भिवानी/मुकेश वत्स

 महिलाएं टिक-टोक, फेसबुक व अन्य सोशल प्लेटफार्म की चुनौतियों को ना पकड़े, अपितु सामाजिक चुनौतियों का सामना करें। ये बात हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के सचिव राजीव प्रसाद ने आदर्श महिला महाविद्यालय में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर महिला प्रकोष्ठ ‘नवज्योति’ के तत्वावधान में आयोजित अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर कही।

उन्होंने कहा कि महिलाएं आत्मविश्वास के साथ काम करें और यदि कोई उन्हें प्रताडि़त करे तो उसका मुखर होकर विरोध करें। महिलाएं इस बात का भी ध्यान रखें कि अत्याचार को सहना भी अपराध है, इसलिए अत्याचार के खिलाफ अपनी बुलन्द आवाज को मुखर करें और अपनी सहायता स्वयं करें। समारोह में राजीव प्रसाद ने द्रौपदी एवं सीता का उदाहरण देते हुए कहा कि भारत के नवनिर्माण में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें।

समारोह में मुख्य वक्ता डाक्टर रश्मि बजाज ने अपने वक्तव्य में छात्राओं को प्रेरित करते हुए कहा कि आज के युग में छात्राएं सेल्फी लेने को बड़ा काम मानती है, बल्कि उनको सैल्फी से सैल्फ इंपावरमैंट की ओर बढऩा चाहिए। वहीं सही मायने में महिला सशक्तिकरण है। उन्होंने छात्राओं को स्वावलंबी बनने का आह्वान करते हुए कहा कि स्त्रीवाद का नारा पूरी दुनिया में भारत ने बुलंद किया था। उन्होंने संविधान निर्माण में डॉ. भीमराव अंबेडकर की सहयोगी हंसा महता का जिक्र करते हुए कहा कि संविधान में भी महिला सशक्तिकरण के लिए आवाज उठाने वाली वो साहसी महिला थी।

कार्यक्रम अध्यक्ष दर्शना गुप्ता ने महिलाओं की परिस्थिती पर खुल कर चर्चा करते हुए कहा कि आज इस स्त्री पुरूष की सहभागिता के बिना अधुरी है। महिला न केवल घर संभालती है, बल्कि बच्चों का लालन-पालन के साथ-साथ व्यापार एवं उद्योग में भी पूर्ण सहभागिता का अपना लौहा मनवा रही है।

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