Haryana Chief Minister Sh. Manohar Lal reviewing the meeting of various departments related to Engineering Works in the State at Chandigarh on April 24, 2021. Haryana Deputy Chief Minister, Sh. Dushyant Chautala is also seen in the picture.
हरियाणा में इंजीनियरिंग कार्य के ठेकेदारों की सुविधा के लिए मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने राज्य में सभी इंजीनियरिंग कार्यों के लिए राज्य स्तरीय आईटी समाधान के साथ हरियाणा इंजीनियरिंग वर्क्स (एचईडब्ल्यू) पोर्टल लॉन्च करने की  स्वीकृति प्रदान कर दी है। 

चंडीगढ़, 24 अप्रैल- हरियाणा में इंजीनियरिंग कार्य के ठेकेदारों की सुविधा के लिए मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने राज्य में सभी इंजीनियरिंग कार्यों के लिए राज्य स्तरीय आईटी समाधान के साथ हरियाणा इंजीनियरिंग वर्क्स (एचईडब्ल्यू) पोर्टल लॉन्च करने की  स्वीकृति प्रदान कर दी है। 

हरियाणा इंजीनियरिंग वर्क्स (एचईडब्ल्यू) पोर्टल ठेकेदारों की पंजीकरण प्रक्रिया, विस्तृत निविदा सूचना (डीएनआईटी), ई-टेंडरिंग, पारदर्शी आईटी आधारित तकनीकी मूल्यांकन, कार्य अनुबंध के ऑनलाइन आवंटन, ई-मापन पुस्तक भरने, समय सीमा के भीतर  ठेकेदार के बिलों और ऑनलाइन भुगतानों सहित सभी इंजीनियरिंग कार्यों को सक्षम करेगा।  

हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने आज यहां इंजीनियरिंग कार्य विभागों की बैठक के दौरान यह जानकारी दी। इस बैठक में उप-मुख्यमंत्री श्री दुष्यंत चौटाला भी उपस्थित थे।

बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पोर्टल ई-टेंडरिंग प्रणाली में और अधिक पारदर्शिता लाने के साथ-साथ इंजीनियरिंग कार्य विभागों में जवाबदेही और कार्यकुशलता भी बढ़ाएगा।  उन्होंने कहा कि इससे इंजीनियरिंग के कामों में लगे ठेकेदारों का एकाधिकार कम होगा।

 बैठक में उपस्थित संबंधित अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि यह एचईडब्ल्यू पोर्टल एक सामान्य मंच पर ठेकेदारों के पंजीकरण को सक्षम करेगा जो गुणवत्ता, लागत और समय के संदर्भ में ठेकेदारों के प्रदर्शन को ट्रैक करेगा।  मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि पोर्टल पर पंजीकृत एक ठेकेदार को एक बार ही शुल्क देना होगा।  पंजीकृत ठेकेदारों को सिविल कार्य अनुबंधों के लिए कोई बोली सुरक्षा राशि नहीं देनी होगी।  ठेकेदार अपने पंजीकरण को सरेंडर कर सकता है और शर्तों के अधीन किसी भी समय एकमुश्त शुल्क का रिफंड भी ले सकता है।  हालांकि,  किन्हीं कारणों की वजहों से डी-पंजीकृत हुए ठेकेदार की राशि जब्त कर ली जाएगी।

बैठक में यह भी बताया गया कि पंजीकरण नियमों में प्रावधान किया गया है, जिन्हें एचईडब्लू पोर्टल की प्रक्रिया वर्कफ़्लो में लागू किया गया है। एक करोड़ रुपये से अधिक के सभी कार्यों के मामले में, तकनीकी मूल्यांकन की रिपोर्ट एचईडब्ल्यू की वेबसाइट works.haryana.gov.in पर रखी जाएगी और 7 दिनों के भीतर किसी भी इच्छुक व्यक्ति को अपनी आपत्ति दर्ज करनी होगी। जबकि आपत्तियों के निस्तारण की समय अवधि दो सप्ताह होगी। एक करोड़ रुपये से अधिक के सिविल कार्यों के मामले में पारदर्शी तकनीकी मूल्यांकन के लिए एक विधि पर काम किया जाएगा।

