गुरुग्राम 4 मई। कोरोना महामारी के इस दौर में व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। यदि कोविड अप्रोप्रिट बिहेवियर हमें इस बीमारी से बचा सकता है तो आयुर्वेदिक पद्धति को अपनाकर व्यक्ति अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हुए  इससे होने वाले शारीरिक नुकसान से बचाव कर सकता है।

मुश्किल की इस घड़ी में आयुष विभाग स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर विभिन्न क्षेत्रों में अपनी सेवाएं प्रदान कर रहा है। जिला में बनाए गए कंटेनमेंट जोन में अब तक आयुष विभाग द्वारा 251628 आयुष किट वितरित की जा चुकी हैं।  होम आइसोलेशन में रह रहे कोरोना संक्रमित मरीजों को भी विभाग द्वारा निरंतर आयुष किट प्रदान की जा रही है । इसके साथ ही उनके साथ फोन पर तथा आवश्यकतानसार घर जाकर भी स्वास्थ्य संबंधी पैरामीटरो की जांच की जा रही है।

जिला आयुष अधिकारी मंजू बांगड़ ने बताया कि कोविड-19 मरीजों के लिए प्रातः 9:00 से 10:00 बजे तक ऑनलाइन योगा सेशन का आयोजन भी विभाग द्वारा किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि आयुष मंत्रालय द्वारा कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर भी आवश्यक हिदायतें जारी की गई है जिन्हें व्यक्ति अपनी जीवनशैली में अपनाकर कोरोना संक्रमण से अपना बचाव कर सकता है।उन्होंने बताया कि व्यक्ति को दिन में बार-बार गुनगुना पानी अवश्य पीना चाहिए। मसाले जैसे खाना बनाते समय हल्दी, जीरा, धनिया, सोंठ, लहसुन आदि का प्रयोग अवश्य करना चाहिए। ताज़े फल के आंवले का सेवन करें। खाना हमेशा ताजा व सुपाच्य बनाएं ।कम से कम 30 मिनट योगाभ्यास ,प्राणायाम और ध्यान का दैनिक अभ्यास अवश्य करें। दिन में ना सोएं और रात में कम से कम 7 से 8 घंटे की नींद अवश्य ले। 

आयुर्वेदिक प्रतिरक्षा को बढ़ावा देने के उपायों के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि व्यक्ति को गुनगुने पानी के साथ खाली पेट 20 ग्राम चवनप्राश का सेवन करना चाहिए। आधा टी-स्पून हल्दी पाउडर को डेढ़ सौ मिलीलीटर गर्म दूध में मिलाकर दिन में एक या दो बार अवश्य लेना चाहिए। दिन में हर्बल चाय अवश्य ले । काढ़ा दिन में दो बार अवश्य ले । काढ़ा बनाने की विधि 3 ग्राम तुलसी पाउडर , दो छोटे टुकड़े दालचीनी ,थोड़ी सोंठ, एक काली मिर्च, थोड़ा गुड़ सभी को डेढ़ सौ मिलीलीटर पानी में डालकर उबालें। कपूर व अजवाइन डालकर स्टीम ले। गले में दर्द व खराश होने पर दिन में दो-तीन बार लॉन्ग, मुलेठी और शहद लेते रहे। नाक में तिल के तेल या सरसों का तेल या गाय के घी का प्रयोग दिन में दो बार करें। 

उन्होंने बताया कि आयुष चिकित्सक की सलाह पर गुडूची घनवटी, आयुष 64, अश्वगंधा, महासुदर्शनघनवटी , त्योंषादी वटी  का प्रयोग भी होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों द्वारा किया जा सकता है।