हरियाणा का पेट भरने वाला शहर आज उपेक्षाओं का शिकार क्यों हुआ शहर के तीनों विधायक क्या चौथे विधायक का भी समर्थन भाजपा को ही है तो क्या यह चारों बताएंगे कि गुरुग्राम को बजट में खाली हाथ क्यों रखा गया या फिर यह राव इंद्रजीत सिंह का क्षेत्र है इसलिए जानबूझकर अनदेखी की गई और फिर खट्टर साहब भी तो आए दिन गुरुग्राम में ही डेरा डाले रहते हैं तो क्या महज यहां से रेवेन्यू एकत्रित करने के लिए ही कष्ट निवारण समिति के अध्यक्ष बने हुए हैं ? 100 बैड का अस्पताल बनना था जो मूलभूत सुविधाओं में शुमार होता है बना नहीं , जर्जर हालत में बस स्टैंड है जिसे दूसरे स्थान पर बनाना था मगर कोई जिक्र तक नहीं , बजट में ख्याल रखा नहीं गया , ट्रांसपोर्टेशन सुविधाए हैं नहीं , लेबर लॉ के कारण कंपनियां यहां से पलायन करने जा रही हैं , बेरोजगारी दर पहले से अधिक बढ़ गई है , पार्किंग व्यवस्था हैं नहीं – क्या ईन चारों विधायकों से पूछा नहीं जाना चाहिए कि आपने क्षेत्र के लिए क्या किया और क्यों कोई शब्द तक नहीं बोल पाए अपनी ही सरकार के समक्ष , या फिर इन्हें मोदी जी के जयकारे लगाने के लिए ही यहाँ से चुना गया था – फिर सवाल सांसद साहब से भी क्यों न पूछा जाए कि क्या वजह रही आपके मोनधारण की – क्या दो शब्द भी आपके मुँह से नहीं निकल सके आखिर क्यों ? सांसद साहब मान लिया कि यहाँ की जनता शांतिप्रिय है मगर मूर्ख नहीं है देख रही है आपकी लॉयल्टी को समय आने पर जवाब देगी याद रखना ! हरियाणा सरकार का बजट गुरुग्राम के पक्ष में भले ही न रहा हो मगर हरियाणा के पक्ष का भी नहीं है क्योंकि गुरुग्राम की अनदेखी का अर्थ है हरियाणा की अनदेखी । बकौल तरविंदर सैनी (माईकल) विधानसभा गुरुग्राम का मानना है कि जो सरकार बजट पूर्व 5100 पेंशन करने के लिए प्रचार कर रही थी यहां तक कि नैना चौटाला जी ने भी व्यापक पैमाने पर प्रचार किया था वह मिली जुली सरकार पांच सो रुपए भी नहीं बढ़ा पाई महज अढ़ाई सो रुपए बढ़ाकर ही वाह-वाहीयाँ लूट रही थी । हम तो पूछेंगे विधायक साहब आपने गुरुग्राम को क्या दिया ? Post navigation विधायक सुधीर सिंगला तथा मेयर ने ट्रांसफोर्मिंग सदर बाजार प्रोजैक्ट पर अधिकारियों के साथ की चर्चा जब तक सरकार तीनों काले कानूनों को वापस नहीं ले लेती आंदोलन जारी रहेगा : चौधरी संतोख सिंह