कोरोना पर समीक्षा के बाद राज्य सरकार लॉकडाउन में दे सकती है छूट – दुष्यंत चौटाला

चंडीगढ़, 19 मई। कोविड वैक्सीन की पूरी उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए हरियाणा सरकार वैक्सीन का उत्पादन प्रदेश में करवाने का प्रयास कर रही है। इसको लेकर वैक्सीन निर्माता कंपनियों से सरकार की बातचीत जारी है। यह जानकारी प्रदेश के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने दी। वे बुधवार को यहां एक प्रेस वार्ता संबोधित कर रहे थे।

उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि हरियाणा सरकार का प्रयास है कि प्रदेश में कोविड वैक्सीन अधिक मात्रा में उपलब्ध हो और इसके लिए सरकार ने जहां कोरोना वैक्सीन को लेकर इंटरनेशनल टेंडर निकाला है, वहीं सरकार यह भी प्रयास कर रही है कि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की कोविशील्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को दोनों कंपनियों से टाइअप करके फार्मा कंपनियां द्वारा वैक्सीन का उत्पादन बढाया जाए। इसके अलावा रूसी वैक्सीन स्पूतनिक वी का उत्पादन भी हरियाणा के प्लांटों में करवाए जाने पर चर्चा की जा रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार cowin.gov.in पोर्टल के माध्यम से देश के नागरिकों को वैक्सीनेशन करवा रही है और देश में वैक्सीन उत्पादन को भी बढ़ावा दे रही है।

उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर को नियंत्रित करने में हरियाणा सबसे ज्यादा कोरोना रिकवरी व टेस्ट बढ़ाने वाले राज्यों में शामिल है। उन्होंने कहा कि महामारी में हमारा मेडिकल स्टाफ अच्छा कार्य कर रहा है, जिसके कारण पिछले एक सप्ताह में कोरोना के मामलों में निरंतर सुधार हो रहा है। दुष्यंत चौटाला ने कहा कि पिछले दो दिनों में कोरोना के पॉजिटिव केस कम हुए और पॉजिटिव केसों के मुकाबले कोविड मरीज ज्यादा ठीक हो रहे है।

डिप्टी सीएम ने गांवों में फैल रहे कोरोना संक्रमण के सवाल के जवाब में कहा कि हरियाणा में शहरों के साथ-साथ गांवों में बड़ी मात्रा में वैक्सीनेशन अभियान चलाया जा रहा है। सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्र में निरंतर सैनिटाइजेशन अभियान, कोरोना रैपिड टेस्ट, आइसोलेशन वार्ड, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर समेत कोरोना से संबंधित आवश्यक वस्तुओं की व्यवस्था की जा रही है।

दुष्यंत चौटाला ने कहा कि बड़े गांवों में कोरोना के मामले ज्यादा बढ़े है। उन्होंने कहा कि कुछ तथाकथित नेताओं द्वारा ये कहना कि कोई वैक्सीनेशन न करवाएं और लॉकडाउन की पालना न करें, इसके कारण गांवों में महामारी ज्यादा फैली।

उपमुख्यमंत्री ने किसान आंदोलन के संदर्भ में सवालों के जवाब में कहा कि केंद्र सरकार और आंदोलनरत किसान नेताओं के बीच बातचीत करवाने के लिए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से वरिष्ठ मंत्रियों की कमेटी बनाकर बातचीत करने का आग्रह किया था। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने कई बार 40 किसान नेताओं को चर्चा के लिए संदेश भेजा, लेकिन हजारों किसानों को अलग-अलग जगहों पर धरने पर बैठाने वाले किसान नेता 26 जनवरी से लेकर अब तक चर्चा के लिए आगे नहीं आए। दुष्यंत चौटाला ने कहा कि यह दर्शाता है कि इन लोगों की मंशा किसानी को बचाने की नहीं है बल्कि वे खुद के निजी फायदे की है। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन की आड़ में कांग्रेस व अन्य बची छोटी पार्टियां एजेंडे के तहत अपनी राजनीतिक रोटियां सेक रही है।

दुष्यंत चौटाला ने कहा कि तीन नए कृषि कानूनों को लेकर एक भ्रम फैलाया गया, लेकिन क्या इस बार खरीद प्रक्रिया के दौरान कहीं कोई मंडी बंद हुई ? उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने अपनी पॉलिसी में सुधार किए, जिसके कारण एमएसपी से ज्यादा दामों पर सरसों व सूरजमुखी फसल की खरीद हो रही है। दुष्यंत चौटाला ने कहा कि आज किसानों के खातों में उनकी फसलों का सीधा भुगतान किया जा रहा है और केंद्र सरकार ने भी हरियाणा के इस मॉडल को सराहा है। उन्होंने कहा कि पंजाब जैसे जो राज्य सीधा किसानों के खाते में भुगतान का विरोध कर रहे थे, वहां भी 136 लाख मीट्रिक गेहूं का भुगतान किसानों के खाते में किया गया है।

लॉकडाउन से संबंधित सवालों के जवाब में उन्होंने कहा कि इस सप्ताह प्रदेश सरकार कोरोना महामारी पर समीक्षा बैठक करेगी। आने वाले दिनों में वे खुद भी उद्योग जगत से जुड़ी एसोसिएशनों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये चर्चा करेंगे, जिसमें उनकी मांग अनुसार व कोरोना के मामलों को देखते हुए राज्य सरकार अलग-अलग छूट लॉकडाउन में दे सकती है ताकि वापस हालात सामान्य हो।

वहीं उन्होंने यह भी कहा कि लॉकडाउन के दौरान प्रदेश में करीब 70 प्रतिशत से ज्यादा उद्योग चल रहे है। दुष्यंत चौटाला ने कहा कि राज्य सरकार ने केंद्र के आदेश पर कई उद्योग बंद किए और कई उद्योग लॉकडाउन में मार्केट डिमांड सीमित होने के कारण बंद हुए। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन में 27 प्रतिशत डीजल और 30 प्रतिशत पेट्रोल की सेल में गिरावट आई है।

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