एक मई शनिवार को न पहली और न ही मिली दूसरी डोज.
एक मई से आरंभ होना था 18 से ऊपर वैक्सीनेशन का अभियान

फतह सिंह उजाला
गुरुग्राम/पटौदी ।
  बेकाबू और बेलगाम होने के साथ-साथ जानलेवा होते जा रहे कोरोना कोविड-19 पर लगाम कसने सहित इसकी चेन को तोड़ने के लिए 1 मई शनिवार से 18 वर्ष से लेकर 45 वर्ष आयु वर्ग के बीच के लोगों को वैक्सीनेशन का अभियान आरंभ किया जाना तय किया गया । लेकिन पहले ही दिन वैक्सीनेशन का यह अभियान पूरी तरह से दम तोड़ता हुआ दिखाई दिया । स्वास्थ्य विभाग के द्वारा जारी बुलेटिन में भी स्पष्ट बताया गया है कि 1 मई 2021 शनिवार को कोरोना कॉविड 19 से बचाव के जारी अभियान के बीच में जिला गुरुग्राम में न तो किसी को पहली वैक्सीनेशन की डोज दी गई और ना ही ऐसे लोगों को वैक्सीनेशन की डोज लगी जिन्हें की दूसरी डोज दिया जाना था ।

यहां लाख टके का सवाल यह है कि 1 मई से 18 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के युवाओं से लेकर 45 वर्ष के बीच के लोगों को वैक्सीनेशन के वास्ते अपना अपना रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन अथवा विभाग के पोर्टल पर करवाने के लिए हिदायत दी गई थी। वैक्सीनेशन के लिए अनेकानेक युवाओं के द्वारा अपना अपना रजिस्ट्रेशन भी करवाया गया। लेकिन शनिवार को 18 वर्ष से लेकर 45 वर्ष तक के कोरोना कॉविड 19 वैक्सीनेशन डोज के किसी भी लाभार्थी को वैक्सीनेशन की डोज नहीं दी जा सकी। इसमें सबसे अधिक चिंताजनक बात जो देखी गई , वह यह सामने आई है कि जो लोग पहली डोज ले चुके हैं और उन्हें वैक्सीनेशन की दूसरी दोस्त अथवा इंजेक्शन लेना था, वह भी पूरी तरह से वंचित ही रह गए हैं।

1 मई शनिवार को वैक्सीनेशन की डोज अथवा इंजेक्शन नहीं लगाए जाने के मामले में न तो जिला प्रशासन की तरफ से कोई अधिकृत स्पष्टीकरण दिया गया और ना ही कोई भी संबंधित अधिकारी इस मामले में कुछ भी बोलने के लिए तैयार दिखाई दिया। सूत्रों के मुताबिक भरोसा किया जाए तो कोरोना कोविड-19 से बचाव के लिए वैक्सीन ही उपलब्ध नहीं थी । इसी मामले में जुड़े सूत्रों के मुताबिक दावा किया गया है कि रविवार को भी कोरोना कॉविड 19 से बचाव के लिए वैक्सीन उपलब्ध नहीं हो सकेगी। ऐसा क्यों और किन कारणों से हुआ यह भी अपने आप में अबूझ पहेली और बहुत बड़ा सवाल बन खड़ा हुआ है ? क्या यह मान लिया जाए की हरियाणा में कोरोना कॉविड 19 से बचाव के लिए दी जाने वाली वैक्सीन का टोटा बन चुका है । या फिर इस सब के पीछे शासन-प्रशासन , स्वास्थ्य विभाग, राज्य सरकार और इस पूरे अभियान की रणनीति कार विशेषज्ञों की कोई अलग ही रणनीति बनाई गई है ।

कुल मिलाकर देखा जाए तो शनिवार और रविवार को कोरोना कॉविड 19 से बचाव के लिए वैक्सीन की डोज लेने से वंचित रहे तमाम लोग अब जब भी वैक्सीन उपलब्ध होगी , ऐसे तमाम लाभार्थी जो कि अपना रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं वैक्सीन के उपलब्ध होते ही यह सभी लाभार्थी एक साथ सभी ऐसे सेंटर पर टूट पड़ेंगे अथवा उमड़ पहुंचेंगे जहां-जहां भी कोरोना कॉविड 19 से बचाव के लिए वैक्सीनेशन सेंटर बनाकर वैक्सीन की डोज देने का काम किया जाना है । जब एक साथ उम्मीद से अधिक भीड़ उमड़ेगी तो जो हालात बनेंगे उन्हें संभालना स्वास्थ्य विभाग, शासन-प्रशासन सहित पुलिस विभाग के लिए भी एक बहुत बड़ी गंभीर चुनौती बनना तय है ।

कुछ इस प्रकार के संकेत भी मिल रहे हैं कि कथित रूप से संभवतया 3 मई सोमवार को भी कोरोना कॉविड 19 से बचाव के लिए दी जाने वाली वैक्सीन उपलब्ध होने के किसी भी प्रकार के दावे नहीं किए जा सकते हैं ? ऐसे में जब कोरोना कॉविड 19 बेकाबू होकर बेलगाम हो लोगों के लिए जान पर खतरा बना हुआ है तो फिर कोरोना कोविड-19 की संक्रमण की चेन को तोड़ना केवल मात्र क्या 50-55 घंटे के लॉकडाउन से ही संभव हो सकेगा ? जानकारों सहित ऐसे तमाम लोग जोकि कोरोना कॉविड 19 की वैक्सीनेशन डोज लेने के लाभार्थी हैं , उनके द्वारा आशंका जाहिर की जा रही है की सरकार के द्वारा आधी अधूरी तैयारी के साथ वैक्सीनेशन की डोज देने का काम शुरू किया गया और ऐसे में जब वैक्सीनेशन देने की चेन ही टूट रही है तो फिर कोरोना कोविड-19 की चेन को तोड़ने के दावों में भी कोई दम दिखाई नहीं दे रहा है।

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