खट्टर सरकार ने पहले गरीबों की दाल बंद की, फिर गैस सिलेंडर की सब्सिडी खत्म की, और अब जून महीने से राशन कार्ड पर सरसों का तेल देना भी किया बंद पटौदी 4/6/2021 : हरियाणा प्रदेश महिला कांग्रेस प्रदेश महासचिव सुनीता वर्मा ने प्रेस के नाम जारी विज्ञप्ति में बीजेपी सरकार पर गरीबों को बाजारों के हवाले करने का आरोप लगाया। उन्होंने प्रेस के नाम जारी विज्ञप्ति में कहा की तीन काले कृषि कानूनों को लेकर जिसका अंदेशा था उस के अब नतीजे आने शुरू हो गये हैं। कॉन्ग्रेस नेत्री ने कहा कि ये बात पहले ही स्पष्ट हो चुकी थी कि ये तीनों काले कृषि कानून केवल पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए लाए गए हैं, जिसका सबसे ज्यादा नुकसान गरीब व बीपीएल परिवारों को होगा। वर्मा ने कहा कि प्राइवेट डीलर्स ने सरसों खरीदकर स्टॉक कर ली, जिसके कारण हैफेड को सरसों का 1 दाना भी नहीं मिल पाया, परिणामतः सरसों नहीं मिल पाने के कारण जून से बीपीएल परिवारों को सरसों तेल नहीं मिल पायेगा, साथ ही बाजार में सरसों तेल के रेट भी ढाई गुणा तक बढ़ गए हैं तथा अभी ये दाम और भी बढेंगें। महिला कॉन्ग्रेस की प्रदेश महासचिव वर्मा ने कहा कि आज गरीबों को तेल मिलना बंद हुआ है, नए कृषि कानून लागू हुए तो यही हाल गेंहू का भी होगा। क्योंकि इन काले कृषि कानूनों के लागू होने से अनाज, खाद्य तेल व दालें उद्योगपतियों की तिजोरियों में बन्द हो जाएंगी। वर्मा ने कहा कि एक तरफ तो सरकार की नाकामी का नतीजा कोरोना महामारी का संकट और दूसरी तरफ इस बीजेपी सरकार द्वारा नियोजित इस बढ़ती महंगाई ने गरीब जनता की कमर तोड़ रखी है। सरसों का तेल 200 रुपये लीटर हो गया है, और अब सरकार का ये फैसला गरीबों की पीठ पर हंटर की तरहं पड़ा है की राशन डिपो से मिलने वाले सरसों के तेल का वितरण बंद कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि इस गठबंधन सरकार ने पहले गरीबों की दाल बंद की, फिर गैस सिलेंडर की सब्सिडी खत्म की, अब जून महीने से राशन कार्ड पर सरसों का तेल देना भी बंद कर दिया। वर्मा ने सीएम खट्टर से पूछा कि आपकी ये सरकार गरीब जनता पर और कितना अत्याचार करेगी?महिला कांग्रेस प्रदेश महासचिव ने कहा कि गरीबों को बाजार के हवाले छोड़ने का अन्याय करने की बजाय सरकार उन्हें सरसों का तेल मुहैया कराये एवं जरूरत के मुताबिक इसका कोटा भी बढ़ाए। वर्मा ने इस प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से आम जनता से भी इस आंदोलन में सहयोग करने की अपील की, उन्होने कहा कि इन बिलों के लागू होने से सबसे ज्यादा नुकसान गरीब का होगा इसलिए भूख से मरने से अच्छा है कि वो किसानों के साथ मिलकर अपने बच्चों की खुशहाली के लिए इस आंदोलन का समर्थन करे। उन्होंने कहा कि किसानों का समर्थन करने के लिए आपका किसान होना जरूरी नहीं है, बस आपका इंसान होना जरूरी है। Post navigation जाटौली फाटक अंडरपास … बन गया गले की फांस ! … अब शराब कारोबारी के आफिस पर की गई फायरिंग