बैठक में संबंधित अधिकारियों ने अवगत कराया कि ठेकेदार के बिलों का निस्तारण ई-एमबी जमा करने के 21 दिनों के भीतर उचित सत्यापन के साथ किया जाएगा, वहीँ ठेकेदार को देरी की अवधि के लिए प्रति वर्ष 10 प्रतिशत विलंब शुल्क का भुगतान प्राप्त होगा।  हरियाणा सरकार के विभागों के संबंधित इंजीनियर देरी के लिए उत्तरदायी होंगे।  एक मार्च, 2021 से जारी किए गए सभी निविदाओं में इसे अनिवार्य शर्त के रूप में शामिल किया जाएगा।  

इंजीनियरिंग कार्यों में भ्रष्टाचार को रोकने के लिए मुख्यमंत्री को बताया गया कि केंद्रीय सतर्कता आयोग के निर्देशों की तर्ज पर इंटीग्रिटी पैक्ट सभी एक करोड़ रुपये से ऊपर की निविदाओं में शामिल किया जाएगा।  इंटीग्रिटी पैक्ट तैयार की गई है और अनुमोदन के लिए सरकार को भेजी गई है।  इसके अलावा, एक ऑनलाइन शिकायत पोर्टल भी तैयार किया जाएगा, जहां कोई भी ठेकेदार भ्रष्टाचार के संबंध में अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है, जिसे सतर्कता विभाग द्वारा प्रबंधित किया जाएगा।  बैठक में यह भी बताया गया कि गंभीर पाई गई शिकायतों को इंटीग्रिटी पैक्ट के तहत नियुक्त किए गए स्वतंत्र बाहरी निरीक्षको को भेजा जा सकता है।

बैठक में मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि विकास, पूर्व कार्यान्वयन प्रशिक्षण और कार्यान्वयन के बाद सहायता के लिए परियोजना निगरानी इकाई (पीएमयू) की स्थापना की गई है।  सभी इंजीनियरिंग विभागों के संयुक्त कार्यदल (जेडब्लूजी) का गठन किया गया है।  सिस्टम की बेहतरी के लिए कई एपीआई इंटीग्रेशन को एकीकृत किया जा रहा है, जिसमें ठेकेदारों (वैकल्पिक) के सत्यापन के लिए हरियाणा उधम मेमोरेंडम (एचयूएम) आईडी, व्यक्तिगत विवरणों के सत्यापन के लिए परिवार पहचान पत्र, जो हरियाणा निवासियों के लिए अनिवार्य है, कर्मचारियों के प्रमाणीकरण के लिए एचआरएमएस और एचडीडब्लू पोर्टल व एनआईसी  ई-टेंडरिंग पोर्टल के बीच डेटा-एक्सचेंज के लिए एनआईसी  ई-टेंडरिंग शामिल है।

 इसके अलावा, यह भी अवगत कराया गया कि आधार के प्रस्तुत का प्रावधान उपलब्ध कराया जा रहा है, जो पीपीपी आईडी के बिना हरियाणा के बाहर के निवासियों के लिए अनिवार्य है।  हारट्रोन से अनुरोध किया गया है कि शिकायतों को दूर करने में सहायता के लिए कॉल सेंटर की सुविधा का विस्तार किया जाए।

 इसके अतिरिक्त, यह भी बताया गया कि नई हरियाणा अनुसूची दरें (एचएसआर) 1 मार्च, 2021 से लागू होंगी और गैर-अनुसूचित वस्तुओं को समाप्त कर दिया जाएगा।  एक अप्रैल, 2021 से जारी किया गया नया एचएसआर सभी निविदाओं के लिए कार्य मूल्यांकन और निविदा प्रस्तुत करने का आधार बनेगा।

बैठक में मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव श्री  डी.एस. ढेसी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री वी. उमाशंकर, मुख्यमंत्री की उप-प्रधान सचिव श्रीमती आशिमा बराड़, वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री  टीवीएसएन प्रसाद, लोक निर्माण (भवन और सड़क) विभाग के  अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री आलोक निगम, जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री देवेंद्र सिंह और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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