चंडीगढ़ 25 मई – हरियाणा पुलिस द्वारा नकली दवाओं की कालाबाजारी पर एक और प्रहार करते हुए संयुक्त कार्रवाई में हिमाचल प्रदेश के नालागढ़ में नकली रेमेडिसविर इंजेक्शन बनाने की दवा कंपनी को सील किया गया है। पुलिस द्वारा यह कार्रवाई हरियाणा और हिमाचल प्रदेश की ड्रग कंट्रोल अथॉरिटीज के सहयोग से की गई है। हरियाणा पुलिस के प्रवक्ता ने आज यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि पुलिस ने 21 अप्रैल को अंबाला से चार युवकों को रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी में काबू कर उनके कब्जे से 24 इंजेक्शन बरामद किए थे। इस संबंध में अंबाला में एक प्राथमिकी दर्ज की गयी थी। पुख्ता जानकारी व सूचना के आधार पर लंबी जांच के दौरान इस केस में अब तक 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। दवाओं की कालाबाजारी में शामिल पकडे़ गए सभी आरोपी जरूरतमंद लोगों को रेमडेसिविर इंजेक्शन कई गुणा कीमत पर बेच रहे थे। पुलिस ने नालागढ़ में दिलप्रीत सिंह के स्वामित्व वाली निर्माण इकाई अल्फिन ड्रग्स प्राइवेट लिमिटेड का पता लगाते हुए ड्रग कंट्रोल अथॉरिटीज के साथ मिलकर इस यूनिट को सील कर दिया। बरामद किए गए कुल 673 नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन में से 423 इंजेक्शन गिरफ्तार आरोपियों के कब्जे से जब्त किये गए तथा शेष 250 कल दवा यूनिट से बरामद हुए जिसे बाद में सील कर दिया गया। जांच के दौरान पंजाब के चमकोर साहिब पुलिस थाने के गांव सलेमपुर में नहर में फेंके गए रेमडेसिविर इंजेक्शन से इन आरोपियों का कनेक्शन सामने आया है। मामले मंे आगे की जांच प्रक्रियाधीन है और इस रैकेट के अन्य सदस्यों को गिरफ्तार करने की भी कोशिश की जा रही है। प्रवक्ता ने नागरिकों से आग्रह करते हुए कहा कि कोविड-19 दवाओं की कालाबाजारी के संबंध में जानकारी मिलने पर तुरंत पुलिस को सूचित करें। Post navigation केन्द्र सरकार के सहयोग से राज्य के 8 जिलों में पीएसए ऑक्सीजन प्लांट स्थापित किए जाएंगे : अनिल विज किसान आंदोलन : 26 मई को घरों व धरना स्थलों पर काले झंडे लगा विरोध दर्ज कराएंगे: योगेश्वर शर्मा