हिसार में किसानों के संघर्ष और सच्चाई की हुईं जीत-चौधरी संतोख सिंह

किसानों पर दर्ज केस होंगे वापस।. 26 मई को सभी मोर्चो पर मनाई जाएगी बुद्ध पूर्णिमा। संयुक्त किसान मोर्चा 26 मई को सरकार के ख़िलाफ़ करेगा विरोध प्रर्दशन।

गुरुग्राम। दिनांक 25.05.2021 – संयुक्त किसान मोर्चा गुरुग्राम के अध्यक्ष एवं जिला बार एसोसिएशन गुरुग्राम के पूर्व प्रधान चौधरी संतोख सिंह ने कहा कि हिसार में किसानों के संघर्ष और सच्चाई की जीत हुईं।उन्होंने बताया कि हरियाणा सरकार द्वारा किसानों पर किये गए अत्याचार के खिलाफ हज़ारो की संख्या में किसान हिसार में एकजुट हुए।हरियाणा सरकार ने पुलिस बल व RAF के जरिए किसानों को डराना चाहा परंतु किसानों के हौंसले बुलंद थे और हजारों की संख्या में ट्रैक्टरों, कार, जीप ट्रकों में आये। सोशल मीडिया पर यह फैलाया गया कि सुरक्षा बलों की 35 बटालियन लगाई गई है, वहीं दूसरी तरह समाज की 36 बिरादरी की एकजुटता ने सिद्ध कर दिया कि लोग अब जबर जुल्म नहीं सहेंगे। सरकार इसके द्वारा जवानों और किसानों को लड़ाना भी चाहती है। हिसार के क्रांतिमान पार्क में इकट्ठे होकर किसानों ने हिसार कमिश्नरेट का घेराव करने का ऐलान किया। प्रशासन के तमाम हमलों और साजिशों के बावजूद इतनी बड़ी संख्या में किसानों के हिसार में आने के कारण के दबाव में प्रशासन को तुरंत एक मीटिंग बुलानी पड़ी। जिसमें संयुक्त किसान मोर्चा के वरिष्ठ नेताओं समेत हिसार के किसानों के एक प्रतिनिधि मंडल को आमंत्रित किया गया।

प्रशासन के साथ चली लंबी बातचीत में किसानों की मांगें मान ली गयी व प्रशासन की तरफ से 16 मई की पुलिस कार्रवाई की माफी मांगी गई। इस बैठक में मुख्य रूप से 3 निर्णय हुए।

  1. 16 मई की घटना से संबंधित किसानों पर दर्ज पुलिस मुक़दमे वापस लिए जाएंगे।
  2. पंचायत के दौरान शहीद हुए किसान रामचंद्र के परिवार के योग्य सदस्य को जिला प्रशासन द्वारा सरकारी नौकरी दी जाएगी।
  3. किसानों की गाड़ियां जो पुलिस द्वारा तोड़ी गई थी, वह प्रशासन द्वारा ठीक करवाई जाएगी।

सयुंक्त किसान मोर्चा सभी किसानों व मजदूरो को सलाम करता है जो लगातार सरकार के जुल्म का डटकर मुकाबला कर रहे है। हम उम्मीद करते है कि जुझारू किसान इस जोश को आगे भी बनाये रखेंगे।

हम साथ ही केंद्र सरकार से भी अपील करते हैं कि किसानों को बदनाम करने की बजाय तीन कृषि कानून वापस ले, एमएसपी पर कानून बनाए तो किसान अपने आप घर चले जाएंगे।

देश के सभी किसान धरनों पर 26 मई को बुद्धपूर्णिमा मनाई जाएगी। शांति और सत्य के मार्ग पर चलने वाले महात्मा बुद्ध ने हमेशा प्रगति का रास्ता दिखाया है। सरकार द्वारा लाए गए तीनों कानून पूरी तरह जुल्म और असमानता की वकालत करते हैं। किसानों का यह आंदोलन पूरी तरह शांतिपूर्ण है सच के लिए लड़ा जा रहा है। किसान आंदोलन का शांतमयी 6 महीने पूरे होना निश्चित तौर पर महात्मा बुद्ध की प्रेरणा से हुआ है।

देश के सभी किसान मोर्चो पर 26 मई की सुबह बुद्ध पूर्णिमा मनाई जाएगी एवं महात्मा बुद्ध के विचारों को प्रसारित किया जाएगा।

26 मई को किसान आंदोलन के 6 महीने पूरे होने पर किसान इस दिन पूरे देश में सरकार के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन करेंगे।इस दिन किसान तथा किसान आंदोलन को समर्थन कर रहे सभी जनसंगठन,ट्रेड यूनियन तथा ट्रांसपोर्टर्स के कार्यकर्ता अपने मकानों, दुकानों, ट्रकों और अन्य वाहनों पर काले झंडे लगा कर सरकार के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन करेंगे।

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