सुपर एरिया के आधार पर बिक्री को प्रमोटर द्वारा धोखाधड़ी/अनुचित व्यापार व्यवहार माना जाएगा. –कन्वेयन्स डीड को केवल कारपेट एरिया के आधार पर निष्पादित किया जाएगा. –अपार्टमेंट या इमारत की बिक्री केवल कारपेट एरिया के आधार पर सुपर क्षेत्र या किसी अन्य आधार की बिक्री अवैध

चंडीगढ़, 28 अप्रैल- हरियाणा रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (हरेरा), गुरुग्राम द्वारा जारी निर्देशों का उल्लंघन करने वाले प्रमोटर या रियल एस्टेट एजेंट्स पर शिकंजा कसते हुए, अथॉरिटी ने रियल एस्टेट परियोजना में कारपेट एरिया के आधार पर अपार्टमेंट या बिल्डिंग की बिक्री के लिए विनियमन जारी किए हैं।

हरेरा, गुरुग्राम के अध्यक्ष डॉ0 के.के. खंडेलवाल ने इस संबंध में जानकारी देते हुए कहा कि विभिन्न बिल्डर-खरीदार समझौतों में प्रदान की गई सुपर एरिया की परिभाषा अस्पष्ट है और परिभाषाओं में व्यापक भिन्नताएं हैं।

उन्होंने कहा ‘रियल एस्टेट परियोजनाओं में संपत्ति को विशेष रूप से सुपर एरिया में शामिल घटकों के विवरण और ब्रेकअप के बिना, ठीक से वर्णित नहीं किया गया है।’

उन्होंने कहा कि सुपर एरिया आधार पर रियल एस्टेट की बिक्री का प्रचलन भ्रामक, अस्पष्ट, अपारदर्शी है और भ्रम एवं जटिलताओं को जन्म देता है और कई बार इनके कारण बात मुकदमेबाजी तक पहुंच जाती है।

उन्होंने कहा कि भूखंड, अपार्टमेंट, या भवन, जैसा भी मामला हो, या रियल एस्टेट परियोजना की बिक्री कुशल और पारदर्शी तरीके से सुनिश्चित करने और रियल एस्टेट क्षेत्र में उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए अथॉरिटी द्वारा ये नियम बनाएं गए है।

कारपेट एरिया

डॉ0 के.के. खंडेलवाल ने कहा कि रियल एस्टेट (विनियमन और विकास) अधिनियम, 2016 के अस्तित्व में आने से पहले ‘कारपेट एरिया’ शब्द के लिए कानूनी विवरण का अभाव था। रियल एस्टेट (विनियमन और विकास) अधिनियम, 2016 ने कारपेट एरिया की विशिष्ट / ठोस परिभाषा प्रदान की है, जिससे अब इस संबंध में अस्पष्टता और अनिश्चितता नहीं है। इस अधिनियम की धारा 2 (के) के तहत शब्द कारपेट एरिया को विशेष रूप से और विशिष्ट रूप से परिभाषित किया गया है ।

अधिनियम की धारा 2 (के) के तहत उपलब्ध कारपेट एरिया की परिभाषा का अर्थ है कुल उपयोग योग्य फ्लोर एरिया।

उन्होंने कहा कि बाहरी दीवार, सेवा शाफ्ट, बालकनी, बरामदा और खुली छत को कारपेट एरिया की परिभाषा से बाहर रखा गया है। उन्होंने कहा कि हालांकि, अपार्टमेंट की आंतरिक विभाजन की दीवारों को इससे बाहर नहीं किया गया है क्योंकि वे अभिन्न संरचना का हिस्सा हैं जो कि कारपेट एरिया है।

डॉ0 केके खंडेलवाल ने कहा कि कारपेट एरिया की परिभाषा को अब पारदर्शी बना दिया गया है और अब किसी भी अस्पष्टता की कोई गुंजाइश नहीं है।

उन्होंने कहा कि एक अपार्टमेंट के बाहरी ढांचे पर निर्मित या प्रदान की जाने वाली सभी दीवारों को ‘बाहरी दीवार’ माना जाएगा। उन्होंने कहा कि एक अपार्टमेंट के भीतर निर्मित या दी गई सभी दीवारों या स्वतंत्र स्तंभों को ‘आंतरिक विभाजन की दीवार’ माना जाएगा।

