हरियाणा बनने के बाद सीएम खट्टर का सबसे खट्टा बजट: कैप्टन अजय

किसानों के हाथ एक बार फिर पहले की तरह खाली रहे गए.
न सस्ती शिक्षा और न ही शिक्षित युवाओं को नौकरी की बात

फतह सिंह उजाला

पटौदी। हरियाणा बनने के बाद का सबसे बेकार बजट इस बार मनोहर लाल खट्टर ने बतौर वित्त मंत्री पेश किया। कोरोनो काल और लॉकडाउन के बाद हर वर्ग को बजट से बहूत आसाएं थी, लेकिन सभी की आशाओं पर पानी फेर दिया गया। पूरे देश के किसान धरने पर बैठे हैं। किसानों को बहूत उम्मीद थी कि उनके न्यूतम समर्थन मूल्य की ओर ध्यान दिया जाएगा। लेकिन इस बजट के बाद किसानों के हाथ पहले की तरह खाली रहे गए। दूसरी तरफ बजट में प्रदेश के लाखों प्रतिभावन छात्र-छात्राओं के लिए कुछ भी नही है। न ही कहीं सस्ती शिक्षा की बात है न ही शिक्षित युवाओं के लिए नौकरियों की। बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए हुए पूर्व वित्त मंत्री कैप्टेन अजय सिंह यादव ने कहा कि इसके अलावा अभी हाल ही में हुई कोरोना महामारी ने पोल खोल दी की हमारी स्वास्थ्य सेवाओं की क्या स्थिती है। उसके बावजूद भी इस बजट में स्वास्थ्य सेवाओं को कुछ नही दिया। इसलिए यह कह सकते हैं कि यह बजट दिशाहीन, निराश और अप्रगतिशील बजट है।

मेवात की नहीं की कोई बात
पूर्व मंत्री यादव ने कहा कि दक्षिणी हरियाणा प्रदेश की हिस्से में तो कुछ आया ही नही है। खट्टर साहब दक्षिणी हरियाणा को तो भूल ही गए। दक्षिणी हरियाणा में केंद्र की योजना एम्स, डिफेंस युनिवर्सिटी बिनौला इत्यादि हैं। खट्टर साहब को शायद पता ही नही कि मेवात भी हरियाणा राज्य का हिस्सा है। सरकार को बताना चाहिए था कि मेवात के विश्वविद्यालय और रेल लाईन का क्या होगा। इस तरफ सरकार का ध्यान बिल्कुल नही है। जब हरियाणा में चुनाव थे तो भाजपा को मनेठी एम्स याद रहा उसके बाद भूल गए। शिक्षा और स्वास्थय सुधार के लिए बहुत ही कम वृद्वि की गई है, जबकि शिक्षा और स्वास्थय पर ठोस बजट आना चाहिए था। सबसे जरूरी बात रोजगार की है, बजट में रोजगार का भी कोई जिक्र तक नही है। इस बजट में किसानों, युवाओं, व्यापारियों, कर्मचारियों के लिए कुछ भी नया नही है।

महिला सुरक्षा पर कोई जिक्र नही
यादव ने कहा कि बजट में शिक्षा और स्वास्थ्य दोनों पर ही कोई ध्यान नही दिया गया है। रेवाडी में एम्स, माजरा श्योराज में मेडिकल कॉलेज, रेवाडी के लडकों के कॉलेज इत्यादि का कोई जिक्र इस बजट में नही है। प्रदेश में कैंसर के अस्पताल खोलने चाहिए। महिला सुरक्षा पर सरकार क्या कर रही है और पेश किए गए बजट में महिला सुरक्षा को लेकर कोई जिक्र नही है। राज्य में कानून व्यवस्था का बुरा हाल है रोजाना हर 5 घंटे में एक महिला से दुष्कर्म हो रहा है, रोजना 3 मर्डर और 11 अपहरण हो रहे हैं इसके अलावा हर घंटे 2 घरों के ताले टूट रहे हैं। महिला उत्पीडन के मामलों में 17 फीसदी ईजाफा हो रहा है। इन सभी बातों का जिक्र रोजाना अखबारों में भी होता है।

सरकार को जीएसटी में राहत देनी चाहिए
पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि मंहगाई सांतवे आसमान पर है, रोजमर्रा की वस्तुओं से लेकर, बिजली के दाम, किसान भाईयों के खाद्द-बीज, गैस सिलेंडर, पेट्र्रोल-डीजल सभी ने कमर तोड रखी है। बजट में इस पर बिल्कुल भी ध्यान नही दिया गया। यादव ने कहा कि इस बजट में पुरानी पेंशन स्कीम और पंजाब के समाने वेतन का भी जिक्र नही किया गया। हरियाणा पूरे देश में सबसे ज्यादा बेराजगारी झेल रहा है। बेराजगारी से निपटने के लिए बजट में कोई विशेष ऐलान नही किया गया। उद्योगों को आकर्षित करने के लिए सरकार के पास कोई योजना ही नही है। ओटो मोबाइल कंपनी बंद होने लग रही हैं, छोटे व्यापारी मंदी की मार सह रहे हैं, इनके लिए सरकार को जीएसटी में राहत देनी चाहिए थी। कैप्टेन अजय सिंह ने कहा कि किसानों को लागत से दोगुणा फायदा हो इसके लिए सरकार ने बजट में क्या किया। बजट में किसानों के लिए किसी प्रकार की सबसीडी नही दी गई है।स्वामी नाथन आयोग की रिर्पोट अभी तक लागू नही हो रही है। एस वाई एल को अभी तक काम शुरू क्यों नही हो पाया है। जो सरकार ने बजट में पैसा दिया है उससे क्या होगा।

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