आजादी के बाद पहली बार कोई सरकार ज़नता को ‘डराने’ के लिए विधानसभा में कानून लेकर आ रही है किसानों-मजदूरों-मेहनतकशों से प्रतिशोध की आग में जल रही भाजपा-जजपा सरकार ने अंग्रेजों के जुल्मों सितम को भी पीछे छोड़ दिया है। बदले की आग में अंधी होकर तथा सम्पूर्णतया राजनीतिक संतुलन खोकर अब खट्टर सरकार गैर-संवैधानिक ऊल-ज़लूल कानून विधानसभा में जबरन पारित करवाने में लगी है। आज हरियाणा विधानसभा में ‘सम्पत्ति-छति वसूली अधिनियम, 2021’ पेश किया जा रहा है। यह अपने आप में खट्टर सरकार द्वारा प्रदेश में बोलने, सोचने, विरोध करने, प्रदर्शन करने तथा सरकार की ख़ामियां व ग़लतियाँ बताने वाले हर व्यक्ति और समूह पर सदा-सदा के लिए पाबंदी लगाने वाला कानून है। न केवल यह कानून अभिव्यक्ति की आजादी के संविधान की धारा -19 में निहित मौलिक अधिकार का उल्लंघन करता है, बल्कि भाजपा-जजपा सरकार की हरियाणा की जनता से भयभीत मानसिकता व कुंठा को दर्शाता है। क्या खट्टर सरकार जवाब देगी:- 1. क्या हरियाणा के राष्ट्रीय राजमार्ग जेसीबी मशीनों से खुदवाना और किसानों को शांतिपूर्वक तरीके से दिल्ली जाने से रोकना अपने आप में राष्र्टीय सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाने का अपराध नहीं? क्या मुख्यमंत्री, श्री मनोहर लाल खट्टर व उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला इस अपराध के दोषी नहीं? 2. क्या सड़कों व राष्ट्रीय राजमार्ग पर खड्डे खुदवाना, नुकीले तार लगवाना, बड़े-बड़े पत्थर फेंकवाना व कीलें गड़वाना अपने आप में अपराध नहीं? क्या श्री मनोहर लाल खट्टर व श्री दुष्यंत चौटाला को इसकी सज़ा नहीं मिलनी चाहिए? 3. क्या ऊपर लिखे कानून के ‘उद्देश्यों एवं कारणों का विवरण’ में साफतौर से ये नहीं लिखा कि यह कानून“आयोजकों, ——— आदि के मन में डर पैदा करने के लिए एक कानूनी ढांचा” है? क्या खट्टर सरकार अब देश की पहली सरकार बन गई है, जो प्रदेश व केन्द्र की सरकार का विरोध करने वाली जनता को डराने का कानून बना रही है? 4. क्या प्रदेश में बोलने, विरोध करने, प्रदर्शन करने की सम्पूर्ण आजादी को पूरी तरह से खत्म करने के लिए यह कानून नहीं बनाया जा रहा? 5. क्या खट्टर-दुष्यंत चौटाला की जोड़ी अब इतनी निर्दयी हो गई है कि 250 किसानों की कुर्बानी के बावजूद, कीलें लगवाने और सड़कें खुदवाने के बावजूद, अब मेहनतकश व देश का पेट पालने वाले किसानों और मजदूरों की सम्पत्ति की कुड़की पर उतर आई है? श्री मनोहर लाल खट्टर व श्री दुष्यंत चौटाला जान लें कि देश की माटी को संजोने वाला किसान, पसीना बहाने वाला मजदूर और उनके साथी आड़ती व दुकानदार इन गीदड़ भभकियों से डरने वाले नहीं हैं। ये भी समझ लें कि डर के आगे जीत है। हरियाणा और देश का किसान व मजदूर लड़ेगा भी और इस अहंकारी सरकार से जीतेगा भी। Post navigation वीएलडीडी डिप्लोमा और पशु चिकित्सा पढ़ाई के लिए राजकीय एवीएलडीडी कॉलेज का निर्माण तीन करोड़ राशन कार्ड रद्द किए जाने की इंडियन नेशनल लोकदल कड़ी निंदा करता है: प्रकाश भारती