28 मार्च को देशभर में होली दहन में किसान विरोधी कानून जलाएंगे.
मोदी सरकार अपने देशी-विदेशी पूंजीपति आकाओं के दबाव में.
आंदोलन को और तेज करने के अलावा कोई विकल्प शेष नहीं

फतह सिंह उजाला
खेड़ा बॉर्डर ।
 दिल्ली-जयपुर नेश्सनल हाईवे पर शाहजहांपुर-खेड़ा बॉर्डर पर शनिवार को 91 वें दिन भी किसान-आंदोलन के तहत महापड़ाव जारी रहा।  आमसभा को संबोधित करते हुए किसान- नेताओं ने कहा कि लगातार सौ दिन से शांति पूर्ण और अनुशासित आंदोलन चलने के बावजूद केन्द्र की भाजपा-आरएसएस सरकार के कानों पर जूँ तक नहीं रेंग रही है । इससे यह साबित हो गया है कि सरकार किस कदर अपने देशी-विदेशी पूंजीपति आकाओं के दबाव में है। अतरू देश के किसानों के सामने आंदोलन को और तेज करने के अलावा और कोई विकल्प शेष नहीं बचा है

15 मार्च कॉरपोरेट विरोधी-दिवस   
देश भर में किसानों ने आगे की रणनीति बना कर आंदोलन को तेज करने की तैयरियों को शुरू कर दिया है। आगे के निम्नलिखित कार्यक्रमों के लिए व्यापक रूप से तैयारियां चल रही हैं।  15 मार्च कॉरपोरेट विरोधी-दिवस व सरकार-विरोधी दिवस मनाया जाएगा जिसमे डीजल, पेट्रोल, रसोई गैस व अन्य आवश्यक वस्तुओं के बढ़ रहे दामो के खिलाफ क्ड और ैक्ड को ज्ञापन देकर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।  इसी दिन देशभर के रेलवे स्टेशनों पर मजदूर संगठनों के साथ निजीकरण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।

17 से 28 तक ऐसे होगा विरोध
17 मार्च को मजदूर संगठनों  व अन्य जान अधिकार संगठनों के साथ 26 मार्च के प्रस्तावित भारत बंध को सफल बनाने के लिए एक कन्वेंशन की जाएगी। 19 मार्च को मुजारा लहर का दिन मनाया जाएगा और थ्ब्प् और खेती बचाओ कार्यक्रम के तहत देशभर की मंडियों में विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।  23 मार्च को शहीद भगत सिंह के शहीदी दिवस पर देशभर के नौजवान दिल्ली बोर्डर्स पर किसानों के धरनों पर शामिल होंगे। 26 मार्च को इस अन्दोलन के 4 महीने होने पर पूर्ण रूप से भारत बंद किया जाएगा। 28 मार्च को देशभर में होली दहन में किसान विरोधी कानून जलाए जाएंगे।  किसान आमसभा को कुन्दन लाल, मुंशीराम सैनी, आशाराम चैधरी, करण सिंह, हरफूल सिंह,महावीर खरबास, राजवीर सिंह, रामकिशन महलावत, सतनाम सिंह, अमरजीत सिंह,शिवराज सिंह, अजायब सिंह, मोहन लाल और राजाराम मील व अन्य के द्वारा संबोधित किया गया।

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