ऑनलाइन बैठक के माध्मय से दोनों विश्वविद्यालयों के अधिकारियों ने भविष्य की कार्ययोजना पर किया मंथन हिसार : 1 जून – चौधरी चरण सिहं हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार और अमेरिका की मिशीगन स्टेट यूनिवर्सिटी अब संयुक्त रूप से शैक्षणिक व अनुसंधानात्मक गतिविधियों को संयुक्त रूप से बढ़ावा देंगे। यह फैसला एचएयू व अमेरिका की मिशीगन स्टेट यूनिवर्सिटी के अधिकारियों के बीच हुई ऑनलाइन बैठक में लिया गया। इसके लिए विभिन्न मुद्दों पर गहनता से चर्चा की गई और भविष्य की कार्ययोजना को लेकर मंथन किया गया। ऑनलाइन बैठक की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर बी.आर. काम्बोज ने की। कुलपति ने कहा कि दोनों विश्वविद्यालयों के वैज्ञानिक अब संयुक्त रूप से शोध व शैक्षणिक कार्यों में एक-दूसरे का सहयोग करेंगे। साथ ही दोनों विश्वविद्यालय संयुक्त डिग्री और डिप्लोमा कोर्सों को बढ़ावा देंगे ताकि विद्यार्थियों को प्रोत्साहन मिल सके और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वे अपनी पहचान बना सकें। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय में इस समय अफगानिस्तान के 11 विद्यार्थी शिक्षा हासिल कर रहे हैं। इनमें से 7 विद्यार्थी स्नातकोत्तर और 4 विद्यार्थी पीएचडी की डिग्री कर रहे हैं। गे्रन प्रोजेक्ट के तहत अमेरिका की मिशीगन स्टेट यूनिवर्सिटी की ओर से उन्हें छात्रवृति प्रदान की जा रही है। भविष्य में दोनों विश्वविद्यालयों मेें शिक्षकों व विद्यार्थियों के आदान-प्रदान के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे जिसमें एक-दूसरे का सहयोग करते हुए विभिन्न क्षेत्रों में दक्षता हासिल की जाएगी। कुलपति प्रोफेसर बी.आर. काम्बोज ने बताया कि अब दोनों विश्वविद्यालय फंडिंग के लिए संयुक्त रूप से प्रोजेक्ट पर कार्य करेंगे और फंडिंग प्रदान करने वाली एजेंसिंयों की संयुक्त रूप से संभावनाएं तलाश करेंगे। प्रदेश की भौगोलिक परिस्थितियों को ध्यान में रखकर शोध कार्यों को बढ़ावा दिया जाएगा। मिशीगन स्टेट यूनिवर्सिटी की ओर से डॉ. करीब मरीडिया ने कहा कि अब दोनों विश्वविद्यालय कृषि क्षेत्र की सामूहिक समस्याओं के समाधान व विभिन्न फसलों के विकास के लिए प्रयास करेंगे। फंडिंग के लिए प्रस्तुत करेंगे संयुक्त प्रोजेक्ट बैठक के दौरान विश्वविद्यालय के अनुसंधान निदेशक डॉ. एस.के. सहरावत ने सभी का स्वागत करते हुए इस प्रोजेक्ट के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी और इसकी रूपरेखा के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि दोनों विश्वविद्यालयों में इस बारे में पहले ही एमओयू साइन हो चुका है। स्नातकोत्तर अधिष्ठाता एवं ग्रेन प्रोजेक्ट के नियंत्रण अधिकारी डॉ. अतुल ढींगड़ा ने इस प्रोजेक्ट के तहत दोनों विश्वविद्यालयों के बीच बनी सहमति व उनके कार्यक्षेत्र की जानकारी दी। उन्होंने बैठक के समापन पर सभी का धन्यवाद किया। Post navigation शिक्षा पद्धति में जरूरत है ऐसे सुधारों की जो इंसान बनाये , मशीनें नहीं : श्रुति मेहता दूरदर्शन ने खो दिया अपना वैभव : डाॅ कृष्ण कुमार रत्तू