– हरियाणा के युवाओं को सामाजिक और आर्थिक न्याय देगा 75 प्रतिशत आरक्षण अधिनियम – दुष्यंत चौटाला चंडीगढ़, 6 मार्च। प्रदेश के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा है कि देश के विकास में हरियाणा का पूरा योगदान होने के बावजूद राज्य की बेरोजगारी दर बढ़ना और हरियाणा के युवाओं को नौकरियों से वंचित रखना कई सवाल खड़े करता है और इन सबका जवाब हरियाणा के युवाओं को 75 प्रतिशत आरक्षण देकर ही दिया जा सकता था इसलिए हरियाणवी युवाओं के रोजगार के अवसर बढ़ाने तथा उन्हें अपना हक दिलाने के लिए 75 प्रतिशत रोजगार बिल सरकार लेकर आई है। उन्होंने बताया कि भौगोलिक और जनसंख्या दोनों में हरियाणा भारत का एक छोटा प्रदेश है लेकिन इसके बावजूद सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक रूप में देश की तरक्की और समृद्धि में हरियाणा का योगदान बहुत ज्यादा है। उन्होंने कहा कि देश की जीएसटी में हरियाणा का योगदान 4.7 प्रतिशत, रक्षा सेवाओं जैसे कि आर्मी, नेवी, एयर फोर्स आदि में भी हरियाणा की भागीदारी 10 प्रतिशत से कम नहीं है। वहीं शिक्षा, तकनीक, सामान्य सेवाओं, खेलों के क्षेत्र में तो ये भागीदारी और भी कई गुणा बढ़ जाती है। उन्होंने कहा कि गुरुग्राम, फरीदाबाद, सोनीपत आदि जिलों ने लाखों एकड़ जमीन देकर, हजारों एकड़ जमीन में घर, हाइवे, कारखाने, कार्यालय बनवाकर हरियाणा ने न सिर्फ देश की राजधानी का बोझ कम किया बल्कि ट्रैफिक जाम आदि की समस्याओं से मुक्ति दिलवाई है। लेकिन देश के विकास, गौरव और सुविधाओं में इतना बड़ा योगदान देने के बावजूद हरियाणा अपने नागरिकों की आर्थिक, सामाजिक सुरक्षा की रक्षा करने में पीछे रहा है। उन्होंने कहा कि दूसरे राज्यों के लोगों को रोजगार, घर सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा देने वाले हरियाणा राज्य में बेरोजगारी दर बढ़ी। डिप्टी सीएम ने कहा कि पिछले दो दशक में लाखों एकड़ जमीन अधिग्रहण करके जो कारखाने, कंपनियां हरियाणा में लगी उसमें हरियाणा के मूल निवासी तो 15 प्रतिशत से भी कम है और एक लाख रुपए सैलरी जैसी पोस्ट वाली बड़ी नौकरियों में तो ये प्रतिशत एक से भी नीचे है। उन्होंने कहा कि हरियाणा के युवाओं की प्रतिभा, कौशलता और परिश्रम में कोई कमी नहीं है क्योंकि देश की रक्षा सेवाओं में, सामान्य सेवाओं आदि में अन्य राज्यों से कई गुणा ज्यादा योगदान है। दुष्यंत ने कहा कि राज्य के युवा आईएएस, आईआईटी, मेडिकल जैसी परीक्षाएं टॉप कर रहे हैं तो वहीं खेलों की मेडल अंक तालिका में भी हरियाणा ऊपर रहा है। उन्होंने रोजगार बिल को हरियाणा के लिए समय की जरूरत व प्रदेश का हक बताते हुए कहा कि 75 प्रतिशत आरक्षण अधिनियम एक तरफ रोजगार देकर हरियाणा के युवाओं को सामाजिक और आर्थिक न्याय प्रदान करेगा, दूसरी तरफ प्रति व्यक्ति आय बढ़ाकर, उद्योगों की उत्पादकता बढ़ाकर, सौहार्द्र का माहौल बनाकर देश के आर्थिक विकास में और बढ़-चढ़कर योगदान देगा। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ लोग हरियाणा सरकार द्वारा पास किए 75 प्रतिशत आरक्षण अधिनियम की संवैधानिकता पर सवाल उठा रहे है लेकिन ‘हरियाणा स्टेट एम्प्लॉयमेंट ऑफ लोकल कैंडिडेट एक्ट’ पूर्ण रूप से संवैधानिक है और संविधान के किसी भी प्रावधान का उल्लंघन नहीं करता। उन्होंने कहा कि संविधान का अनुच्छेद 16 सिर्फ राज्य सरकार के अंतर्गत आने वाली नौकरियों में निवास स्थान के आधार पर आरक्षण देने पर पाबंदी लगाता है, न कि प्राइवेट रोजगारों पर। बल्कि देश का संविधान तो कहीं न कहीं प्राइवेट नौकरियों में आरक्षण के पक्ष में है क्योंकि संविधान के नीति निर्देशक सिद्धान्तों में राज्य को निर्देश दिया गया है कि वो नागरिकों को रोजगार दें। उन्होंने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 21 में रोजगार को एक मौलिक आधार माना गया है और राज्य सरकार की ये संवैधानिक जिम्मेदारी है कि वो रोजगार देने के लिए कानून बनाएं। उपमुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि इस कानून से कंपनियों, उद्योगों, अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक असर नहीं पड़ेगा क्योंकि 75 प्रतिशत आरक्षण अधिनियम को सभी उद्योगपतियों, कंपनियों आदि से आठ दौर की चर्चा के बाद सहमति से ड्राफ्ट किया गया है। Post navigation मन मैला – तन उजला – बगुला कपटी अंग…संवेदनहीन सत्ता और सताए गए किसानों के 100 दिन मुख्यमंत्री कार्यालय के ट्विटर हैंडल पर किसानो की सुनवाई