कुंडू के ज्वलंत सवालों का सत्ता पक्ष नहीं दे पाया संतोषजनक जवाब. कुंडू बोले अगर नए कृषि कानून इतने ही बढ़िया हैं तो बॉर्डर पर जाकर किसानों को समझाते क्यों नहीं सरकार के मंत्री. बढ़ते अपराध के लिए सरकार की बेरोजगारी बढ़ाने वाली गलत नीतियां जिम्मेदार. हरियाणा बेरोजगारी में नम्बर 1 लेकिन राज्य सरकार को नहीं है जरा भी चिंता – कुंडू

चंडीगढ़,16 मार्च : बजट अभिभाषण पर चर्चा के दौरान महम के निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू ने आज एक बार फिर से राज्य की गठबंधन सरकार पर जमकर सवाल दागे जिनका कोई संतोषजनक जवाब देने की बजाय सरकार के मंत्री बचाव की मुद्रा में खड़े नजर आए। कुंडू ने खासकर किसानों के मुद्दों को लेकर सरकार पर ताबड़तोड़ हमले किये और कई बार सत्ता पक्ष के साथ नोंकझोंक की स्थिति उत्पन्न हुई। कुंडू ने सरकार के मंत्रियों को दिल्ली बॉर्डर पर चल रहे किसान धरनों पर पहुंचकर किसानों को नए कानूनों के फायदे समझाने का चैलेंज तक दे डाला और कहा कि अगर ये तीनों नए कृषि कानून इतने ही बढ़िया हैं तो आप लोग क्यों नहीं दिल्ली बॉर्डर पर चल रहे धरनों पर पहुंचकर किसानों को समझाते।

बलराज कुंडू ने कहा कि बजट में सरकार बड़ी चालाकी से आंकड़ों की कलाबाजियां दिखाते हुए कृषि समेत शिक्षा का भी बजट कम करने का काम किया है तो ऐसे में सोचा जा सकता है कि सरकार की नीयत और नीतियां कैसी हैं। उन्होंने कृषि और किसानों से जुड़े मुद्दों के अलावा खासकर बेरोजगारी के मुद्दे पर भी सरकार की नीतियों पर जमकर सवाल उठाए। कुंडू ने कहा कि सरकार की गलत नीतियों का ही परिणाम है कि आज बेरोजगारी के मामले में हरियाणा देश भर में नम्बर 1 पोजिशन पर खड़ा हुआ है। सरकार की ये कैसी नीतियां हैं जिनमे बाहर प्रदेशों के लोगों को तो नौकरियां दी जा रही हैं लेकिन हरियाणा के बेरोजगार युवा धक्के खाने को मजबूर हैं। यह बेरोजगारी का ही दुष्परिणाम है कि आज हरियाणा का युवा वर्ग हताश होकर बड़ी तेजी से अपराध की दलदल में धंसता जा रहा है। बजट में सरकार की ओर से बेरोजगारों को रोजगार देने के लिए कोई विजन नजर नहीं आता। उन्होंने कहा कि सरकारी नौकरी लगातार कम होती जा रही हैं और ठेका प्रथा चल रही है। ऐसा महसूस होता है जैसे सरकार को प्रदेश के भविष्य की कोई चिंता नहीं है। इसके अलावा कुंडू ने बजट पर चर्चा के दौरान महंगाई के मुद्दे के अलावा अपने महम हल्के के विकास को लेकर भी अपनी मांग उठाई और महम अस्पताल के सुधारीकरण समेत महम में लड़कियों के अलग कालेज की दौबारा वकालत की।