पंचकूला, 25 अप्रैल। एसएस जैन सभा पंचकूला की ओर भगवान महावीर जयंती समारोह एवं दीक्षा समारोह का आयोजन जैन स्रातक सभा सेक्टर 17 में किया गया। कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में पंचकूला के मेयर कुलभूषण गोयल पहुंचे। कार्यक्रम में विरा गनी कुमारी कनिका का दीक्षांत समारोह भी हुआ। कुलभूषण गोयल ने भगवान महावीर द्वारा बताए गए रास्ते पर प्रकाश डालते हुए कहा मोक्ष पाने के बाद, भगवान महावीर ने पांच सिद्धांत दर्शाएं जो समृद्ध जीवन और आंतरिक शांति की ओर ले जाते हैं, जिनमें शामिल है-अहिंसा, सत्य, अस्तेय, ब्रह्मचर्य और अंतिम पांचवा सिद्धांत अपरिग्रह।

पहला सिद्धांत है अहिंसा, इस सिद्धांत के अनुसार जैनों को किसी भी परिस्थिति में हिंसा से दूर रहना चाहिए भूल कर भी किसी को कष्ट नहीं पहुँचाना है, दूसरा सिद्धांत है सत्य, भगवान महावीर कहते हैं, हे पुरुष! तू सत्य को ही सच्चा तत्व समझ, जो बुद्धिमान सत्य के सानिध्य में रहता है, वह मृत्यु को तैरकर पार कर जाता है। कुलभूषण गोयल ने कहा कि लोगों को हमेशा सत्य बोलना चाहिए, तीसरा सिद्धांत है अस्तेय, अस्तेय का पालन करने वाले किसी भी रूप में अपने मन के मुताबिक वस्तु ग्रहण नहीं करते हैं ये लोग संयम से रहते हैं और केवल वही लेते हैं जो उन्हें दिया जाता है। चौथा सिद्धांत है ब्रह्मचर्य, इस सिद्धांत के लिए जैनों को पवित्रता के गुणों का प्रदर्शन करने की आवश्यकता होती है; जिसके कारण वे कामुक गतिविधियों में भाग नहीं लेते। पांचवा अंतिम सिद्धांत है अपरिग्रह, यह शिक्षा सभी पिछले सिद्धांतों को जोड़ती है।

महावीर जी कहते है ‘जो धर्मात्मा है, जिसके मन में सदा धर्म रहता है, उसे देवता भी नमस्कार करते हैं। उनका जीवन त्याग और तपस्या से ओत-प्रोत था। उन्होंने एक लंगोटी तक का परिग्रह नहीं रखा। हिंसा, पशुबलि, जाति-पाति के भेदभाव जिस युग में बढ़ गए, उसी युग में ही भगवान महावीर ने जन्म लिया। उन्होंने दुनिया को सत्य, अहिंसा का पाठ पढ़ाया। पूरी दुनिया को उपदेश दिए।

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