8 मार्च महिला दिवस पर हारट्रोन महिला कर्मचारी वेतन विसंगतियों को लेकर करेंगी ट्वीट

रमेश गोयत

पंचकूला। हारट्रोन के माध्यम से विभिन्न विभागों में कार्य कर रही सॉफ्टवेयर डिवेलपर व नेटवर्क इंजीनियर का वेतन आज भी डीसी रेट पर लगे एक धोबी कर्मचारी के वेतन से कम है, जिस कारण सभी महिला कर्मचारियों में काफी रोष है और सभी महिला कर्मचारी 8 मार्च को वेतन विसंगति को लेकर ट्विट करेंगी। इस संबंध में जानकारी देते हुए हारट्रोन कर्मचारी बबीता व अनुराधा ने बताया कि उनके वेतन में पिछले 5 सालों में बिल्कुल भी बढ़ोतरी नहीं हुई। इसके लिये वे आईटी निदेशक रविंद्र सिंह को भी कई बार लिखित रूप में दे चुकी है लेकिन आज तक उनकी कोई सुनवाई नही हुई। सभी महिला कर्मचारियों का कहना है कि एक तरफ हरियाणा व केंद्र सरकार बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान पर जोर दे रही है और दूसरी तरफ बेटियों के साथ ही अन्याय हो रहा है।

उन्होंने बताया कि हारट्रोन के सभी आईटी प्रोफेशनल ने हरियाणा सरकार को दो बार डिजिटल सम्मान भी दिलवाया है, इसके बावजूद भी हारट्रोन के इन कर्मचारियों की तरफ सरकार का कोई ध्यान नही है। हारट्रोन के माध्यम से लगे ये कर्मचारी दिन-रात मेहनत करते है और सभी प्रकार के डिजिटल कार्य इन्हीं कर्मचारियों द्वारा किये जाते है। हरियाणा सरकार द्वारा सभी कार्यालयों में ई-आॅफिस पर कार्य करने पर जोर दिया जा रहा है। यह कार्य केवल हारट्रोन कर्मचारी ही संभाल रहे है। सब कुछ आॅन लाईन किया जा रहा है, लेकिन इस कार्य को संभालने वाले और कार्य को सुचारू रूप से करने वाले कर्मचारी आज भी भेदभाव झेल रहे है। इन कर्मचारियों को आज भी जॉब सिक्युरिटी नहीं मिली हुई। न ही इन कर्मचारियों को रेगुलर कर्मचारियों की तरह अन्य सुविधायें प्राप्त है।

उन्होंने बताया कि आज इन कर्मचारियों की हालत ऐसी है कि हर रेगुलर कर्मचारी हारट्रोन के माध्यम से लगे इन कर्मचारियों पर आॅफिसर बना हुआ है, चाहे व क्लर्क ही क्यों न हो। अधिकारी द्वारा किसी भी रेगुलर कर्मचारी को दिया जाने वाला कार्य इन कर्मचारियों से ही पूरा करवाया जाता है। तब भी इन कर्मचारियों को न तो समान वेतन दिया जा रहा है और न ही समान सुविधायें।

बबीता ने बताया कि घर को चलाने के लिये उन्हें कार्य करना पड़ता है, लेकिन इतने कम वेतन और महगांई के इस दौर में, इतनी कम सैलरी में गुजराना करना काफी मुश्किल हो रहा है। हम अधिकारियों व मंत्रियों से भी कई बार इस बारे अनुरोध कर चुके है, लेकिन हमारी समस्या की तरफ कोई ध्यान नहीं दे रहा है। क्या हमारे समाज में जब तक समस्या अपनी नहीं हो जाती, तब तक कोई ध्यान नहीं देगा। उन्होंने बताया कि सभी महिला कर्मचारी 8 मार्च को महिला दिवस पर ट्वीट कर सरकार व आम जनता को उनके वेतन विसंगतियों के बारे में जानकारी देंगी।

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