Haryana Chief Minister Mr. Manohar Lal addressing Digital Press Conference regarding preparedness to tackle Covid-19 in the State at Chandigarh on March 23, 2020.

–         निजी, सरकारी व मेडिकल कॉलेजों में उपचाराधीन ब्लैक फंगस मरीजों के लिए उठाए सभी एहतियाती कदम. –         टीम मनोहर के असरदार एक्शन से जल्द बेअसर होगा ब्लैक फंगस, कोरोना से लडऩे में अब तक सफल रही हरियाणा सरकार. –         ब्लैक फंगस से लडऩे के लिए नहीं है दवाओं की कमी, अस्पतालों में इंतजामों की खुद सीएम मनोहर लाल करते हैं प्रतिदिन समीक्षा

चण्डीगढ़, 1 जून- कोरोना के नए म्यूटेंट के साथ तेजी से चुनौती बन कर सामने आई म्यूकर माइकोसिस (ब्लैक फंगस) नामक बीमारी से निपटने के लिए हरियाणा सरकार ने तत्परता दिखाते हुए पहले इस बीमारी को महामारी घोषित किया। इसके उपरांत राज्य के सभी मेडिकल कॉलेजों में इस बीमारी के मरीजों के लिए अलग से वार्ड बनाए। इसके उपरांत ब्लैक फंगस के उपचार के लिए आवश्यक दवाओं की कालाबाजारी रोकने के लिए स्टॉक का तुरंत नियंत्रण किया महामारी के बढ़ते प्रकोप पर नियंत्रण पाने के लिए दूरदर्शिता दिखाते हुए सात हजार इंजेक्शन की व्यवस्था करने की प्रक्रिया आरंभ कर दी।         

 मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने इस आशय के संदर्भ में जानकारी देते हुए बताया कि कोरोना के नए म्यूटेंट में ब्लैक फंगस, येलो फंगस व व्हाइट फंगस के केस भी सामने आए। हरियाणा में भी पिछले कुछ दिनों से ब्लैक फंगस के मामले बढ़े हैं। कोरोना की लहर के अनुभव को देखते हुए सबसे पहले इस बीमारी को महामारी की श्रेणी में लिया गया ताकि प्रदेशवासियों के बचाव के लिए सभी आवश्यक कार्य तेजी से पूरे किए जाए। ब्लैक फंगस महामारी से निपटने के लिए प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों में उपचार व बचाव के सभी कार्य निर्बाध रूप से जारी हैं । उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री व उनकी टीम निरंतर म्यूकर माइकोसिस के केस, उपचार व आवश्यक दवाओं की स्थिति पर कंट्रोल रूम से नजर बनाए हुए हैं । साथ ही स्वास्थ्य विशेषज्ञों के साथ-साथ निरंतर स्थिति की समीक्षा भी कर रही हैं।

प्रदेश में तेजी से बढ़ाए गए उपचार के लिए संसाधन          

राज्य में ब्लैक फंगस के मामले सामने आते ही सरकार ने सबसे पहले सभी अस्पतालों को निर्देश दिए कि इस बीमारी का केस मिलने पर तुरंत नजदीकी मेडिकल कॉलेज में रेफर किया। इस बीमारी से लडऩे के लिए मेडिकल कॉलेजों की क्षमता बढ़ाने के लिए पहले 20-20 बेड के वार्ड तैयार किए गए और भविष्य में मिलने वाली चुनौती का अनुमान लगाकर बेड की संख्या 75-75 कर दी गई। इसके अतिरिक्त वर्तमान में भी जिला स्तर पर निजी व सरकारी नागरिक अस्पतालों में भी ब्लैक फंगस के मरीजों के उपचार की व्यवस्था आरंभ कर दी गई।

