माता-पिता और बेटी तीनों ही कर रहे कोरोना पीड़ितों की सेवा
माता एसएमओ पिता एमओ और बेटी एमबीबीएस फाइनल ईयर स्टूडेंट.
मेडिकल लाइन से जुड़े परिवार में कूट-कूट कर भरी सेवा भावना
पटौदी । कोरोना कॉविड 19 की दूसरी प्रचंड और बेकाबू लहर के दौर में कोरोना एक महामारी के रूप में सामने उभर कर आई है। ऐसे में प्राइवेट है या सरकारी अस्पताल , जहां कहीं भी संदिग्ध कोरोना पीड़ित पॉजिटिव कोई भी महिला ,पुरुष , बच्चा मिल जाए तो यह बात किसी से छिपी नहीं है कि आसपास में मौजूद लोगों के बीच अज्ञात भय चेहरे पर चमकने लगता है । लेकिन बात वहीं आ जाती है की हिम्मत ही वह हथियार है जिसकी बदौलत किसी भी प्रकार की चुनौती का सहजता से सामना करके विजय प्राप्त की जा सकती है। हथियार भी वही चला सकता है जिस में हिम्मत और साहस हो ।
सीधी सीधी बात करते हैं चिकित्सा क्षेत्र में कार्यरत एक ऐसे परिवार की जिसमें माता-पिता एसएमओ और एम ओ के पद पर सरकारी अस्पतालों में सेवारत हैं , वही बेटी रोहतक मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की फाइनल ईयर की स्टूडेंट है । पटौदी विधानसभा क्षेत्र में पटौदी नागरिक अस्पताल और फरुखनगर नागरिक अस्पताल मौजूद हैं । पटौदी नागरिक अस्पताल में सीनियर मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर नीरू यादव जहां आधा दर्जन पीएचसी के साथ-साथ, 120 गांव सहित पटौदी नागरिक अस्पताल में बने कोविड-19 आइसोलेशन सेंटर के साथ बोहड़ाकला के जय महाकाल जेएमके अस्पताल में बने कोविड-19 आइसोलेशन सेंटर की भी मुख्य रूप से जिम्मेदारी को संभाले हुए हैं । वही डॉक्टर नीरू यादव के पति डॉ रणविजय यादव फरुखनगर नागरिक अस्पताल में मेडिकल ऑफिसर के पद पर कार्य करते हुए फर्रुख नगर इलाके में कोरोना कॉविड 19 महामारी के बीच में ऐसे लोगों की सेवा कर रहे हैं। जिनमें की कोरोना के आरंभिक लक्षण हैं या फिर कोरोना पाॅजिटिव भी हैं । अब बात करते हैं डॉक्टर नीरू यादव और डॉक्टर रणविजय यादव की पुत्री सिमरन कौर की। सिमरन कौर भी रोहतक मेडिकल कॉलेज से अपनी एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही है, फिलहाल वह एमबीबीएस फाइनल ईयर की स्टूडेंट है ।
लेकिन जब से सरकार के द्वारा यह फैसला किया गया है कि एमबीबीएस फाइनल ईयर के स्टूडेंट को भी कोरोना कोविड-19 जैसी महामारी को देखते हुए उनकी सेवाएं कोविड-19 पीड़ितों के साथ-साथ आइसोलेशन वार्ड में उपचाराधीन रोगियों के स्वास्थ्य लाभ के लिए ली जाए। ऐसे में पटौदी नागरिक अस्पताल की एसएमओ डॉक्टर नीरू यादव और फरुखनगर अस्पताल के मेडिकल ऑफिसर डॉ रणविजय यादव की पुत्री सिमरन झज्जर अस्पताल में कोविड-19 सेंटर में वहां ऐसे लोगों की दिन-रात सेवा करते हुए स्वास्थ्य लाभ उपलब्ध करवाने में जुटी है जो कि संदिग्ध कोरोना पीड़ित हैं या फिर कोरोना पॉजिटिव है या फिर आइसोलेशन वार्ड में स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर रहे हैं । बहुत कम लोगों को मालूम होगा कि जहां कोरोना कॉविड 19 का नाम सुनते ही आम आदमी कोरोना संदिग्ध अथवा पीड़ित के आस पास जाने का साहस नहीं जुटा पाता, वही माता सीनियर मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर नीरू यादव पटौदी नागरिक अस्पताल के कोविड-19 आइसोलेशन सेंटर में अपने हाथों से यहां उपचाराधीन लोगों को मेडिसन देने के साथ-साथ भोजन का भी वितरण करने का काम बखूबी कर रही है । इतना ही नहीं उन्होंने पटौदी अस्पताल कोविड-19 आइसोलेशन सेंटर में म्यूजिक सिस्टम भी लगवा दिया है इस म्यूजिक सिस्टम में गायत्री मंत्र के अलावा अन्य और भी ऐसे मंत्रों का नियमित अंतराल पर उच्चारण करवाया जाता है , जिससे कि उपचाराधीन अथवा स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर रहे लोगों के बीच में सकारात्मक और आध्यात्मिक आत्मशक्ति का संचार होता रहे ।
सीनियर मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर नीरू यादव के मुताबिक किसी भी आपदा अथवा महामारी के बावजूद सकारात्मक विचार और दिमागी के साथ मानसिक रूप से मजबूत बने रहना सबसे बड़ा और मजबूत हथियार है । जिसकी बदौलत कामयाबी हासिल की जा सकती है और यह कामयाबी रोगी अथवा पीड़ित को पूरी तरह से स्वस्थ करने में सहायक भी बनती है। हालांकि व्यक्तिगत रूप से स्वस्थ रहने के लिए सभी प्रकार के जारी किया गए दिशा निर्देशों का भी पालन किया जाना बहुत जरूरी है । हिम्मत हार चुके और बेहद उदासी की हालत में आने वाले रोगी अथवा पीड़ित जब स्वस्थ होकर लौटते हैं तो उनके चेहरे की मुस्कान और उनके द्वारा दी गई दुआएं दुनिया की किसी भी दौलत से नहीं खरीदी जा सकती। यही वह चीज है जो कि किसी भी डॉक्टर अथवा चिकित्सक को रोगियों की सेवा करने के लिए बहुत अधिक प्रेरणा सहित आत्म शक्ति भी प्रदान करती है।