जाटौली फाटक अंडरपास … बन गया गले की फांस !

15 फरवरी को राव इंद्रजीत ने किया था निर्माण कार्य आरंभ.
बीते करीब 4 माह से अंडर पास का काम पूरी तरह से ठप.
गहरा खतरनाक खोदा हुआ खड्डा दे रहा हादसों को न्योता

फतह सिंह उजाला

पटौदी ।    रेवाड़ी और दिल्ली रेल खंड के बीच में सांसद एवं केंद्र में मंत्री राव इंदरजीत सिंह के राजनीतिक गढ़ पटौदी इलाके के हेलीमंडी क्षेत्र में जाटोली फाटक पर बनाया जाने वाला अंडरपास गले की फांस बन गया है ! पटौदी रेलवे स्टेशन के साथ जाटौली फाटक संख्या 46सी पर बनाए जाने वाले इस अंडरपास के निर्माण का शुभारंभ वर्चुअल तरीके से 15 फरवरी को सांसद एवं केंद्र में मंत्री राव इंद्रजीत के द्वारा स्वयं किया गया था ।

पटौदी रेलवे स्टेशन के साथ लगते जाटौली फाटक पर अंडर पास या फिर फुटओवर ब्रिज बनाए जाने की मांग करीब बीते दो दशक से स्थानीय लोगों के द्वारा की जाती आ रही थी। जाटौली फाटक निर्माण कार्य का शुभारंभ किया जाने से करीब 1 वर्ष पहले तक रेलवे के संबंधित वरिष्ठ अधिकारियों के द्वारा कई बार मुआयना भी किया गया । तारीख पर तारीख के बाद में अंततः वह शुभ घड़ी भी आ गई जब स्वयं अपने हाथों से राव इंद्रजीत सिंह के द्वारा जाटौली फाटक संख्या 46सी पर बनाए जाने वाले अंडर पास का निर्माण कार्य आरंभ करवाया गया । इसके बाद से लगता है कि करीब 3 करोड रुपए के इस प्रोजेक्ट को किसी की नजर लग गई या फिर ग्रहण लग चुका है ! अब जब मानसून सिर पर आ चुका है , इससे पहले एक या दो बरसात के बाद ही अंडर पास बनाए जाने वाले स्थान पर खुदाई के बाद हजारों वर्ग फिट का गहरा और खतरनाक खड्डा किसी भी बड़े हादसे का कारण भी बन सकता है । इसका कारण है कि चारों तरफ खड्डे में बरसाती पानी भरने के बाद और यहां बरसाती पानी बहकर आने से मिट्टी लगातार कटती जा रही है , जिससे कि आसपास में बने मकानों पर भी खतरा मंडराने लगा है ।

