप्रीम कोर्ट इंडिया ने भी कहा कि किसान अपना शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर सकते हैं लेकिन इसके बावजूद पुलिस प्रशासन ने सरकार के इशारे पर किसानों के प्रदर्शन को भारी पुलिस बल लगाकर रोक दिया।

सड़क के बीचों-बीच शांतिपूर्वक धरने पर बैठे किसानों को संबोधित करते हुए किसान मोर्चा के अध्यक्ष चौधरी संतोख सिंह ने कहा कि किसानों के शांतिपूर्वक प्रदर्शन को रोकना संविधान और लोकतंत्र का अपमान है।

उन्होंने कहा कि 5 जून 2020 को जब पूरे देश में लॉकडाउन था,जब पूरी दुनिया में लॉकडाउन था और देश और पूरी दुनिया कोरोना महामारी से जूझ रही थी उस वक़्त सरकार ने ज़बरदस्ती तीन काले क़ानून जनता पर अध्यादेश के माध्यम से थोंप दिए। उन्होंने कहा कि इन कानूनों को बनाने के लिए किसानों ने कभी माँग नहीं की थी। उन्होने कहा कि लॉकडाउन में अध्यादेश द्वारा तीन काले कृषि क़ानून बनाना लोकतंत्र का अपमान है।

उन्होंने कहा कि किसानों की माँग थी कि किसानों को सभी फसलों पर MSP मिले तथा किसान को अपनी फ़सल का पूरा MSP मिले और सरकार MSP की गारंटी का क़ानून बनाए।लेकिन सरकार ने वह क़ानून नहीं बनाया और पूंजीपतियों के हित में तीन काले क़ानून बना दिए।

उन्होंने कहा कि तीनों काले कानूनों से जमाखोरी,कालाबाज़ारी तथा मुनाफ़ाख़ोरी बढ़ेगी।उन्होंने कहा कि इन कानूनों से गरीबों पर महँगाई की मार पड़ेगी।

उन्होंने कहा कि 5 जून 1974 को जयप्रकाश नारायण ने संपूर्ण क्रांति का नारा देते हुए देश मे जन आंदोलन खड़ा किया था।उन्होंने कहा कि किसान नेता अब पूरे देश के साढ़े छह लाख गांवों में जाएंगे और किसान आंदोलन को मज़बूत करेंगे।

उन्होने सम्पूर्ण क्रांति दिवस पर सभी देशवासियों से आग्रह किया कि केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ सम्पूर्ण क्रांति का सकंल्प ले और इसे जनांदोलन बनाते हुए सरकार को मजबूर करें कि वह कानून वापस/रद्द करें।

गुरुग्राम से भाजपा के विधायक के कार्यालय से 10-12 मीटर दूर सड़क के बीचों-बीच धरने पर बैठे किसानों ने भारी पुलिस बल की मौजूदगी में तीनों काले कानूनों की प्रतियां जलायी और तीन काले कृषि क़ानूनों और सरकार विरोधी नारे लगाए।

इस अवसर पर अनिल पंवार,जयप्रकाश रेहडू,मुकेश डागर,जे सी यादव एडवोकेट,डॉक्टर सारिका वर्मा,एम सहरावत,राम अदलखा,तनवीर अहमद,मनोज झाड़सा,योगेश कुमार,भारती देवी, मीनू सिंह, प्रकाश महलावत,किशोर महलावत,आकाशदीप,बलबीर कम्बोज,सरवन कुमार गुप्ता, राजू चौहान, बलवान सिंह,शिवकुमार,राजेश,मंज़ू सांखला,मलीहा अल्वी,सुशीला कटारिया,लीला देवी,डॉक्टर धर्मबीर राठी,योगेश्वर दहिया,एमएस मलिक,आर सी हुड्डा,अमित पंवार तथा अन्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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