भारत सारथी/ऋषि पकाश कौशिक गुरुग्राम। भाजपा में लंबे अंतराल के बाद संगठन गठित हुए और गठित होने के बाद से ही भाजपाइयों में समन्वय की कमी नजर आने लगी। खैर वह बात तो आगे करेंगे, अभी तो कल की घटना की बात करें तो कल भाजपा के किसान सेल के अध्यक्ष ने उपायुक्त के माध्यम से प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ एवं गृहमंत्री अनिल विज को ज्ञापन भेजा। समझ में नहीं आया कि सत्तारूढ़ दल का संगठन और वही उपायुक्त के माध्यम से ज्ञापन भेज रहा है।ज्ञापन में मांग की गई कि कृषि क्षेत्र की दुकानें शाम 7 बजे तक खुलनी चाहिए, जबकि शराब की दुकानें भी खुलती हैं। अब प्रश्न उठता है कि किसान सेल के अध्यक्ष अपने प्रदेश अध्यक्ष को उपायुक्त के माध्यम से ज्ञापन दे रहे हैं अर्थात प्रदेश अध्यक्ष के साथ इनके सीधे संबंध नहीं हैं। गृहमंत्री को भी ज्ञापन दिया। माना कि गृहमंत्री संगठन से अलग सरकार के नुमाइंदे हैं लेकिन वर्तमान में भाजपा संगठन और सरकार में कोई अंतर तो नजर आता नहीं। जहां तक मेरी जानकारी है, सभी मोर्चे जिला अध्यक्ष ही बनाते हैं और मोर्चे के अध्यक्ष जिला अध्यक्ष के निर्देशों के अनुसार ही कार्य करते हैं और गुरुग्राम की भाजपा जिला अध्यक्ष के बारे में सच्चाई क्या है नहीं जानते लेकिन चर्चा यह है कि वह मुख्यमंत्री खेमे से हैं। अत: विचारनीय विषय यह है कि जिला अध्यक्ष ने किस रणनीति के तहत अपने मोर्चे के अध्यक्ष को कोरोना काल में उपायुक्त कार्यालय में जाकर ज्ञापन देने को प्रेरित किया, जबकि यह कार्य जिला अध्यक्ष स्वयं घर बैठकर एक फोन से कर सकती थी। क्या रणनीति है, समझ नहीं आई। वैसे गुरुग्राम भाजपा में आजकल गुट बहुत नजर आते हैं कोई कांग्रेस से आए हुए का गु्रप, कोई राव इंद्रजीत का ग्रुप, कोई पूर्व अध्यक्ष का ग्रुप आदि-आदि। आजकल कोरोना काल में प्रदेश संगठन से जिला संगठन को जो कार्य सौंपे जा रहे हैं, वह भी जनता को भाजपा गुरुग्राम संगठन द्वारा होते हुए नजर नहीं आ रहे हैं। Post navigation गुरूग्राम में कंटेनमेंट जोन 50 से घटकर हुए 17 पुलिस द्वारा 14 पेटी अवैध शराब बरामद