मौके पर नहीं है कोई भी सूचना पट्ट

जानकारी के मुताबिक अंडरपास निर्माण साइट पर सूचना पट्ट अथवा साइन बोर्ड का होना बहुत जरूरी है। जिस पर निर्माता कंपनी अथवा ठेकेदार का नाम लिखा हो ,पूरे प्रोजेक्ट की कीमत भी लिखा जाना नियमानुसार जरूरी है । सबसे महत्वपूर्ण है की किस-किस अधिकारी की देखरेख में अंडरपास का निर्माण किया जा रहा है , निर्माता कंपनी अथवा ठेकेदार के साथ साथ संबंधित अधिकारियों के और किसी भी आपात स्थिति में संपर्क किया जाने के लिए फोन नंबर भी सूचना पट पर लिखे होने जरूरी है । लेकिन जब यहां पर किसी प्रकार का कोई बोर्ड अथवा सूचना पट्ट ही नहीं है तो फिर निर्माता कंपनी हो या फिर कोई अधिकारी उसके टेलीफोन अथवा संपर्क नंबर उपलब्ध होने का सवाल ही नहीं उठता । रेलवे लाइन के दूसरी ओर जाटोली इलाके में जाटौली फाटक 46सी के साथ ही अनुसूचित वर्ग की आबादी है और लोगों के मकान भी बने हुए हैं । स्थानीय नागरिकों के मुताबिक 15 फरवरी के बाद कुछ दिन तो युद्ध स्तर पर यहां काम करते हुए गहरा लंबा चैड़ा खड्डा खोद दिया गया, जिससे ऐसा लगा कि जल्द से जल्द अंडर पास का काम पूरा भी हो जाएगा । लेकिन हालात और स्थिति एकदम विपरीत बने हुए हैं, स्थानीय नागरिकों की माने तो इस गहरे और खतरनाक खड्डे के चारों तरफ सुरक्षा के लिए किसी भी प्रकार की तारबंदी तक भी नहीं की गई है । वही बरसात का पानी मोहल्ले के साथ-साथ रेलवे लाइन के बराबर में से आता हुआ इस गहरे खतरनाक खड्डे में भरने के कारण मिट्टी का भी पर लगातार कटाव हो रहा है। मिट्टी कटने से आसपास में बने मकानों पर भी गिरने का खतरा मंडराने लगा है । रात के समय यहां अंधेरा बना रहने से पालतू मवेशियों , छोटे बच्चों और बुजुर्गों के साथ हमेशा किसी अनहोनी का डर सताता रहता है ।

चौड़ाई  16 फुट और ऊंचाई 10 फुट

जाटोली फाटक 46ब पर बनाए जाने वाले इस अंडरपास की  चौड़ाई   और ऊंचाई स्थानीय नागरिकों सहित दैनिक यात्री संघ की मांग पर पहले से तैयार प्रोजेक्ट के मुकाबले बढ़ाकर अतिरिक्त कर दी गई । इसका मुख्य कारण छोटे वाहनों के आवागमन में परेशानी को देखते हुए बताया गया । सूत्रों के मुताबिक जाटौली फाटक अंडर पास की  चौड़ाई   16 फुट और ऊंचाई 10 फुट तय की गई है । अब ऐसे में सवाल यह है कि यू शेप के अंडरपास बनने वाला जाटौली फाटक का यह अंडरपास आखिर कब पूरी तरह से बनकर तैयार किया जाएगा । 15 फरवरी को उद्घाटन के मौके पर केंद्रीय मंत्री राव इंदरजीत सिंह के द्वारा दावा किया गया था कि 1 वर्ष में जाटोली अंडरपास का निर्माण कार्य पूरा कर लिया जाएगा । जिसमें से करीब 4 महतो बीत चुके हैं और यहां पर निर्माण के नाम पर केवल मात्र हजारों वर्ग फुट का गहरा लंबा चैड़ा खड़ा ही बना हुआ दिखाई दे रहा है । जटौली निवासी पूर्व एसडीएम चंदूलाल,श्री भगवान, भारत सिंह नंबरदार दैनिक रेल यात्री संघ के अध्यक्ष योगेंद्र चैहान, पूर्व पार्षद श्रीपाल राजपूत, एडवोकेट सुधीर मुदगिल सहित अन्य लोगों की मांग है कि कोरोना कॉविड 19 की दूसरी लहर शांत हो चुकी है और जहां सभी स्थानों पर केंद्र सहित राज्य सरकारों के विभिन्न प्रोजेक्ट का निर्माण कार्य जारी है । उन्हें देखते हुए जाटौली फाटक 46सी के अंडर पास का निर्माण कार्य भी अविलंब आरंभ करवाया जाना चाहिए । आज भी स्थिति और आम लोगों के लिए परेशानी वैसे की वैसे ही बनी हुई है । जाटोली फाटक पर खड़ी रहने वाली गुड्स ट्रेन के कारण लोगों को मजबूरी में ट्रेन के जोड़ के बीच या फिर नीचे से आना जाना पड़ रहा है और इसी प्रकार से मजबूरी में आवागमन करते हुए अनेक लोगों की जान भी जा चुकी है।

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