किसान सभा का उपायुक्त कार्यालय पर बेमियादी धरना आठवें दिन में पहुंचा

सरकार ने जनता को मरने के लिये छोड़ा : शमशेर नम्बरदार

हांसी , 4 मई  I मनमोहन शर्मा  

खरीफ 2020, नरमा, बाजरा, मूंग, धान की फसल अंधड़, ओलावृष्टि, सफेद मक्खी से बर्बाद हुई फसल का पूरा मुआवजा मिले, बीमा कम्पनी पर धोखाधड़ी का मुकद्मा दर्ज करने, गेहूं की पूरी खरीद, उठान तथा भुगतान, नहरों में पानी छोडऩा, पीने का पानी व पशुओं के लिये जोहड़ों में पानी भरने की मांग को लेकर जिला किसान सभा का उपायुक्त कार्यालय पर शुरु हुआ अनिश्चितकालीन धरना आज आठवें दिन में प्रवेश कर गया।     

 धरने की अध्यक्षता कलीराम पचार गोरछी ने की। संचालन जिला प्रेस सचिव सूबेसिंह बूरा ने की। किसानों को संबोधित करते हुए सूबेसिंह बूरा ने कहा कि किसानों की मांगों के प्रति जिला प्रशासन व सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही। जिला प्रधान शमशेर सिंह नम्बरदार ने कहा कि वर्तमान सरकार का चेहरा पूर्ण रुप से किसान विरोधी है। एक साल पहले किसानों ने जिला के अंदर बर्बाद फसलों की स्पेशल गिरादवरी के लिये आंदोलन किया। सरकार ने गिरदावरी में माना कि किसानों की 50 प्रतिशत से 100 प्रतिशत तक फसलें बर्बाद हो गई। आज तक हरियाणा सरकार ने बर्बाद हुई फसलों का मुआवजा किसानों को नहीं दिया गया।

बीमा कम्पनी ने किसानों के साथ मुआवजे के नाम पर भद्दा मजाक किया। प्रति एकड़ 18 रुपये से लेकर 140 रुपये मुआवजा दिया जबकि सरकारी गिरदावरी में शत प्रतिशत फसल बर्बाद हुई है। इसके अतिरिक्त नहरों में पानी नहीं आने के कारण गांव में पीने के पानी व जोहड़ों में पशुओं के लिये पानी नहीं होने के कारण हाहाकार मचा हुआ है। सरकार द्वारा गेहूं की खरीद बंद कर दी गई है। इससे हजारों किसानों की फसल मंडियों में पड़ी है। सरकार और प्रशासन कुंभकर्ण की नींद सोया पड़ा है। बूरा ने कहा कि कोरोना बिमारी से जिला में हाहाकार मचा हुआ है। जिला भर में न बैड है, न दवाई और न ही ऑक्सीजन। जनता को मरने के लिये छोड़ दिया गया है। सरकार जनता के साथ नौटंकी कर रही है। धरने को कृष्ण कुमार गावड़, वजीरसिंह, सुनील पृथ्वी गोरखपुरिया, रामफल, सुरेश किरमारा, राजेश सिंधु, प्रमोद किरमारा आदि ने भी संबोधित किया।

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