उचाना, 31 मार्च: जिस अन्नदाता ने देश को आजाद कराने में बड़ी भूमिका निभाई थी, आज वही अन्नदाता पिछले लगभग चार महीनों से आंदोलन करने पर मजबूर हैं। लेकिन प्रदेश की जजपा तथा भाजपा सरकार ने लोगों से झूठे वायदे कर सत्ता हासिल करने का काम किया। यह बात इंडियन नेशनल लोकदल के प्रधान महासचिव एवं पूर्व विधायक अभय सिंह चौटाला ने नगूरां गांव के भूट्टेश्वर मंदिर में लोगों को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि काले कानूनों को रद्ध करने के लिए पिछले चार माह से अधिक समय से आंदोलन कर रहे किसानों का धरना गेहूं के सीजन के दौरान किसी भी सूरत में कमजोर नहीं होना चाहिए। गेहूं के सीजन को ध्यान में रखते हुए बुर्जुग किसानों को टीकरी व सिंघु बार्डर पर धरना दे रहे युवा किसानों को घर भेजकर धरने की कमान संभालनी चाहिए। उचाना हलके के विधायक एवं डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला किसानों से डरते हुए रात के समय घर में आते है। अपने आपको पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय चौ0 देवी लाल का वशंज बताने वाले डिप्टी सीएम भाजपा के विरोध में मतदाताओं से मत हथियाकर भाजपा की गोद में जा बैठे है। डिप्टी सीएम को किसानों के दर्द या हित से कोई सरोकार नही है, बल्कि सत्ता के नशे में चूर सीएम व पीएम की भाषा बोल रहे है। उन्होंने कहा कि किसानों को किसी भी राजनीतिक पार्टी के नेताओंं के बहकावे में न आकर आंदोलन को मजबूत बनाना है। प्रदेश के किसान, मजदूर व व्यापारी समेत सभी वर्ग के लोगों का इन क ानूनों के लाए जाने से भाईचारा काफी हद तक मजबूत हुआ है। उन्होने कहा कि विधानसभा में कृषि कानूनों को रद्द करने की आवाज को उठाने पर किसी भी दल के नेता द्वारा साथ न देने के कारण उन्हें किसानों का साथ देने के लिए विधायक पद से इस्तीफा दिया है। कुछ लोग अपने आपको को जजपा कार्यकर्ता बताते हुए विरोध जताने के लिए आए थे। ग्रामीणों को ऐसे नेताओं व कार्यकर्ताओं को उनकी औकात बताते हुए उनको बरगद के पेड़ पर बांधकर उनका आदर सत्कार करना होगा। उन्होंने कहा कि भाजपा के विरोध में वोट लेने के लिए जनता से किए वायदे भी डिप्टी सीएम भूल चुकें हैं। किसान, मजदूर व ग्रामीणों को ऐसे नेताओं को समय आने पर उनकी औकात बतानी होगी। बुर्जुगों से गेहूं के सीजन के निपटने तक सिंघु, टीकरी व गाजीपुर बार्डर पर चल रहे किसान आंदोलन को जारी रखना है। वहीं उन्होंने नगूरां गांव में इनेलो किसान सैल के जिलाध्यक्ष बलराज नगूरां के निवास स्थान पर पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि हाल ही में जो पंजाब में भाजपा विधायक के साथ हुआ है ऐसा ही सबके साथ होगा। 300 से ऊपर किसानों की शाहदत हो चुकी है। इतने किसान मर गए जिन्होंने अपनी शहादत दे दी यह किसान के प्रति अगर आप अपशब्द कहेंगे किसान के घर में पैदा हुआ कोई भी व्यक्ति उसका अपमान है अब इनकी जुबान से अपना अपमान थोड़ा करा लेंगे। सरकार अब किसानों के प्रति सख्ताई करने जा रही है के जवाब पर कहा कि सरकार सख्ताई करके देखे सरकार को नाक रगडऩी पड़ेगी। आप सख्ताई की बात करते हो। जैस-जैसे आंदोलन तेज हो रहा सरकार कोरोना को बीच में क्यों लेकर आ रही हैं तो जवाब में कहा कि कोरोना बीमारी तो है लेकिन कोरोना से बड़ी बीमारी भाजपा व आर एस एस है। पहले वह खत्म होनी चाहिए कोरोना अपने आप खत्म हो जाएगा। इस मौके पर पूर्व विधायक एवं जिलाध्यक्ष रामफल कूंडु, इनेलो किसान सैल के जिलाध्यक्ष बलराज नगूरां व कर्ण सिंह समेत काफी संख्या में इनेलो कार्यकर्ता व ग्रामीण मौजूद थे। Post navigation संविधान की धज्जियां उड़ाईं भाजपा ने : खोवाल मां , माटी और मानुस नहीं गौत्र शांडिल्य है ममता बनर्जी का