होशंगाबाद के पिता-पुत्र पर केस, आरोपी बोले- प्रॉपर्टी नहीं, खदान में हिस्सेदारी का है मामला. विधानसभा के पूर्व स्पीकर के बेटे हैं देवेंद्र कादियान

पानीपत। हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के जीजा और विधानसभा के पूर्व स्पीकर चौधरी सतबीर सिंह कादियान के पुत्र देवेंद्र कादियान ने एमपी के होशंगाबाद निवासी पिता-पुत्र पर स्थानीय सेक्टर-29 थाने में धोखाधड़ी का केस दर्ज कराया है। आरोप है कि सौदा होने के बाद आरोपियों ने प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री नहीं की और फिर पूरी रकम भी वापस नहीं की। बाकी 75 लाख मांगने पर जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाया है। वहीं, आरोपी ने बताया कि मामला प्रॉपर्टी का नहीं है। देवेंद्र कादियान ने उनके साथ उत्तर-प्रदेश के बागपत में बालू खदान में हिस्सेदारी की थी। बालू खदान में घाटा होने पर उनके खिलाफ गलत केस दर्ज कराया गया है।

जजपा से विधानसभा से चुनाव लड़ चुके देवेंद्र कादियान की ओर से आर्थिक अपराध शाखा को दी गई शिकायत में बताया गया कि वह सिवाह के पास स्थित डीएस इंफ्रा के मालिक हैं। यहां जसपाल उनके प्रबंधक हैं। एमपी के होशंगाबाद जिले की पिपरिया तहसील निवासी अजित सिंह मल्होत्रा व उनके बेटे रसमीत सिंह मल्होत्रा से उनके प्रबंधक जसपाल की जान पहचान है। पिता-पुत्र दिल्ली के वसंतकुंज में अपनी जमीन बताकर उसे बेचने की इच्छा जाहिर की। देवेंद्र कादियान ने जमीन देखने के बाद दो जमीनों का सौदा दो करोड़ रुपए में कर लिया। देवेंद्र कादियान ने पिता-पुत्र के हिस्सेदारी फर्म के अकाउंट में मई 2018 से लेकर जुलाई 2018 के बीच पांच बार में कुल दो करोड़ रुपए आरटीजीएस किए।

आरोप है कि पिता-पुत्र ने कई वादे करने के बाद भी उनके नाम जमीन की रजिस्ट्री नहीं की। रुपए वापस मांगे तो आरोपियों ने जनवरी 2021 से मार्च 2021 तक उन्हें पांच बार में 1.25 करोड़ रुपए वापस किए। कई बार मांगने के बाद भी बाकी 75 लाख रुपए नहीं दिए। आरोप है कि अब रुपए मांगने पर पिता-पुत्र उन्हें जान से मारने की धमकी दे रहे हैं।

प्रॉपर्टी नहीं, बालू खदान में हिस्सेदारी का है मामला

रसमीत सिंह ने बताया कि यह मामला प्रॉपर्टी का नहीं है। उनके पास दिल्ली के वसंतकुज में कोई प्रॉपर्टी है ही नहीं। रसमीत ने बताया कि उनका बालू खदान का काम है। उन्होंने दावा किया कि देवेंद्र कादियान उनके साथ हिस्सेदारी करना चाहते थे। उन्होंने उत्तर-प्रदेश के जिला बागपत के साकरोद में बालू खदान में हिस्सेदारी की, जिसकी एवज में दो करोड़ रुपए खर्च हुए।

कोरोना और फिर लॉकडाउन के कारण काम में घाटा हो गया। खदान से 1.25 करोड़ रुपए तो वापस हो गए, लेकिन 75 लाख का घाटा हुआ। देवेंद्र कादियान ने इस घाटे को प्रॉपर्टी में धोखाधड़ी का रूप देकर केस दर्ज कराया है। उनके पास देवेंद्र कादियान की कॉल रिकॉर्डिंग के साथ अन्य सुबूत हैं, जिन्हें वह समय आने पर पेश कर देंगे।

देवेंद्र कादियान से नहीं हो पाई बात

केस के संबंध में पूर्व प्रत्याशी देवेंद्र कादियान को कई बार फोन किया गया। उनके निजी सचिव ने फोन उठाया, लेकिन देवेंद्र कादियान से बात नहीं हो पाई।

अब शुरू होगी तफ्तीश

इस केस के आईओ एसआई राजेश ने बताया कि इस मामले में बुधवार रात को केस दर्ज किया गया है। अभी तक तफ्तीश शुरू नहीं की गई है। जल्द ही मामले की जांच शुरू की जाएगी।

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