क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक कल्याण के लिए हरियाणवी प्रवासियों के साथ मजबूत संबंध विकसित करना विभाग की सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए,: मुख्यमंत्री मनोहर लाल

चंडीगढ़, 15 अप्रैल – हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने विदेश सहयोग विभाग के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक कल्याण के लिए हरियाणवी प्रवासियों के साथ मजबूत संबंध विकसित करना विभाग की सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए, ताकि राज्य सरकार के साथ हरियाणवी प्रवासियों का जुड़ाव मजबूत हो सके।

मुख्यमंत्री आज यहां विदेश सहयोग विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
श्री मनोहर लाल ने अधिकारियों को गो ग्लोबल एप्रोच के माध्यम से हरियाणा को ‘ग्लोबल ब्रांड’ के रूप में स्थापित करने के लिए दुनियाभर के इच्छुक निवेशकों की पहचान करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही, विभाग द्वारा की जा रही गतिविधियों का प्रगति चार्ट तैयार किया जाए और मासिक आधार पर समीक्षा बैठक की जाए। उन्होंने निर्यात बढ़ाने की दिशा में देशवार लक्षित गतिविधियाँ भी तैयार करने के निर्देश दिए।

हरियाणवी प्रवासियों की सुविधा के लिए गतिविधियां
बैठक में मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि दूतावासों के साथ समन्वय को और मजबूत करने के लिए विभाग द्वारा समर्पित प्रयास किए गए हैं।

विदेश सहयोग विभाग के महानिदेशक और सचिव डॉ. अनंत प्रकाश पांडे ने मुख्यमंत्री को हरियाणवी प्रवासियों की सुविधा के लिए विभाग द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों के बारे में अवगत कराया।  उन्होंने कहा कि विभाग हरियाणवी डायस्पोरा के साथ मजबूत संबंध सुनिश्चित करने के लिए नियमित रूप से बातचीत और एक्सचेंज प्रोग्राम आयोजित कर रहा है।

दूतावास कनेक्ट के लिए की गई पहल
डॉ. अनंत प्रकाश पांडे ने बताया कि पिछले साल और अब तक राज्य सरकार ने भारत में पोलैंड के दूतावास, भारत में अमेरिकी दूतावास, भारत में यूके दूतावास, भारत में स्विट्जरलैंड के दूतावास, भारत में ऑस्ट्रेलिया दूतावास, जापान में भारतीय दूतावास के साथ निरंतर बातचीत की है।  

उन्होंने बताया कि विदेश सहयोग विभाग वैश्विक स्तर पर हरियाणा को निवेश के लिए पसंदीदा स्थान के रूप में बढ़ावा देने तथा राज्य के सामाजिक-आर्थिक कल्याण के लिए शैक्षणिक संस्थानों और हरियाणवी प्रवासियों के साथ मजबूत संबंध विकसित करने की दिशा में काम कर रहा है। उन्होंने बताया कि विभाग का उद्देश्य हरियाणा को उद्योग, शिक्षा, कौशल विकास और पर्यटन के लिए एक हब के रूप में स्थापित करना है।

उन्होंने बताया कि दूतावासों के साथ संपर्क को मजबूत करने के लिए विभाग द्वारा किए गए समर्पित प्रयासों ने सकारात्मक परिणाम देना शुरू कर दिया है। इन देशों ने विभिन्न क्षेत्रों जैसे डेयरी उत्पाद, कौशल विकास, तकनीकी शिक्षा और व्यावसायिक शिक्षा, खेल, स्टूडेंट एक्सचेंज प्रोग्राम, रक्षा क्षेत्र, एमएसएमई, आईटी, खाद्य प्रसंस्करण, नई प्रौद्योगिकी जैसे एआई, ड्रोन आदि के क्षेत्र में सहयोग देने के लिए रूचि दिखाई है।

कौशल विकास के लिए की गई पहल
विदेश सहयोग विभाग द्वारा कौशल विकास की दिशा में की गई गतिविधियों के बारे में जानकारी देते हुए डॉ. अनंत प्रकाश पांडे ने बताया कि मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुसार अंतरराष्ट्रीय स्तर का कौशल विकास सुनिश्चित करने और सर्टिफिकेशन के लिए विभाग कोई कसर नहीं छोड़ रहा है। इससे हरियाणा के युवा विदेशों में रोजगार प्राप्त करने में सक्षम होंगे।

उन्होंने बताया कि विभाग कौशल विकास के लिए सहयोग हेतु कईं विश्वस्तरीय संस्थानों के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने की प्रक्रिया में है। इसके अलावा, टीएएफई, (ऑस्ट्रेलिया) के सहयोग से हरियाणा में तकनीकी शिक्षा में सुधार के लिए तथा कैनेडा और हरियाणा के बीच क्षमता निर्माण सहयोग हेतु भी विचार-विमर्श किया जा रहा है। साथ ही, शिक्षा, अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए लोगों को अपने विचारों को साझा करने के लिए जोडऩे का प्रयास किया जा रहा है।

निवेश प्रोत्साहन
डॉ. अनंत प्रकाश पांडे ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि विभाग ने निवेश प्रोत्साहन के लिए विभिन्न पहल की हैं।  हाल ही में उज्बेकिस्तान गणराज्य में भारत के राजदूत श्री मनीष प्रभात के साथ भविष्य में होने वाले भारत-उजबेकिस्तान कार्यक्रमों के बारे वार्ता की गई।
इसके अलावा, भारत जॉर्जिया अपॉर्चुनिटीज़ फॉर कोलेबोरेशन पर भी चर्चा की गई और  और हाल ही में इन्वेस्टमेंट इंडिया द्वारा निवेश प्रोत्साहन के लिए एक राष्ट्रीय कार्यशाला भी आयोजित की गई।

विभाग द्वारा किए गए कार्यों की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को कृषि आधारित निर्यात बढ़ाने और इच्छुक ट्रेड पार्टनर की पहचान करने के निर्देश दिए। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि मैनपावर राज्य की एक बड़ी संपत्ति होती है, इसलिए इस  संपत्ति के उचित और प्रभावी उपयोग करने के लिए इनके निर्यात की संभावनाओं का पता लगाया जाना चाहिए।

बैठक में विदेश सहयोग विभाग के प्रधान सचिव श्री योगेन्द्र चौधरी, विदेश सहयोग विभाग के सलाहकार श्री पवन चौधरी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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