कहा- खेतों में पसीना बहाने वाले अन्नदाता का सड़कों पर खून बहा रही है सरकार. मामले की जांच करवाए सरकार, किसानों पर लाठियां बरसाने वालों पर हो कड़ी कार्रवाई- हुड्डा. किसानों को उकसाना बंद करे सरकार, पैदा ना करे टकराव के हालात- हुड्डा. लाठियों से आंदोलन को दबाने की बजाए बातचीत कर समाधान निकाले सरकार- हुड्डा

4 अप्रैलचंडीगढ़ः पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने रोहतक में किसानों पर हुए लाठीचार्ज की कड़े शब्दों में निंदा की है। उनका कहना है कि जो देश का पेट पालने के लिए खेतों में अपना पसीना बहाते हैं, हरियाणा की बीजेपी-जेजेपी सरकार उन किसानों का खून सड़कों पर बहा रही है। लोकतंत्र में सभी को शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन का अधिकार है। प्रदर्शनकारियों पर लाठियां बरसाना लोकतांत्रिक मर्यादाओं के खिलाफ है। सरकार को इसके लिए किसानों से माफी मांगनी चाहिए। साथ ही पूरे मामले की जांच करवाकर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि उन्होंने अपने जीवन में इतना बड़ा और इतना अनुशासित आंदोलन नहीं देखा। 129 दिनों से जारी आंदोलन में किसानों ने अद्वितीय अनुशासन और शांति का परिचय दिया है। लेकिन सरकार और उसके मंत्री लगातार किसानों को उकसाने का काम कर रहे हैं। जानबूझकर सरकार की तरफ से टकराव के हालात पैदा किए जा रहे हैं। आज देशभर के किसानों के साथ हरियाणा का किसान अपनी जायज मांगों के लिए प्रदर्शन कर रहा है। लेकिन उनसे बातचीत करने की बजाए सरकार बार-बार बर्बरतापूर्ण कार्रवाई कर रही है। किसानों के दिल्ली कूच से पहले पीपली में भी बीजेपी-जेजेपी ने निहत्थे किसानों पर लाठियां बरसवाई थी। उसके बाद शांतिपूर्ण तरीके से दिल्ली की तरफ जा रहे किसानों को रोकने के लिए भी सरकार ने बल प्रयोग किया था। कडाके की सर्दी में उनके ऊपर वाटर कैनन की बौछारें और आंसू गैस के गोले दागे गए थे।

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि किसानों का संघर्ष अब जन आंदोलन में तब्दील हो चुका है। उसे लाठियों के दम पर कुचलने की कोशिश सरकार की बड़ी भूल होगी। सरकार को जल्द से जल्द किसानों की मांगें मानते हुए आंदोलन को खत्म करवाना चाहिए।

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