जिन किसानों ने पोर्टल पर एम्स के लिए जमीन नही दी है, उस पैच वाली जमीन को लेने के लिए सरकार क्या प्रक्रिया अपनाएगी? पैच वाली जमीन जब तक सरकार अधिग्रहित नही करेगी, तब तक किसानों के एम्स के लिए जमीन देने के बाद भी एम्स निर्माण फिर लटक जायेगा।

रेवाड़ी, 21 मार्च 2021 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश प्रवक्ता वेदप्रकाश ने मनेठी एम्स के लिए प्रस्तावित माजरा-भालखी की जमीन मुआवजे पर किसानों व जिला प्रशासन में बनी आम सहमति का स्वागत करते हुए इसे एम्स निर्माण की दिशा में सकारात्मक कदम बताया। विद्रोही ने कहा कि शनिवार को रेवाड़ी रेस्ट हाऊस में माजरा व भालखी के किसानों की बावल के विधायक व हरियाणा सरकार मंत्री डा0 बनवारीलाल की अध्यक्षता में जिला प्रशासन से हुई बैठक में एम्स के लिए जमीन देने को किसान 40 लाख रूपये प्रति एकड मुआवजा व 500 गज का शॉप कम आफिस का प्लाट लेने को मान गए। प्रशासन व ग्रामीणों के बीच इस संदर्भ में हुआ लिखित करार बाद सरकार को एम्स के लिए माजरा व भालखी की जमीन अधिग्रहित करने में तनिक भी देरी नही करनी चाहिए। इस मुद्दे में कोई अनय पेंच ना आये, इसलिए विद्युत गति से हरियाणा सरकार व जिला प्रशासन को माजरा-भालखी की आवश्यक जमीन एम्स के लिए अधिग्रहित कर लेनी चाहिए।

विद्रोही ने कहा कि राव इन्द्रजीत सिंह व डा0 बनवारीलाल की पहल पर हुआ उक्त समझौता स्वागत योग्य है। जमीन विवाद सुलझने पर अब यह आशा जगी है कि शीघ्र ही केन्द्र व हरियाणा सरकार मिलकर सभी कानूनी औपचारिकताएं पूरी करके एम्स शिलान्यास का रास्ता साफ करेंगे। विगत पांच सालों में मनेठी एम्स का मुद्दा फुटबाल बना हुआ था और इस पर सरकार मनमानी किक मारकर इधर से उधर लुढका रही थी। एम्स निर्माण के लिए जमीन अधिग्रहण का जटील मामला सुझलने के बाद अब कोई अन्य बाधा नही आयेगी, ऐसीे आशा है। वहीं विद्रोही ने यह भी सवाल किया कि एम्स के लिए किसानों द्वारा दी गई जमीन में जो पैच है और जिन किसानों ने पोर्टल पर एम्स के लिए जमीन नही दी है, उस पैच वाली जमीन को लेने के लिए सरकार क्या प्रक्रिया अपनाएगी? पैच वाली जमीन जब तक सरकार अधिग्रहित नही करेगी, तब तक किसानों के एम्स के लिए जमीन देने के बाद भी एम्स निर्माण फिर लटक जायेगा।

विद्रोही ने मनेठी एम्स निर्माण का रास्ता साफ करने के लिए माजरा-भालखी के किसानों के उदार रवैये की भूरी-भूरी प्रशंसा करते हुए कहा कि इन दोनो गांवों के ग्रामीणों ने दक्षिणी हरियाणा में उच्च स्तरीय एम्स जैसा स्वास्थ्य संस्थान स्थापित करवाने के लिए जमीन देने में जो आर्थिक नुकसान झेला है, उसके लिए पूर दक्षिणी हरियाणा इन गांवों का आभारी रहेगा। ग्रामीणों के इस त्यागपूर्ण जज्बे को विद्रोही ने सलाम किया।

error: Content is protected !!