गुडग़ांव, 19 अप्रैल (अशोक): जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण ने सोमवार को केआर मंगलम विश्वविद्यालय के कानूनी सहायता केंद्र के सहयोग से यौन अपराधों से बच्चों की सुरक्षा में चिकित्सा स्वास्थ्य सुविधाओं की भूमिका अधिनियम (पॉक्सो) पर बेविनार का आयेाजन किया। बेविनार में मुख्य वक्ता के रुप में सिविल अस्पताल में कार्यरत काउंसर व मनोवैज्ञानिक संगीता शामिल हुई।

पॉक्सो अधिनियम के बारे में विस्तृत जानकारी भी कानूनी की शिक्षा ग्रहण कर रहे छात्रों को दी गई। उन्होनें बताया कि यह अधिनियम बालक-बालिकाओं पर समान रुप से लागू होता है। पहले से चले आ रहे कानूनों में संशोधन किए गए हैं। जिस बच्चे के साथ दुव्र्यवहार किया जाता है, आरोपी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करते ही पीडि़त की मेडिकल जांच होनी बहुत आवश्यक है। अधिनियम के तहत आयोजित मामलों के लिए चिकित्सा अधिकारियों के लिए कर्तव्य और अधिकारों पर भी चर्चा की गई। इस बेविनार में कई छात्र भी जुड़े।

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