संकट कि इस घड़ी में भारत सरकार लापता हैं और सिस्टम उसे ढूंढ रहा है

पटौदी 14/5/2021 : ‘इतिहास रहा है कि जब भी दुनिया में कोई महामारी आई है तो देश की सरकार ने जनता को दिशा दिखाई है किन्तु हमारे यहां सरकार आपदा में पीठ दिखा रही है। मोदी सरकार ने वैक्सीन के लिए राज्यों को कायदे से आत्मनिर्भर बना दिया, ये बड़ी बेशर्मी से कह रही है जाइए खुद ही विदेशों से खरीद कर लाइए। संकट कि इस घड़ी में सरकार लापता हैं और सिस्टम उसे ढूंढ रहा है,

खोजने पर भी पूरी दुनिया में ऐसी हालातों भरा उदाहरण किसी मुल्क में नहीं मिलेगा।’ उक्त बातें महिला कॉन्ग्रेस की प्रदेश महासचिव सुनीता वर्मा ने प्रेस के नाम जारी विज्ञप्ति में कही। उन्होंने कहा कि वह खुद इस लॉकडाउन का समर्थन करती है अगर हर देशवासी की भुख, कर्ज और मर्ज का समाधान सरकार कर दे तो? क्योंकि किसी को भी शौक नही है जान जोखिम में डालने के लिए बाहर जाने का, लेकिन लाचारी और सरकार का निकम्मापन घर मे टिकने दे तब न…? काश! सरकार जनता की ये पीड़ा समझ सके।

कॉन्ग्रेस नेत्री वर्मा ने कहा कि वैसे इस कोरोना काल मे लगे लॉकडाउन से सभी वर्ग प्रभावित हुए हैं, सभी जीव – जंतु व प्राणी हलकान हैं। किन्तु इनमें एक वर्ग ऐसा भी है जिसकी सभी समाजसेवियों, कोरोना यौद्धाओं और सरकार के द्वारा इस आपदा में जमकर उपेक्षा की गई है वो है मध्यम वर्ग। ये एक ऐसा वर्ग है जो न किसी से मदद मांग सकता है और न ही इसे किसी से मदद मिल सकती है।

सरकार सभी नागरिकों की तकलीफों को समझे और इस आपदा में उन्हें हिम्मत और हौंसले का सम्बल प्रदान करते हुए सभी प्रकार की बैंक ईएमआई वसूली को 6 महीने तक के लिए रोक दें। इसी प्रकार विद्यालय की फीस, बिजली बिल – पानी बिल का चार्ज व सभी प्रकार की टैक्स प्राप्ति आगामी उतने समय तक निलंबित करते हुए रोक दे, जितने समय तक लॉकडाउन लगा रहता है। इसके साथ ही सभी प्रकार की दवाएं, मेडिकल सुविधाएं मुफ्त करते हुए उन्हें जीएसटी से मुक्त कर दिया जाए।

महिला प्रदेश महासचिव वर्मा ने अपनी प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से सरकार से मांग करते हुए कहा कि दैनिक दिहाड़ीदार व प्रवासी मजदूरों को 5 हजार रुपये की मासिक मदद तब तक दे सरकार जब तक ये लॉकडाउन चलता है, क्योंकि बहुत आसान है ये कहना कि घर में रहो, सुरक्षित रहो। पूछिए उनसे जिनके बच्चे खाना तब खाते है जब उस परिवार का मुखिया कुछ कमाकर लाता है। इसलिए इस संकट के समय में इनके बैंक खाते में सीधा पैसा डालें नही तो इस आपदा में आत्महत्याओं का ग्राफ भी बढ़ जाएगा।

इसके साथ ही कोरोना से हुई मौत के अंतिम संस्कार का पूरा खर्च सरकार वहन करे तथा मृतक का मुआवजा भी पीड़ित परिवार को सरकार तुरंत दे।

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