-कमलेश भारतीय

आज एक खबर कि हरियाणा सरकार द्वारा विकास की राशि को लेकर सत्रह कांग्रेस विधायकों के साथ भेदभाव किया गया है । इनमें पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का चुनाव क्षेत्र किलोई भी शामिल है और कुछ भाजपा विधायकों के चुनाव क्षेत्र भी शामिल हैं । सरकार की ओर से पांच पांच करोड़ रुपये विकास कार्यों के लिए दिये जाने थे जो दिये नहीं गये ।

वैसे हरियाणा में पहले कभी मंडी आदमपुर को लेकर बहुत शोर मचा था कि सारा विकास यहीं हो रहा है और सारी राशि यहीं खर्च की जा रही है जबकि दूसरे विधानसभा क्षेत्रों से भेदभाव किया जा रहा है । तब मैं नया नया हरियाणा में रिपोर्टर बन कर आया था । सचमुच मंडी आदमपुर के गांवों में जब चुनाव कवरेज करने जाता तो सड़कें चमचमाता थीं जैसे कभी लालू यादव ने थोड़े भोंडे तरीके से बिहार की सड़कें हेमा मालिनी के गालों की तरह चमचमाती हैं । बहुत बुरा उदाहरण । नारी की गरिमा और मर्यादा को ताक पर रख कर । पर आदमपुर की सड़कें खूब खूब थीं । गांव गांव तक बढ़िया सड़कें । जहां तक कि हिसार के लघु सचिवालय तक जाने वाली सड़क भी चमचमाती थी क्योंकि राह में भजनलालजी का निवास था ।

इससे पहले भिवानी के भाग भी खुले थे । जब चौ बंसीलाल मुख्यमंत्री रहे । बेशक उन्हें तो विकास पुरुष ही कहा जाता है । गांव गांव बिजली पहुंचाने का काम किया । फिर भूपेंद्र सिंह हुड्डा दस साल मुख्यमंत्री रहे और रोहतक की कायाकल्प कर दी । नये से नये ओवरब्रिज । सड़कों का जाल बिछा दिया और अनेक संस्थान बने । विधानसभा में खूब चर्चा रहती कि विकास में भेदभाव हो रहा है । इसके बावजूद चुनाव में भारत भूषण बतरा हार गये थे । यानी इल्जाम भी सिर पर लिए और विधानसभा चुनाव भी हार गये । अगले चुनाव में फिर बतरा जीते ।

बात है विधानसभा क्षेत्रों के विकास की और भेदभाव की । कुछ क्षेत्रों को ज्यादा महत्त्व देते जाना और कुछ को इस तरह उपेक्षित कर देना यह तो लोकतंत्र नहीं । जनता हमारी है और सारा प्रदेश हमारा । उम्मीद करते हैं कि यह भेदभाव समाप्त होगा ।

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