बर्बाद हुई फसलों का मुआवजा देने व गेहूं खरीद को लेकर उपायुक्त कार्यालय पर प्रदर्शन 19 को

जिन किसानों का फसल बीमा हुआ, बीमा कंपनी ने किसानों को मुआवजे के रूप में प्रति एकड़ मात्र रु. 40 से लेकर रु. 135 मुआवजा दिया जबकि जिला के प्रत्येक किसानों का बीमा कंपनी ने 1650 रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से लिया।

हांसी , 16 अप्रैल  । मनमोहन शर्मा

 किसान सभा के जिला प्रधान शमशेर सिंह नंबरदार, युवा किसान नेता संदीप धीरणवास व हरभजन सरपंच के नेतृत्व में किसानों का प्रतिनिधिमंडल अपनी मांगों को लेकर जिला उपायुक्त से मिला। प्रेस सचिव सूबेसिंह बूरा ने आज  बताया कि किसानों की अगस्त 2020 सफेद मक्खी का प्रकोप, ओलावृष्टि व अंधड़ से बर्बाद हुई फसलों की स्पेशल गिरदावरी लम्बा आंदोलन चलाकर करवाई गई थी। सरकार ने माना था कि पूरे जिले में किसानों की 50 से 80 प्रतिशत तक फसल बर्बाद हो गई है। जिन किसानों का फसल बीमा हुआ, बीमा कंपनी ने किसानों को मुआवजे के रूप में प्रति एकड़ मात्र रु. 40 से लेकर रु. 135 मुआवजा दिया जबकि जिला के प्रत्येक किसानों का बीमा कंपनी ने 1650 रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से लिया।

 प्रतिनिधिमंडल ने उपायुक्त से मांग की है कि बीमा कंपनी पर धोखाधड़ी का केस दर्ज करवाया जाए व किसानों को सही व उचित मुआवजा दिलवाया जाये। इसके अतिरिक्त जिन किसानों का बीमा नहीं हुआ, उनका भी मुआवजा हरियाणा सरकार से दिलवाया जाए। हाल ही में किसानों की गेहूं फसल की मंडियों में खरीद नहीं हो रही है। किसान दर-दर भटक रहे हैं। किसान सभा ने मांग की है कि पहले की तरह फसल खरीद का सिस्टम चालू किया जाए। 

उपरोक्त दोनों मांगों को अगर सरकार व प्रशासन ने 18 अप्रैल 2021 तक नहीं माना तो किसान संवैधानिक तरीके से आंदोलन शुरु करेंगे और 19 अप्रैल को प्रदर्शन करते हुए उपायुक्त कार्यालय के समक्ष अनिश्चितकालीन धरना लगाएंगे जिसकी पूरी जिम्मेवारी जिला प्रशासन की होगी। आज के प्रतिनिधिमंडल में शमशेर सिंह नंबरदार जिला प्रधान किसान सभा, संदीप धीरणवास, सूबे सिंह बूरा, सुभाष कौशिक, हरभजन सरपंच, वजीर सिंह लाडवा, बलजीत मांजू, रविंद्र कस्वां, वेदपाल, हरिओम, रामफल, मांगेराम, राजेंद्र मिठारगल, सोनू, मनजीत, पवन रावतखेड़ा, दलीप, श्रीराम शामिल रहे।

 इसके अतिरिक्त जिन गांवों के साथ गिरदावरी व क्रोपस कटिंग में धोखा हुआ है, उनमें गांव सरसाना, चिड़ोद, बासड़ा, रावलवास खुर्द, रावलवास कलां, रावतखेड़ा, नंगथला व गोरछी इत्यादि गांव के सैंकड़ों किसानों ने उपायुक्त को ज्ञापन दिया।

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