कोरोना वास्तव में देश और दुनिया के लिए चुनौतीपूर्ण आपदा.
आपदा कभी भी किसी को पहले चेतावनी देकर नहीं आती.
कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़ना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी

फतह सिंह उजाला
पटौदी ।
   वेदों और धर्म ग्रंथों के मर्मज्ञ एवं आश्रम हरी मंदिर संस्कृत महाविद्यालय संस्थान के अधिष्ठाता महामंडलेश्वर स्वामी धर्मदेव महाराज ने कहा की वर्ष 2020 के मुकाबले वर्ष 2021 में कोरोना कॉविड 19 देश और दुनिया के के लिए बड़ी चुनौती पूर्ण आपदा बनकर सामने आया है । उन्होंने कहा आज के दौर में पहली प्राथमिकता प्रत्येक व्यक्ति का जीवन बचाना है । कोरोना कॉविड 19 के संक्रमण की चेन को तोड़ना हम सभी की नैतिक और सामाजिक जिम्मेदारी भी बनी हुई है । इसके लिए सरकार और स्वास्थ्य विभाग के द्वारा जारी किए गए दिशानिर्देशों का बेहद गंभीरता से पालन करना प्रत्येक व्यक्ति के लिए आवश्यक है। जिससे कि हम सभी सुरक्षित और स्वस्थ रहें । यह बात उन्होंने बुधवार को पटौदी नागरिक अस्पताल में कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज लेने के उपरांत पत्रकारों से बात करते हुए कही। इस मौके पर पाटोदी नागरिक अस्पताल के सीनियर मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर नीरू यादव ,महिला रोग विशेषज्ञ ज्योति डबास, विजय शास्त्री, ओपी अदलखा, एफ एस सैनी, शिवचरण, गोपी व अन्य भी मौजूद रहे।

डा. ज्योति डबास के द्वारा वैक्सीनेशन की दूसरी डोज इंजेक्शन के रूप में लेने के बाद महामंडलेश्वर धर्मदेव ने कहा कि कोरोना कॉविड 19 से बचाव के लिए वैक्सीन वास्तव में इंसान के जीवन का सबसे अधिक मजबूत और भरोसेमंद कवच है । उन्होंने कहा वर्ष 2020 में किसी हद तक पीएम मोदी के द्वारा की गई अपील का लोगों ने बेहद गंभीरता के साथ में पालन किया गया, जिसके परिणाम स्वरूप कोविड-19 के मामलों में बहुत तेजी से कमी आती चली गई । लेकिन कहीं न कहीं इस मामले में आई कमी को देखते हुए हम सभी लापरवाह अभी होते चले गए । जबकि देश के प्रधान सेवक नरेंद्र मोदी ने बार-बार कहा कड़़ाई भी जरूरी और दवाई भी जरूरी, इसके साथ 2 गज की दूरी भी जरूरी है।

महामंडलेश्वर धर्मदेव ने कहा आज के दौर में कोरोना कॉविड 19 एक चुनौतीपूर्ण गंभीर आपदा बनकर हमारे सामने मौजूद है । आपदा कभी भी पहले से चेतावनी देकर नहीं आती । यदि ऐसा होता तो केंद्र के साथ-साथ सभी राज्य सरकारें पहले से ही बचाव के उपाय करके रख सकती थी। उन्होंने कहा आज हालात यह बने हुए हैं कि कोरोना कोविड-19 के पीड़ितों को उपचार के लिए अस्पताल में मैं तो बेड उपलब्ध हैं नहीं ऑक्सीजन उपलब्ध है । इससे भी अधिक विचलित करने वाली बहुत कड़वी सच्चाई के अंतिम संस्कार के लिए मुक्तिधाम में स्थान  का भी अभाव महसूस किया जा रहा है । उन्होंने कहा कि भारत योगी ,तपस्वी और ऋषि-मुनियों का देश है । भारत देश के सभी नागरिक बेहद जागरूक संवेदनशील और किसी भी प्रकार की आपदा का सामना करने के लिए हमेशा दिमागी और मानसिक रूप से भी तैयार रहे हैं ।

उन्होंने कहा की प्रत्येक इंसान का जीवन अमूल्य है । जीवन बचा रहेगा तो बचे जीवन के बाद अपनी योग्यता के मुताबिक कितना भी धन कमाया जा सकता है । आज जरूरत है आपदा के समय में हम सभी मिलकर एक दूसरे के मददगार बने । आज का दौर ऐसा है कि कुछ कम कमा लो, कुछ कम खा लो, लेकिन किसी भी प्रकार से अपने जीवन को बचा लो । उन्होंने कहा कुदरत ने वायुमंडल में प्रत्येक इंसान के लिए अथवा जीव के लिए पर्याप्त ऑक्सीजन उपलब्ध करवाई हुई है । लेकिन कोरोना कॉविड 19 एक ऐसी आपदा बन गया कि कुदरत अथवा परमपिता परमेश्वर के द्वारा प्रदान की गई ऑक्सीजन के मुकाबले कोरोना जैसी आपदा इंसान को जीवित रहने के लिए संघर्ष करने पर मजबूर बनाए हुए है। उन्होंने कहा आज जो भी हालात देखे जा रहे हैं ,उसके लिए हम स्वयं कहीं ना कहीं अवश्य दोषी रहे हैं। स्वामी धर्मदेव ने आह्वान किया है कि प्रत्येक व्यक्ति करोना महामारी से बचे रहने के लिए वैक्सीन अवश्य लगवाएं, मास्क का इस्तेमाल करें, 2 गज की दूरी बनाकर रखें, पौष्टिक और संतुलित आहार ग्रहण करें। इस सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि अपने विचारों को और सोच को सकारात्मक ही रखें । आज यह देखकर और सुनकर अत्यधिक मन विचलित होता है कि भारत देश दुनिया में कोरोना कॉविड 19 संक्रमण के मामले में सबसे अधिक प्रभावित होने वाला देश बन चुका है । उन्होंने कहा की 1 मई से प्रत्येक 18 वर्ष से ऊपर के युवा को कोरोना कॉविड 19 से बचाव के लिए वैक्सीन लगाई जाएगी । ऐसे में युवा वर्ग को यह वैक्सीन हर हालत में लगवा कर स्वस्थ समाज और मजबूत राष्ट्र बनाने में अपना योगदान देना ही होगा।

आश्रम हरी मंदिर के खुले हैं दरवाजे
इस मौके पर उन्होंने कहा कि पटौदी के नागरिक अस्पताल में कोरोना कॉविड 19 पीड़ितों के स्वास्थ्य लाभ के लिए कोविड-19 सहित आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है । यह बेहद उपयोगी और जीवन की रक्षा करने में सहायक साबित हो रहा है । यहां उपचाराधीन रोगियों के लिए और उनके तीमारदारों के वास्ते भोजन की व्यवस्था आश्रम हरी मंदिर संस्था संस्था की तरफ से उपलब्ध करवाई जाएगी और यदि जरूरत पड़ी या फिर किसी अन्य हालात में आइसोलेशन वार्ड बनाने या फिर बेड बढ़ाने की जरूरत महसूस हो तो आश्रम हरी मंदिर संस्थान के दरवाजे 24 घंटे खुले हुए हैं। यह संस्था भी जन सहयोग से जनहित के लिए ही कार्य कर रही है।

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