अनुपालन

डॉ0 के.के. खंडेलवाल ने कहा कि चल रही परियोजनाओं के मामले में जहां प्रमोटर ने रियल एस्टेट (विनियमन और विकास) अधिनियम, 2016 के लागू होने से पहले सुपर एरिया के आधार पर रियल एस्टेट इकाइयों को आवंटित किया है, वह खुलासा करेगा कि कौन से घटक वास्तव में सुपर एरिया का गठन करते हैं और यह भी कि आवंटियों और प्रमोटर के बीच किए गए बिल्डर खरीदार समझौते में किए गए वायदे के अनुसार सुपर एरिया वास्तव में बिल्डर खरीदार समझौते के अनुसार अस्तित्व में है या नहीं।

उन्होंने कहा कि ऐसा इकाई को सुपर एरिया के आधार पर बेचे जाने के मामले में धोखा-धड़ी को रोकने के लिए किया गया है। उन्होंने कहा कि अगर इकाइयों के कन्वेंशन डीड को निष्पादित नहीं किया गया है, तो प्रमोटर सुपर एरिया और इसके विवरण/घटकों के अलावा कारपेट एरिया को भी इंगित करेगा।

उन्होंने कहा कि कारपेट एरिया के आधार के अलावा रियल एस्टेट इकाई की कोई भी कन्वेंशन डीड पंजीकृत नहीं की जाएगी। ऐसे मामलों में जहां अधिनियम के लागू होने से पहले रियल एस्टेट इकाइयां आवंटित की गई थी, उनमें प्रमोटर को कन्वेंशन डीड पंजीकरण के समय सुपर-एरिया बनाने वाले सभी घटकों का प्रकटीकरण करना होगा, हालांकि कन्वेंशन डीड केवल कारपेट एरिया के आधार पर पंजीकृत होगी।

हरेरा, गुरुग्राम के सदस्य श्री समीर कुमार ने बताया कि कारपेट एरिया को छोडकऱ किसी अन्य आधार पर बिक्री के लिए किए गए किसी भी समझौते को प्रमोटर की अनुचित व्यापार व्यवहार/कपटपूर्ण व्यवहार में लिप्तता माना जाएगा और वह अधिनियम के प्रासंगिक प्रावधानों के अनुसार उचित कार्रवाई को आकर्षित करेगा।

रियल एस्टेट एजेंट सुपर एरिया या किसी अन्य आधार पर नहीं बल्कि कारपेट एरिया के आधार पर ही किसी भी रियल एस्टेट परियोजना में अपार्टमेंट या बिल्डिंग की बिक्री या खरीद की सुविधा प्रदान करेंगे। यदि किसी रियल एस्टेट के एजेंट को ऐसी बिक्री/ खरीद में लिप्त पाया जाता है, तो उसे अनुचित व्यापार व्यवहार में लिप्त माना जाएगा और इस अधिनियम की धारा 65 के प्रावधानों के अनुसार उसका रियल एस्टेट एजेंट के रूप में कार्य करने का पंजीकरण रद्द किया जा सकता है या उसके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई शुरू की जा सकती है।

उन्होंने कहा कि अगर इकाई को कारपेट एरिया के आधार पर पंजीकृत किया जाना है तो भी कुल मूल्य/लागत को बदला नहीं जाएगा। वह बिक्री के विचार में बदलाव नहीं करेगा। यह अपार्टमेंट के प्रकटीकरण और सटीक विवरण के उद्देश्य के लिए है।

उन्होंने कहा कि राजस्व अधिकारियों द्वारा केवल कारपेट एरिया के आधार पर कलेक्टर दर को अधिसूचित किया जाना अपेक्षित है और अब किसी अन्य आधार पर बिक्री अवैध मानी जाएगी।

इन नियमों का गैर-अनुपालन/उल्लंघन के लिए जुर्माना

डॉ0 के.के.खंडेलवाल ने स्पष्ट किया कि ये नियम सभी रियल एस्टेट परियोजनाओं पर लागू होंगे, इस तथ्य के बावजूद कि वे पंजीकृत है/पंजीकरण योग्य हैं या पंजीकरण से छूट प्राप्त है।

रियल एस्टेट (विनियमन और विकास) अधिनियम, 2016 के लागू होने के बाद कारपेट एरिया के आधार पर, को छोडकऱ किसी भी अन्य आधार पर रियल एस्टेट परियोजना की बिक्री को ऑथोरिटी द्वारा अमान्य घोषित कर दिया जाएगा।

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