सरकारी स्कूलों में दाखिला लेने के लिए एसएलसी की अनिवार्यता ख़त्म करने पर बिफरे निजी स्कूल संचालक
हरियाणा सरकार दिल्ली सरकार के समकक्ष बराबरी करने के लिए ओर अपनी विफलताओं को छिपाने के लिए गुणात्मक शिक्षा का कर रही हनन

चंडीगढ़ – हरियाणा में 1 मई से शिक्षा का नया सत्र आरम्भ हो चुका हैं साथ ही हरियाणा सरकार द्वारा निजी स्कूलों के बच्चो को सरकारी स्कूल में दाखिला करने के लिए नियमो में बदलाव किया गया हैं जिसमे अब निजी स्कूलों के बच्चो को सरकारी स्कूलों में दाखिला लेने के लिए एसएलसी की अनिवार्यता को खत्म कर दिया गया हैं पिछले साल भी सरकार द्वारा इस तरह के नियमो में बदलाव किया गया था लेकिन प्राइवेट स्कूलों के संगठन के दबाव के चलते इस फैसले को वापिस ले लिया गया था और इस बदले हुए नियम का सरकार को उचित फायदा भी मिला था जिसमे प्राइवेट स्कूलों के 2 लाख बच्चो ने प्राइवेट स्कूलों को छोड़कर सरकारी स्कूलों की तरफ रुख किया था अबकी बार नया सत्र शुरू होने के साथ ही सरकार का लक्ष्य हैं कि सरकारी स्कूलों में ज्यादा से ज्यादा बच्चो का दाखिला किया जाए इसके लिए फिर प्रदेश सरकार ने एसएलसी की अनिवार्यता को खत्म कर दिया हैं जिसमे सरकार द्वारा कहा गया हैं कि सरकारी स्कूल में दाखिला लेते ही प्राइवेट स्कूल को बच्चे का एसएलसी जारी करना होगा यदि प्राइवेट स्कूल 15 दिन के अंदर बच्चे का एसएलसी जारी नही करता हैं तो सरकारी स्कूल द्वारा जारी किया गया अस्थाई एस .आर .एन नम्बर को स्थाई मानकर बच्चे को दाखिला दे दिया जाएगा और बच्चे की पढ़ाई शुरू करवा दी जाएगी

सरकार के इस फैसले से प्राइवेट स्कूल संचालक बिफर गए हैं और सरकार के इस नियम को प्राइवेट स्कूलों द्वारा आपदा में अवसर बताया हैं हरियाणा फेडरेशन ऑफ प्राइवेट स्कूल वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. कलभूषण शर्मा ने सरकार के इस नियम का जोरदार तरीके से विरोध किया हैं और बताया कि सरकार प्राइवेट स्कूलों का इम्तिहान ले रही हैं और प्राइवेट स्कूलों के ऊपर नए नए नियम थोपकर उन्हें बन्द करने की मंशा पर कार्य कर रही हैं पहले सरकार ने कोरोना का हवाला देकर प्राइवेट स्कूलों की छुट्टियां घोषित करवा दी और अब एसएलसी की अनिवार्यता को खत्म करना प्रदेश सरकार की नियत ओर नीतियों पर गहरे सवाल खड़ा करती हैं

कलभूषण शर्मा ने बताया कि एसएलसी की अनिवार्यता को खत्म करना प्राइवेट स्कूलों के हितों के साथ कुठारघात हैं हरियाणा सरकार दिल्ली सरकार के समकक्ष गुणात्मक शिक्षा नही दे पा रही हैं ओर अपनी वाहवाही लूटने ओर सरकारी स्कूलों में बच्चो की संख्या बढ़ाने के चक्कर मे इस तरह के नियम लागू कर रही हैं कलभूषण शर्मा ने बताया की जब हरियाणा में प्रदेश सरकार बनी थी तो सरकार के मंत्रियो ने देश के सँविधान की कसम खाते हुए कहा था कि सरकार सभी को बराबर लेकर चलेगी ओर सरकार की नजर में सब एक समान बराबर होंगे लेकिन अब प्रदेश सरकार सविधान के उल्ट कार्य कर रही हैं

सरकार सुप्रीमकोर्ट के फीस के फैसले को भी नही मानती,सरकार अपने आप को कोर्ट से बड़ा मानने लगी हैं

डॉ. कलभूषण शर्मा ने बताया कि सरकार का रवैया इतना तानाशाही हो चुका हैं कि अब सुप्रीमकोर्ट के फैसले मानने से भी मना करने लगी हैं जब सुप्रीमकोर्ट ने प्राइवेट स्कूलों के पक्ष में फैसला देते हुए कहा हैं कि प्राइवेट स्कूल पिछले सत्र की 85 प्रतिशत फीस ओर इस सत्र की पूरी फीस ले सकते हैं तो इस बात पर सरकार को कोई आपत्ति नही होनी चाहिए जबकि प्राइवेट स्कूल शिक्षा ग्रहण करने वाले बच्चो से किस्तो में एव 75 प्रतिशत तक ही फीस लेने के भी पक्ष में है जबकि सरकार अपने तानाशाही रवैये पर अडिग हैं और आये दिन प्राइवेट स्कूलों पर तरह तरह के ओर नए नए नियम थोपने पर उतारू हैं जबकि प्रदेश सरकार सरकारी स्कूलों में न तो अच्छी सुविधा प्रदान कर पा रही हैं और ना ही अच्छी शिक्षा दे पा रही हैं जबकि छात्र सरकारी स्कूलों में अच्छी शिक्षा और सुविधाओं के अभाव में प्राइवेट स्कूलों में दाखिला लेते हैं लेकिन सरकार को यह बात हजम नही हो पा रही हैं

गौरतलब हैं कि देशभर में दिल्ली की शिक्षानीति की चर्चा जोर शोर से फैली हुई हैं और शिक्षा के क्षेत्र में केजरीवाल की दिल्ली सरकार की देशभर में कोई बराबरी नही हैं ओर हरियाणा की वर्तमान में बीजेपी की प्रदेश सरकार सरकारी स्कूलों में छात्रों की संख्या में बढ़ोतरी करने और अपने आप को शिक्षा के क्षेत्र में केजरीवाल की दिल्ली सरकार के बराबर खड़ा करने के इरादे से नियमो में बदलाव करने का दम भर रही हैं
फेडरेशन ऑफ प्राइवेट स्कूल वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष कलभूषण शर्मा का कहना हैं कि फेडरेशन प्राइवेट स्कूलों के हितों के साथ कुठारघात नही होने देगी और जब तक सरकार इस तानाशाही फैसले को वापिस नही लेती तब तक सरकार का विरोध जारी रहेगा क्योंकि कोरोना काल ने पहले ही प्राइवेट स्कूलों की कमर तोड़ रखी हैं और अब ऐसे छात्र जिनकी प्राइवेट स्कूलों में पिछली फीस बकाया हैं वो बिना एसएलसी के ही सरकारी स्कूलों में दाखिला ले लेंगे जिससे प्राइवेट स्कूल बंद होने की कगार पर पहुच जायेगे

इस अवसर पर फेडरेशन अध्यक्ष कलभूषण शर्मा के साथ साथ कैथल से वरुण जैन, बलबीर सैनी, रोहतक से विजय टिटौली, संजीव भारद्वाज, ललित शर्मा आदि उपस्थित रहे

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