दवा के सरकारी नियंत्रण से मिली मरीजों को बड़ी राहत        

  हरियाणा सरकार ने ब्लैक फंगस के मरीजों के उपचार की व्यवस्था आरंभ होने के साथ ही इलाज के लिए आवश्यक दवाओं की व्यवस्था का नियंत्रण भी अपने हाथ में ले लिया ताकि इस बीमारी से निपटने के लिए दवाओं की कालाबाजारी को रोका जा सके। जिससे ब्लैक फंगस के उपचार में इस्तेमाल होने वाली दवा एम्फोटेरिसिन-बी इंजेक्शन की कोई कमी नहीं रही। सरकार के इस कार्य से प्रदेश में उपचाराधीन ब्लैक फंगस के मरीजों को बड़ी राहत मिली। राज्य सरकार की ओर से महामारी से निपटने के लिए गठित स्वास्थ्य विशेषज्ञों की तकनीकी समिति ने 515 मरीजों के लिए 975 एम्फोटेरिसिन-बी इंजेक्शन का अनुमोदन किया। यह डोज मरीज के वजन के अनुसार प्रति किलोग्राम पांच एमजी दी जाती है।

ऐसे दूर की आवश्यक दवाओं की कमी         

 म्यूकर माइकोसिस के खिलाफ लड़ाई में दवाओं की निर्बाध आपूर्ति भी एक बड़ी चुनौती थी लेकिन  मुख्यमंत्री की टीम की सूझबूझ से जल्द ही राज्य में सात हजार इंजेक्शन के स्टॉक की व्यवस्था कर ली गई है। राज्य में स्वास्थ्य विभाग के पास 59 इंजेक्शन जिला अस्पतालों व 1110 इंजेक्शन इन स्टॉक है। वहीं दो हजार इंजेक्शन की आपूर्ति आरंभ हो चुकी है। वहीं पांच हजार इंजेक्शन खरीदने का ऑर्डर भी दिया जा चुका है। जिसके चलते ब्लैक फंगस के मरीजों के उपचार में आवश्यक दवा की कमी नहीं रहेगी।         

 यह भी बता दें कि 28 मई को हरियाणा सरकार ने सरकारी व सरकारी सहायता प्राप्त मेडिकल कॉलेजो को 7, निजी मेडिकल कॉलेजों व अस्पतालों में भर्ती मरीजों के लिए 21 कुल मिलाकर 28 एम्फोटेरिसिन-बी इंजेक्शन की आपूर्ति की थी। इस आपूर्ति में निरंतर सुधार से 31 मई तक सरकारी व सहायता प्राप्त मेडिकल कॉलेजों में 658, निजी मेडिकल कॉलेजों व अस्पताल में ब्लैक फंगस के उपाचाराधीन मरीजों के लिए 500 इंजेक्शन पर पहुंच गई। एक पखवाड़े से भी कम समय में 28 डोज से एक दिन के भीतर 1158 इंजेक्शन की आपूर्ति हरियाणा सरकार के कुशल प्रबंधन का ही परिणाम है। सरकार की ओर से किए गए इंतजामों को देखते हुए यह स्पष्ट हो चुका है कि आने वाले दिनों में स्वास्थ्य सुविधाओं में जहां बढ़ोतरी होगी वहीं मरीजों की संख्या में कमी आने की भी पूरी उम्मीद है।

बढऩे लगी ठीक होकर घर लौटने वालों की संख्या          

हरियाणा में एक दिन पहले 31 मई तक विभिन्न अस्पतालों में ब्लैक फंगस के उपचाराधीन मरीजों की संख्या 734 थी। जबकि 118 मरीज स्वस्थ होकर घर लौट चुके हैं। कोरोना के नए म्यूटेंट में सामने आई यह बीमारी भी कम खतरनाक नहीं है। राज्य में इस बीमारी से अब तक 75 मरीजों की असमय मृत्यु हो चुकी है। इस बीमारी के राज्य में अब तक आए 927 मामलों में सबसे अधिक मरीज गुरुग्राम में 242, रोहतक में 214 तथा हिसार में 211 मरीज उपचार के लिए पहुंचे हैं। कोरोना की इस लहर में हरियाणा सरकार ने अधिकतर चुनौतियों को समय से पहले निपटाकर संक्रमण की दर को कम किया है। पिछले अनुभव के आधार पर इस बात की भी पूरी उम्मीद है कि ब्लैक फंगस से भी राज्यवासियों के बचाव का कार्य शीघ्र ही असर दिखाना आरंभ कर देगा।

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