चण्डीगढ़, 27 मार्च- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा है कि सडक़ दुर्घटनाओं को रोकने के लिए अधिकारी गम्भीरता से कार्य करें। इसके लिए उन्होंने सडक़ों की मुरम्मत समय से करने, ओवर लोडिंग पर नियत्रंण करने के साथ ही, ओवर स्पीड पर भी पूर्णत: रोक लगाने, हैल्मेट एवं सीट बैल्ट का प्रयोग अनिवार्य करने को वर्ष 2021 की प्राथमिकताओं में शामिल करने के निर्देश दिए ताकि दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाया जा सके। इसके साथ ही नई सडक़ों की प्लानिंग भविष्य को ध्यान में रखते हुए गम्भीरता से करने के निर्देश दिए।

 मुख्यमंत्री आज चण्डीगढ में सडक़ सुरक्षा संबधी विषयों पर आयोजित बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। इस दौरान परिवहन मंत्री श्री मूलचंद शर्मा फरीदाबाद से वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से जुड़े। कई विभागों के अतिरिक्त मुख्य सचिव एवं प्रधान सचिव उपस्थित रहे और प्रदेशभर के जिला उपायुक्त, अतिरिक्त उपायुक्त एवं जिला परिवहन अधिकारी वीडियो कान्फ्रेंसिंग से जुड़े।        

 मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में मुख्य राष्ट्रीय राजमार्गो के हर 60 किलोमीटर के दायरे में एक ट्रॉमा सैंटर बनाया जाना सुनिश्चित किया जाना चाहिए। वाहनों की ओवरलोडिंग को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि कई स्थानों पर सडक़ों की समय पर मुरम्मत नहीं होने के कारण भी हादसे होते हैं। हरपथ एप्प पर आई शिकायतों का समाधान नहीं होने की स्थिति में संबंधित व्यक्ति की जवाबदेही तय किया जाना बहुत जरूरी है।         

मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिकारी नई सडक़ों का प्रोजैक्ट तैयार करते समय डीपीआर में ही हर छोटी से छोटी आवश्यकता को ध्यान को रखते हुए प्लानिंग करें और उसे डीपीआर में जोड़ें। उन्होंने कहा कि अक्सर देखने में आता है कि शहर के बाईपास बन जाने के बाद   कुछ स्थानों पर अण्डर पास और ओवरब्रिज की आवश्यकता है। यह बाद में ध्यान आने की बजाय प्लांनिगं करते समय ही हर आवश्यकता को योजना में शामिल किया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने सांपला व यमुनानगर का उदाहरण दिया जहां पर बाईपास बनने के बाद अण्डरपास और फलाईओवर की जरूरत ध्यान में आई जिसे योजना में ही शामिल किया जाना चाहिए था।        

 उन्होंने कहा कि जिस प्रकार हर वर्ष कलेक्टर रेट के लिए सर्वे किया जाता है उसी प्रकार रोड़ मैपिंग सर्वे भी किया जाना चाहिए ताकि आगामी वर्षो की योजना बनाई जा सके। सडक़ दुर्घटना होने पर एम्बुलेंस के समय पर पहुंचने एवं समय से बेहतर उपचार उपलब्ध करवाने वालों को पुरस्कृत करने की योजना बनाने के भी मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि हमें हर हाल में लोगों की जान की सुरक्षा करनी है।

         इसलिए एम्बुलेंस कम से कम समय में दुर्घटना स्थल पर पहुंचनी चाहिए।        

 पुलिस विभाग की डायल 112 योजना में शामिल किए जाने वाले वाहनों को भी इस काम के लिए इस्तेमाल करने की दिशा में उन्होंने चरणबद्व तरीके से जोडऩे को कहा। यह वाहन भी पूरी तरह से एम्बुलेंस की हर प्रकार की सुविधाओं से लैस है।        

 इस दौरान दुर्घटनाओं का वार्षिक लेखा जोखा भी प्रस्तुत किया और दुर्घटनाओं पर नियंत्रण बारे विस्तार से चर्चा की गई। बताया गया कि सडक़ निर्माण से जुड़े विभागों के अधिकारियों की पर्याप्त ट्रैनिंग करवाई गई है। स्पीड के अनुसार वाहनों की लेन निर्धारित किए जाने की बात भी बैठक में हुई। बैठक में बताया गया कि एक योजना बनाई गई है जिसके तहत रोडवेज डिपो में जाकर बस ड्राईवरों और ढाबों पर जाकर ट्रक ड्राईवरों को  जागरूक किया जाएगा।  मुख्यमंत्री ने जिला सडक़ सुरक्षा परिषदों की बैठकें भी नियमित आधार पर करने के निर्देश दिए ताकि जिला स्तर पर लगातार  निगरानी की जा सके।

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